Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर राज्यों को केन्द्र सरकार की ओर से देय जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि की गणना राज्य के सकल राजस्व घाटे के आधार पर कर तुरन्त भुगतान करने और जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि बढ़ाने की मांग की है. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत राज्यों की अतिरिक्त उधार लेने की सीमा अगले वित्तीय वर्ष के लिए बढ़ाने का अनुरोध भी किया है.
आपको बता दें, मोदी सरकार के वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए संसद में पेश होने वाले केन्द्रीय बजट से पहले लिखे इस पत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की आर्थिक स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा है कि कोविड-19 महामारी का प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. सीएम गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी और उसके क्रम में लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन सहित विभिन्न प्रतिबंधों के हटने के बाद अब आर्थिक गतिविधियों का संचालन तो शुरू हो गया है, लेकिन स्थिति को सामान्य होने में लंबा समय लगेगा.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है कि केन्द्र सरकार की ओर से राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए भुगतान जून 2022 तक देय है, लेकिन वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों में इस अवधि को पांच वर्ष और बढ़ाकर जून 2027 तक जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए भुगतान किया जाए. सीएम गहलोत ने अपने इस पत्र में चालू वित्तीय वर्ष के लिए केन्द्र सरकार द्वारा जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि का आंकलन एवं भुगतान सकल राजस्व घाटे के आधार पर करने की पूर्व में रखी अपनी मांग भी दोहराई है.
इसके साथ ही सीएम गहलोत ने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों में चालू वित्तीय वर्ष के लिए राज्य सरकार ने सकल राज्य घरेलू उत्पाद की 2 प्रतिशत राशि अतिरिक्त उधार लेने का विकल्प चुना है. मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी से राज्य सरकार की प्रतिबद्ध देनदारियों के लिए वित्तीय संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 2 प्रतिशत अतिरिक्त उधार लेने के इस प्रावधान को अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए भी जारी रखने का आग्रह किया है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने इस पत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लिखा कि कोविड-19 महामारी के अर्थव्यवस्था पर पड़े नकारात्मक प्रभाव के क्रम में विकास की कमजोर गति के चलते सकल राज्य घरेलू उत्पाद के लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया जा सकेगा. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने यह भी लिखा कि राज्य में राजस्व संकलन का प्रवाह भी अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंच पाएगा. इसको देखते हुए मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि इन परिस्थितियों में आगामी केन्द्रीय बजट में अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए उपरोक्त सकारात्मक कदम उठाना अति-आवश्यक है.