पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रदेश में राज्यसभा चुनाव को लेकर मचे राजनितिक घमासान और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी पर विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोपों पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने जमकर पलटवार किया. पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर पाॅलिटिकल ड्रामा कर रहे हैं और वे ही इसके मुख्य सूत्रधार हैं. सीएम गहलोत षडयंत्रपूर्वक अनर्गल एवं तथ्यहीन बातें कर रहे हैं, वे दिमागी तौर पर असंतुलित है इसीलिए ऐसी तथ्यहीन बयानबाजी कर रहे हैं. सीएम गहलोत के पास विधायकों की हाॅर्स ट्रेंडिंग के कोई सबूत हैं तो साबित करें, नहीं तो प्रदेश की जनता और विधायकों से माफी मांगे, अन्यथा उनके झूठ का जवाब देने के लिए हमारे पास भी कानूनी रास्ते खुले है.
प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि राजस्थान की राजनीति में जो राजनीतिक वायरस फैलाया है, वो बेहद ही खतरनाक है और खुद अशोक गहलोत को इस वायरस से बचने के लिए योग, प्राणायाम एवं चिकित्सकीय परामर्श की आवश्कता है. राजस्थान में सचिन पायलट का आगमन मुख्यमंत्री बनने की महत्वकांक्षा के कारण हुआ था. सरकार के शपथग्रहण समारोह में भी सीएम गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट की अन्तर्कलह सामने आई थी, उसके बाद मंत्रीमण्डल विस्तार में भी दोनों के मतभेद साफ जाहिर हुए थे और इनकी इसी लड़ाई के कारण प्रदेश का मंत्रीमण्डल 20 दिन तक लटका रहा था, जिससे पूरा प्रदेश वाकिफ है.
सीएम गहलोत पर निशाना साधते पूनियां ने कहा कि राजस्थान में पिछले 18 महीने से इन्होंने लूट और झूठ के अलावा कुछ नहीं किया. प्रदेश कांग्रेस संगठन में एवं राज्य सरकार में किस तरह की गुटबाजी है इसके बारे में किसी भी प्रमाण की आवश्यकता नहीं है. गहलोत सरकार के कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, विधायक हेमाराम, भरत सिंह, विरेन्द्र सिंह के बयानों से स्पष्ट तौर पर पता लगा सकते है कि किस तरह मुख्यमंत्री गहलोत की कार्यशैली से इनकी सरकार के भीतर एवं बाहर नाराजगी है.
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पूनियां ने आगे कहा कि उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ना केवल सार्वजनिक कार्यक्रमों में बल्कि मीडिया के सामने भी कानून व्यवस्था एवं मुख्यमंत्री की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े कर चुके है. जिसमें मण्डावा की जनसभा में पायलट द्वारा दिया गया सम्बोधन देख लें या फिर कोटा के सरकारी अस्पताल में हुई बच्चों की मौत पर इन्होंने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया था. पायलट प्रदेश की बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था को लेकर भी राज्य सरकार पर कई बार सवाल खड़े कर चुके है.
सतीश पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सत्ता का दुरूपयोग और धन-बल का इस्तेमाल करके वर्ष 2008 व वर्ष 2019 में बसपा एवं निर्दलीय विधायकों को अंसवैधानिक तरीके से कांग्रेस में शामिल किया था, जिसमें विधायकों पर दबाव ड़ाले जाने की बातें भी सामने आई थी. कोरोना काल में राज्य सरकार के प्रबन्धन की बात हो या प्रदेश के विकास की बात हो, इन सभी मामलों में अशोक गहलोत का नेतृत्व नाकारा साबित हुआ. देश में 55 वर्षों तक राज करने वाली कांग्रेस ने लूट और झूठ के अलावा कुछ नहीं किया. कांग्रेस की लूट व झूठ को पीएम मोदी ने अपने कुशल व मजबूत नेतृत्व से बंद कर दिया है और देश को विकास के नये रास्ते पर लेकर जा रहे है.
कांग्रेस द्वारा भाजपा पर विधायकों की खरीद फरोख्त के लगाए जा रहे आरोप को लेकर पूनियां ने कहा कि हमारी किसी भी कांग्रेसी, किसी भी दल एवं निर्दलीय विधायकों से कोई बातचीत नहीं हुई, अन्र्तात्मा की आवाज से कोई विधायक भाजपा के साथ आना चाहें तो हम उनका स्वागत करते है. राजस्थान का कोई भी विधायक बिकाऊ नहीं है, मुख्यमंत्री ने स्वयं ही विधायकों की कीमत तय की है. वे अपनी सरकार की नाकामियों एवं कोरोना प्रबन्धन की नाकामियों को छुपाने के लिए बार-बार मीडिया में मनगढ़ंत बयान देकर खुद ही अपनी पार्टी के विधायकों की कीमत बता रहे है, उनको बदनाम कर रहे है, इसको लेकर उन्हें प्रदेश के सभी विधायकों से माफी मांगनी चाहिए.
सतीश पूनियां ने कहा कि लोकतंत्र बचाने का झूठा स्वांग रचने वाले अशोक गहलोत तो आपातकाल लगाकर लोकतंत्र को कुचलने वाली इन्दिरा गांधी के मंत्रीमण्डल में मंत्री रहे है. कांग्रेस की सरकारों ने अनुच्छेद 356 का विपक्षी दलों की विभिन्न राज्यों की सरकारों को गिराने के लिए 93 बार दुरूपयोग किया था. मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व से परेशान होकर भाजपा में आये. ऐसे ही प्रदेश में भी करीब 2 दर्जन से ज्यादा कांग्रेस के नेता मुख्यमंत्री गहलोत से दुःखी व परेशान है. अशोक गहलोत ना केवल भाजपा बल्कि अपने ही उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी बदनाम करने का षडयंत्र कर रहे है. वो अपने स्वार्थ में राजस्थान जैसे गौरवशाली प्रदेश की भी बदनामी करवाने से नहीं चूक रहे है.