पॉलिटॉक्स ब्यूरो. महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Gehlot on Modi) ने एक बार फिर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग करते हुए कहा है कि राज्यपाल महाराष्ट्र को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए उनकी भूमिका जो रही है वह बीजेपी से मिलीभगत करके रही है जो अनफॉर्चूनेट है. राज्यपाल की भूमिका जो होती है वह इस प्रकार होती है कि आप कन्वींस हो जाओ उसके बाद में आप रिकमंड करो कैबिनेट को, लेकिन कब तो रिकमेंड किया, कब सुनवाई हुई, कब फैसला हुआ, कब राष्ट्रपति महोदय ने साइन किए और सुबह 5:47 पर राष्ट्रपति शासन हट गया और 8:00 बजे शपथ हो गई, तो यह जो लुकाछिपी करके जो गेम हुआ है इसको लेकर पूरा देश स्तब्ध रह गया कि आखिर हुआ क्या?
मुख्यमंत्री गहलोत रविवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से मुखातिब हो रहे थे. महाराष्ट्र में भाजपा के मुख्यमंत्री के शपथ लेने तथा तीन दलों के सुप्रीम कोर्ट में जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा इस मामले पर अभी बोलना ठीक नहीं है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इस पर फैसला आने दीजिए उसके बाद ही इस पर कुछ बोलना ठीक होगा. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि हां, मैं इतना कह सकता हूं कि संविधान की शपथ लेकर राज्यपाल महोदय कुर्सी पर बैठते हैं. उन्होंने किस रूप में बीजेपी नेताओं से षडयंत्र करके बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह जी से मोदी जी (Gehlot on Modi) से एक षडयंत्र करके किस प्रकार से शपथ दिलाई गई वह निंदनीय है और नैतिक रूप से राज्यपाल महोदय को कुर्सी पर रहने का कोई अधिकार नहीं रहा है, यह मेरा मानना है.
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सीएम गहलोत ने कहा, अगर राष्ट्रपति और राज्यपाल महोदय कन्विन्स हो गए तो कोई दिक्कत नहीं थी, दिन में शपथ हो सकती थी, सबको सूचना देते, ढोल-नगाड़े बजते जो लाग मुंबई में थे वे आते, शपथ ग्रहण के गवाह बनते इसमें दिक्कत क्या थी? रात के अंधेरे में छिपकर, ऐसी कौन सी चिंता थी जो मोदी जी को, अमित शाह जी को भाजपा के नेताओं को कि रात के अंधेरे में यह सब किया गया, जो यह फैसला किया गया उसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है.
यह पूछे जाने पर की मोदी जी ने मन की बात की है पर महाराष्ट्र पर कुछ नहीं बोले, मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा (Gehlot on Modi), मोदी जी को चाहिए मन की बात के बजाए दिल की बात करें नंबर 1, नंबर दो सर्जिकल स्ट्राइक की बजाय जो उन्होंने फर्जी स्ट्राइक की है यह जो फर्जीवाड़े की स्ट्राइक की है इस पर मोदी जी को ध्यान देना चाहिए उनकी बगैर सहमति के यह संभव नहीं है, वो सर्जिकल स्ट्राइक थी यह फर्जीकल स्ट्राइक है इतना ही फर्क है, यह फर्जीकल स्ट्राइक और वो सर्जिकल स्ट्राइक. सर्जिकल स्ट्राइक का मतलब देश के लिए है और फर्जीकल स्ट्राइक का दुर्भाग्य देश का है.
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निकाय चुनाव में मिली सफलता पर सीएम ने कहा, निकाय चुनाव में जीतने की सबको खुशी है, पूरे प्रदेशवासियों को खुशी है क्योंकि एक मैसेज दिया है, मैं फिर बार-बार कहूंगा कि जिस रूप में मेंडेट मिला है उसके लिए हम आभारी है मतदाताओं के भी और जो इस प्रकार से जो माहौल बनाया गया राम मंदिर के नाम पर, धारा 370 के नाम पर जैसे कि अमित शाह जी बोलते हैं 50 साल तक राज करेंगे, इनको बड़ा भ्रम है जनता समझदार है देश की… मंदिर की जगह मंदिर है, 370 की जगह 370 है, राष्ट्रवाद की जगह राष्ट्रवाद है पर देश किस दिशा में जा रहा है कैसे लोकतंत्र कायम रहेगा, कैसे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि (Gehlot on Modi) देश में अभी जो इस प्रकार की हरकतें की जा रही है सभी क्षेत्रों में अगर रोकी नहीं गई तो देश को भुगतना पड़ेगा, देशवासियों को, प्रदेशवासियों को, नौजवानों को विशेष रुप से छात्रों को समझ जाना चाहिए कि देश किस दिशा में जा रहा है. अगर सही समय पर छात्र और नौजवान नहीं समझे तो कल के भारत का भविष्य उनके कंधों पर है, कल के भारत का भविष्य तो है ही है उनका खुद का भविष्य जुड़ा हुआ है अगर वह नहीं समझे तो बाद में सब लोगों को पश्चाताप करना पड़ेगा फिर कोई इलाज नहीं होगा और मेरा मानना है कि लोकतंत्र खतरे के अंदर है. अब मेरी बात को किस रूप में लोग लेते हैं वह जानते हैं पर मैं मेरे अनुभव से कह सकता हूं कि लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी बज गई है, यह तमाम लोग (Gehlot on Modi) आरएसएस और बीजेपी के लोग उस रूप में बिहेव कर रहे हैं देश के अंदर, सभी संस्थाओं को बर्बाद कर रहे हैं, ज्यूडिशरी खुद दबाव के अंदर है. आप कल्पना करो सीजेआई साहब अभी जो रिटायर हुए हैं क्या नाम था उनका? गोगोई साहब, गोगोई साहब वह व्यक्तित्व है महान व्यक्तित्व है देश के जो चार जज बैठे सुप्रीम कोर्ट के, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा जी का विरोध करने के लिए सारे केसेज दे रहे हैं एक तरफा दे रहे हैं बेंच को और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी उन्होंने देश के इतिहास में पहली बार हुआ है की 4 सुप्रीम कोर्ट जजों को बैठ कर के अपने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का विरोध करना पड़े, ऑन रिकॉर्ड ऐसा इतिहास में कभी नहीं हुआ, उनका बैठना ही गलत हो सकता है, बैठ गए उसके बाद में वह सीजेआई खुद बन गए, सीजेआई बनते ही उनका जो रुख है जो मैसेजेज आ रहे हैं देश के अंदर, जिस प्रकार के फैसले उन्होंने किए हैं कार्यवाहियों के अंदर की जो जो आरोप लगाते थे वह पहले दीपक मिश्रा जी पर वही तरीका इन्होंने अपनाया तो उसको लेकर के पूरा देश और पूरा वकील समुदाय, पूरी ज्यूडिशरी आश्चर्यचकित है कि हो क्या रहा है? क्या हुआ है समझ के परे है, क्यों हुआ उनका व्यवहार क्यों बदलाव है समझ के परे है. जिस मुल्क में यह हालत हो चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के बारे में लोग कई तरह की बातें, चर्चा करें तो आप सोच सकते हैं कि ज्यूडिशरी कहां जा रही है.
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मुख्यमंत्री गहलोत (Gehlot on Modi) ने आगे कहा कि जो हो रहा है उसे पूरा देश देख रहा है. जनता ने हरियाणा व महाराष्ट्र के चुनाव में एक संदेश देने का प्रयास किया, लेकिन तब भी बीजेपी संभली नहीं है. महाराष्ट्र की घटना के बाद भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो गई है.