पॉलिटॉक्स न्यूज/यूपी. देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते मामलों को गंभीर मानते हुए लखनऊ के डीएम का खुले में मांस-मछली की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को बिलकुल भी रास नहीं आया. गिरिराज सिंह डीएम पर भड़क गए और उसे कम ज्ञान वाला व्यक्ति बता दिया. केंद्रीय मंत्री ने यहां तक कह दिया कि कुछ लोग कम ज्ञान होने की वजह से जानबूझकर वायरस से लोगों में दशहत फैला रहे हैं.
दरअसल, दुनियाभर के 17 से अधिक देशों में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. भारत में भी इसकी चपेट में आने वाले लोग मिले हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए और यूपी में संक्रमण के बढ़ते मामलों का जिक्र करते हुए लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश ने खुले में मीट, सेमी कूक्ड मीट और मछली की ब्रिकी पर प्रतिबंध लगा दिया. साथ ही होटल और रेस्टोरेंट को साफ-सफाई और हाइजिन का ध्यान रखने के भी निर्देश दिए.
किसान जनजागरण अभियान के बहाने खोयी सियासी जमीन तलाशने निकली कांग्रेस
डीएम के इस फैसले पर केंद्रीय डेयरी व मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह ने नाराज होते हुए डीएम को इस तरह के फैसले लेने से पहले भारत सरकार और कृषि अनुसंधान परिषद से सलाह जरूर लेने की नसीयत देते हुए कहा कि कुछ लोग कम ज्ञान की वजह से जानबूझकर दहशह फैला रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री ने इस संबंध में अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से टवीट करते हुए लिखा, ‘कोरोना का संबंध कहीं भी मछली, अंडे और चिकन से साबित नहीं हो पाया है. अफवाहों से बचें. मछली, अंडा और चिकन छोड़ने से प्रोटीन की कमी हो सकती है. अतः स्वच्छता का ध्यान रखें और सभी भोजन अच्छी तरह पका कर खाएं.’
अंडा मछली और मीट में करोना वायरस के झूठी अफवाह को देखते हुए मत्स्य पालन पशुपालन एवं डेरी विभाग के संयुक्त सचिव डॉक्टर ओपी चौधरी जी ने चिट्ठी के माध्यम से सभी से अपील किया है ..इसे जरूर पढ़ें और सब तक पहुंचाएं। pic.twitter.com/WNjfbVsTWd
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) March 5, 2020
गिरिराज सिंह ने कहा कि पशुपालन और डेयरी डिपार्टमेंट ने इस मामले में पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि अंडा, मीट या मछली से कोरोनावायरस नहीं फैलता है. गिरिराज ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि लखनऊ के जिलाधिकारी ने जिले में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. मैं सभी डीएम से निवेदन करता हूं कि वे इस तरह के कोई भी फैसला लेने से पहले भारत सरकार से जरूर सलाह लें.