Thursday, January 16, 2025
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गहलोत- गुजरात में शराब नहीं मिले तो राजनीति छोड़ दूंगा, गुजरातियों से माफी मांगनी पड़ेगी- रुपाणी

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गुजरात (Gujarat) में शराबबंदी (Liqer Bain) को लेकर राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (Vijay Rupani) के बीच तेज हुई बयानबाजी के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है. मंगलवार को जोधपुर में सीएम गहलोत ने गुजरात सीएम को चैलेंज किया कि रूपाणी साबित करें कि उनके राज्य में अधिकांश घरों मे शराब का सेवन नहीं किया जाता है, या तो रूपाणी राजनीति छोड़ दें अथवा वह स्वयं राजनीति छोड़ देंगे. गहलोत ने कहा कि गुजरात में शराबबंदी होने के बाद भी आसानी से शराब मिलती है, ये शराब पीने वाले और नहीं पीने वाले दोनों जानते हैं.

बता दें, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को उदयपुर में शराबबंदी के मामले में गुजरात का उदाहरण देते हुए कहा था कि गुजरात में आजादी के बाद से शराबबंदी है, लेकिन वहां सबसे अधिक शराब बिकती है, गुजरात में घर-घर में शराब पी जाती है. गहलोत ने यह भी कहा कि वे खुद व्‍यक्तिगत रूप से शराबबंदी के पक्ष में हैं, लेकिन इसको प्रतिबंधित करने से पहले कड़े प्रबंध आवश्‍यक हैं, अन्‍यथा गुजरात की तरह प्रतिबंध के कोई मायने नहीं रह जाते हैं.

राजस्थान सीएम अशोक गहलोत के इस बयान पर सोमवार को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि गहलोत जी ने गुजरात में घर-घर दारु पी जाती है, ऐसा बयान देकर साढ़े छह करोड़ गुजरातियों का अपमान किया है. सभी गुजरातियों को शराबी कहा है, यह उनको शोभा नहीं देता, गुजरात कांग्रेस को इसका जवाब देना होगा और गहलोत को गुजरातियों से माफी मांगनी पड़ेगी.

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मंगलवार को जोधपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान गुजरात सीएम विजय रुपाणी के बयान पर सफाई देते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि गुजरात में घर-घर शराब मिलने के मेरे बयान का यह मतलब ये नहीं कि गुजरात के 100% लोग ही शराब पीते हैं. गुजरात के सीएम ने बयान देकर मेरा काम हल्का कर दिया, इसकी घर-घर चर्चा होगी. गुजरात में शराब तस्करी रोकने के लिए उन्हें पड़ोसी राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र की सरकारों से मदद मांगनी चाहिए चाहिए. इस बारे में वे बात कर कार्ययोजना तैयार करें.

गौरतलब है कि गुजरात में शराबबंदी के बावजूद सबसे अधिक शराब बिकती है और घर-घर में पी जाती है, मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत के इस बयान को लेकर गुजरात में भारी हंगामा मचा है. भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष जीतूभाई वाघाणी व प्रवक्‍ता भरत पंड्या ने इसे गुजरात, गुजरातियों व महात्‍मा गांधी अपमान बताया. वहीं भाजपा अध्‍यक्ष वाघाणी ने कहा है कि गहलोत कांग्रेस के राष्‍ट्रीय पदाधिकारी रह चुके हैं तथा राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री हैं. गहलोत का बयान गुजरात प्रदेश, गुजराती की जनता के साथ साथ महात्‍मा गांधी व सरदार पटेल का भी अपमान है. उन्‍होंने कहा कि गहलोत ने गुजरात की जनता को शराबी बताकर गुजराती समाज को बदनाम किया है.

भाजपा अध्‍यक्ष वाघाणी ने कहा कि गुजरात में कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता भी रहते हैं, क्‍या वे सब भी शराबी हैं, गहलोत को इसे भी स्‍पष्‍ट करना चाहिए. कांग्रेस हमेशा गुजरात व गुजरात के विकास की विरोधी रही है, उन्‍होंने गहलोत को सलाह देते हुए कहा कि राजस्‍थान में आप उपमुख्‍यमंत्री सचिन पायलट को संभालें, गुजरात अपना देख लेगा. गुजरात इस तरह की टिप्‍पणी को कभी बर्दाश्‍त नहीं करेगा. भाजपा ने प्रदेशभर में प्रदर्शन किया और अशोक गहलोत का पुतला भी फूंका गया.

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वहीं गुजरात कांग्रेस अध्‍यक्ष अमित चावडा ने गहलोत के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि गुजरात सरकार राज्‍य में शराबबंदी में विफल रही है, मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी को यह बात स्‍वीकार लेनी चाहिए. राज्‍य में गांव-गांव तक शराब मिल रही है ओर यह पुलिस व प्रशासन की निष्‍फलता का ही परिणाम है. कांग्रेस विधायक ललित कगथरा व ब्रजेश मेरजा ने भी गहलोत के समर्थन में कहा कि राज्य में शराबबंदी नाम की है, पुलिस ने हाल ही में 254 करोड़ रुपये की शराब पकड़ी है, जो शराबबंदी की विफलता को दर्शाता है.

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