पॉलिटॉक्स न्यूज. हाल में कोरोना संकट के चलते केंद्र सरकार ने खेल से जुड़े आयोजनों को बिना दर्शकों के कराने का फैसला लिया है. कुछ ऐसे ही फैसले दुनियाभर की सरकारों ने भी लिए हैं. विश्व में कोरोना संक्रमण के बढ़ते संकट को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. भारतीय क्रिकेट प्रबंधन ने भी इस बारे में हामी भरी है. हालांकि अभी किसी भी तरह का केलेंडर पास नहीं हुआ है. इस फैसले के बाद भारतीय क्रिकेटर्स का तो कोई रिएक्शन नहीं आया है लेकिन एक पूर्व विदेशी क्रिकेटर की प्रतिक्रिया इस बारे में जरूर आई है. उसने कहा है कि खाली स्टेडियम में खेलना बिना दुल्हन के शादी करना जैसा है.
रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर इस पूर्व पाक क्रिकेटर का नाम है शोएब अख्तर, जिन्होंने हेलो के लाइव सेशन में अपनी विचार रखें. पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर का मानना है कि खाली स्टेडियम में क्रिकेट खेलना क्रिकेट बोर्ड के लिए टिकाऊ हो सकता है लेकिन उससे क्रिकेट का न तो रोमांच आएगा और न ही इससे मार्केटिंग की जा सकती है. शोएब ने कहा कि खेल खेलने के लिए भीड़ चाहिए और मुझे उम्मीद है कि एक साल के भीतर कोरोना की स्थिति सामान्य हो जाएगी.
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अपनी बातों के बीच शोएब ने पुरानी यादें ताजा करते हुए 2003 क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत-पाक मैच का जिक्र किया जिसमें मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदूलकर शतक बनाने से दो रन से चूक गए थे. सचिन को शोएब ने ही अपनी तुफानी गेंदबाजी पर आउट किया था.
अख्तर ने कहा, ‘2003 वर्ल्ड कप में मैं बहुत दुखी था क्योंकि सचिन 98 रन पर आउट हो गए थे. यह बहुत खास पारी थी और उन्हें शतक बनाना चाहिए. मैं चाहता था कि वह शतक बनाएं. उस बाउंसर पर अगर वो छक्का लगाते तो मुझे मजा आता, जैसा कि उन्होंने पहले किया था. सचिन दो रन से शतक से चूक गए थे, हालांकि इसके बावजूद भारत ने छह विकेट से मैच जीत लिया’. बता दें, सचिन ने 75 गेंदों पर 98 रन की अपनी पारी में 12 चौके और एक छक्का लगाया था.