संविदाकर्मियों को नियमित करे सरकार- पूनियां ने CM गहलोत को पत्र लिखकर दिलाई चुनावी वादे की याद

कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र- 2018 (पेज नं0. 15 के पैरा 03 और पेज नं0. 34 के पैरा 05) में संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन कांग्रेस सरकार के लगभग 4 वर्ष के शासनकाल में संविदाकर्मियों के नियमितीकरण को लेकर निर्णय नहीं लिया- सतीश पूनियां

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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव 2023 में अब लगभग एक साल का समय शेष बचा है. प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस की गहलोत सरकार जहां हर साल होने वाली बजट घोषणाओं को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाने में जुटी है तो वहीं प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा सरकार पर अभी तक भी चुनावी घोषणा पत्र के वादे ही पूरा नहीं करने के आरोप लगा रही है. इसी कड़ी में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर राज्य के संविदाकर्मियों को नियमित करने की मांग की है. पूनिया ने अशोक गहलोत को पत्र लिखकर कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र- 2018 (पेज नं0. 15 के पैरा 03 और पेज नं0. 34 के पैरा 05) में संविदाकर्मियों को लेकर जो वादा किया था, उसे पूरा करना चाहिए.

सीएम अशोक गहलोत को लिखे पत्र में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने लिखा कि अपने चुनावी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने कहा था कि संविदाकर्मियों और पंचायत सहायकों के अन्तर्गत कार्यरत कर्मचारियों की समस्याओं का यथोचित समाधान कर नियमित किया जाएगा, लेकिन कांग्रेस सरकार के लगभग 4 वर्ष के शासनकाल में संविदाकर्मियों के नियमितीकरण को लेकर निर्णय नहीं लिया है. राज्य सरकार ने कैबिनेट मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में सब कमेटी गठित होने के बाद भी संविदाकर्मियों को नियमित करने पर विचार नहीं किया. सरकार को तत्काल रूप से संविदाकर्मियों को नियमित करना चाहिए.

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सतीश पूनियां ने आगे लिखा कि राज्य की कैबिनेट ने भी संविदाकर्मियों को नियमित करने के बजाए संविदाकर्मियों की भर्ती से लेकर नौकरी से हटाने तक के प्रावधान कर दिए और यह भी निर्णय किया कि किसी भी संविदाकर्मियों को 5 वर्ष से अधिक समय के लिए नहीं रखेंगे और कॉन्ट्रेक्ट खत्म होते ही नियुक्ति समाप्त मानी जाएगी, जबकि राज्य सरकार 2018 में घोषणापत्र में किए गए वादे से मुकर रही है और लाखों संविदाकर्मियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. इसके साथ ही संविदाकर्मी से जुड़े लाखों परिवार भी प्रभावित हो रहे हैं.

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आगे गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए सतीश पूनियां ने कहा कि राजस्थान में लगभग 70 लाख अभ्यर्थियों ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाएं दीं, लेकिन लगभग एक लाख युवाओं को ही राज्य सरकार 4 वर्षों में रोजगार दे पाई, सरकार की कमजोर गवर्नेंस के कारण राज्य की 90 प्रतिशत से अधिक युवा आबादी रोजगार से दूर होती जा रही है. पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आग्रह करते हुए कहा कि जनहित को देखते हुए कांग्रेस के घोषणापत्र-2018 में किये वादे के अनुसार, राज्य के संविदाकर्मियों को नियमित करने का श्रम करावें, जिससे संविदाकर्मी राज्य के विकास में अपनी अग्रणी भूमिका निभा सकेंगे.

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