पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन दिनों बेहद चिंतित है. देश में सबसे पहले 31 मार्च तक पूरे प्रदेश में लॉक डाउन करने की घोषणा करने वाले सीएम गहलोत ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कमजोर वर्गों को खाद्य एवं अन्य सुरक्षा सम्बधी अनुरोध करते हुए एक पत्र लिखा. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने जिला कलेक्टर्स एवं पुलिस अधीक्षकों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर समीक्षा बैठक ली, तो वहीं केंद्रीय एजेंसियों के उच्चाधिकारियों के साथ प्रदेश में सम्भावित स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक सहयोग की चर्चा भी की.
सीएम गहलोत ने कोरोना वायरस के संकट से प्रभावित पर्यटन, होटल एवं अन्य एमएसएमई इकाइयों को राहत देने तथा समाज के कमजोर वर्गों को खाद्य एवं सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से अनुरोध किया. सीएम गहलोत ने इस संबंध में लिखे पत्र में कहा कि वायरस संक्रमण के कारण प्रदेश के करीब 23 लाख निर्माण श्रमिकों, पांच लाख पंजीकृत कारखाना श्रमिकों तथा शहरी क्षेत्रों के करीब एक लाख स्ट्रीट वेंडर्स पर रोजगार का बड़ा संकट आ खड़ा हुआ है. केन्द्र सरकार इनके लिए राहत पैकेज की घोषणा करे ताकि ये वर्ग अपनी रोजी-रोटी जुटा सकें. सीएम गहलोत ने इसके साथ ही दिहाड़ी मजदूरों को खाद्य सुरक्षा और मनरेगा मजदूरों को बेरोजगारी भत्ता देने की मांग की.
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सीएम गहलोत ने पत्र में आगे कहा कि केन्द्र सरकार अपने क्षेत्राधिकार का उपयोग करते हुए पर्यटन, होटल एवं अन्य एमएसएमई इकाइयों को जीएसटी के भुगतान में छूूट दे अथवा इसे स्थगित करने पर विचार करे. साथ ही बैंक ऋणों की किस्तों के पुनर्निर्धारण और चालू वित्त वर्ष में आयकर के भुगतान में छूट देने या इसे स्थगित करने जैसे निर्णय कर उद्योगों को संबल प्रदान करे. पत्र में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि राज्य सरकार ने स्वयं पहल करते हुए प्रदेश में कोरोना से प्रभावित पर्यटन एवं होटल उद्योग के लिए आगामी वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एसजीएसटी प्रतिपूर्ति का आर्थिक पैकेज घोषित किया है और वार्षिक आबकारी शुल्क में भी छूट प्रदान की है. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने राज्य सरकार द्वारा कोरोना की रोकथाम के लिए किए गए फैसलों से अवगत करवाया. साथ ही सीएम गहलोत ने कोविड-19 के खिलाफ सामूहिक लड़ाई में राज्य सरकार की ओर से केन्द्र को पूर्ण सहयोग का विश्वास दिलाया.
सीएम गहलोत ने कोरोना वायरस केे संक्रमण से बचाव के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की पालना के लिए जिला कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए समीक्षा बैठक भी ली. इस दौरान सीएम गहलोत ने पूर्व में प्रदेशभर में लागू की गई धारा 144 कोे अब 20 लोगों के बजाय 5 लोगों तक ही सीमित करने के निर्देश दिए. सीएम गहलोत ने आगे चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को प्रोत्साहन के लिए 25 करोड़ का फण्ड देकर कोरोना महामारी से जीवन रक्षा जैसे पुनीत कार्य में लगे चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ के समर्पण की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने डॉक्टर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ को प्रोत्साहन के लिए 25 करोड़ रूपए का फण्ड बनाया है. अभूतपूर्व सेवाओं के लिए उन्हें प्रशंसा पत्र भी प्रदान किया जाएगा.
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सीएम गहलोत ने आगे कहा कि कोरोना संक्रमण की वैश्विक महामारी के कारण पूरी मानव जाति पर जीवन और मृत्यु का गंभीर संकट खड़ा हो गया है. हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम पूरी गंभीरता, योग्यता और क्षमता के साथ इस चुनौती का डटकर सामना करें. राज्य सरकार इस संकट की घड़ी में धन और संसाधनों में किसी तरह की कमी नहीं आने देगी. जिला कलेक्टर सुनिश्चित करें कि लॉकडाउन के दौरान किसी जरूरतमंद को परेशानी का सामना न करना पड़े और कोई भूखा नहीं सोए. खाद्य सामग्री सहित अन्य वस्तुओं की सप्लाई चेन नहीं टूटे, साथ ही सरकार की एडवाजरी की शत-प्रतिशत पालना सुनिश्चित हो.
सीएम गहलोत ने इस समीक्षा बैठक में आगे कहा कि वर्ष 2000 से 2003 तक राजस्थान में लगातार अकाल पड़े, हमारी सरकार ने उस समय अकाल का जो प्रबंधन किया उसकी पूरे देश में सराहना की गर्ई. घर-घर में हमने अनाज, पशुओं के लिए चारा पहुंचाया लेकिन आज का संकट उससे भी बड़ा है, ऎसे में हमें दिन-रात एक कर पूरी ताकत के साथ जुटना होगा. यह विपत्ति काल खुद को साबित करने का अवसर है.
इसके बाद सीएम आवास पर केंद्रीय एजेंसियों की बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में थल सेना, वायु सेना, बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, रेलवे, आकाशवाणी, दूरदर्शन, कस्टम आदि केंद्रीय एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक सहयोग के लिए चर्चा की गई. इस बैठक में सीएम गहलोत ने राज्य सरकार के सहयोग के लिए स्वयं पहल करने पर सेना के अधिकारियों की प्रशंसा की.
सीएम गहलोत ने इस बैठक में कहा कि कोरोना संक्रमण की इस चुनौती का सामना करने के लिए नागरिक प्रशासन के साथ-साथ सेना, बीएसएफ, अर्धसैनिक बल सहित अन्य केंद्रीय एजेंसियों का समन्वय भी आवश्यक है. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन आवश्यक होने पर सेना एवं अर्धसैनिक बलों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. सैन्य बलों ने हमेशा ही आपदा के समय नागरिक प्रशासन की आगे बढ़कर मदद की है.