Politalks.News/Rajasthan. हाल ही में बाड़मेर में हुए तस्कर कमलेश प्रजापति के एनकाउंटर मामले में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के बाद पुलिस की थ्यौरी पर अब सियासत गरमा गई है. कमलेश प्रजापत के एनकाउंटर पर अब न केवल भाजपा बल्कि कांग्रेस नेताओं ने भी सवाल उठाते हुए इसे हत्या करार दिया है और इसकी सीबीआई जांच की मांग की है. केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित कई नेताओं ने कमलेश प्रजापति के एनकाउंटर से जुड़ा वायरल सीसीटीवी फुटेज का हिस्सा ट्वीट करते हुए सरकार पर निशाना साधा है. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कट्टर समर्थक माने जाने वाले सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढा ने सर्क्सरक बचाव करते हुए गजेन्द्र सिंह शेखावत ओर पलटवार किया है.
आपको बता दें, बाड़मेर के तस्कर कमलेश प्रजापति एनकाउंटर मामले में दो वायरल वीडियो ने पुलिस की थ्यौरी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. कमलेश के घर के बाहर एक फैक्ट्री के सीसीटीवी से लीक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो से यह खुलासा हो रहा है कि कमलेश की तरफ से गोली ही नहीं चली, गोली केवल पुलिस की तरफ से चली. पुलिसकर्मी डंडे से कमलेश की गाड़ी की विंडसीट तोड़ते हुए दिख रहे हैं, फिर एक पुलिसकर्मी रिवॉल्वर ताने दिखता है. कुछ ही देर बाद वीडियो में गाड़ी से एक युवक को पुलिसकर्मी दोनों हाथ और पांव पकड़कर उल्टा करके गाड़ी में डालते हुए दिख रहे हैं.
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अब इस मामले में सियासत गरमा गई है. न केवल भाजपा बल्कि कमलेश प्रजापत के एनकाउंटर को कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत और प्रजापत समाज के कई नेता फर्जी बताते हुए इसकी सीबीआई जांच की मांग कर चुके हैं. ऐसे में अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है.
सुनियोजित तरीके से कमलेश प्रजापति की हत्या करके इसे एनकाउंटर करार दिया गया- राठौड़
इस मामले में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने लिखा कि, ‘सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे सीसीटीवी फुटेज के इस वीडियो से साफ झलक रहा है कि बाड़मेर में पुलिस ने बिना किसी संघर्ष के सुनियोजित तरीके से कमलेश प्रजापति की हत्या करके इसे एनकाउंटर करार दिया है और प्रदेश में कानून के शासन की सरेआम धज्जियां उड़ाई है. समाज के प्रतिनिधिमंडल ने भी मुझे अवगत कराया है कि यह पूरी तरह से फर्जी एनकाउंटर है जिसे लेकर प्रशासन के खिलाफ समाज के लोगों में भयंकर रोष व्याप्त है. सीसीटीवी फुटेज में भी पुलिस की कार्यशैली संदेहास्पद लग रही है.
सीबीआई जांच करवाने में तत्पर रहने वाले सीएम गहलोत इस एनकाउंटर की भी कराएं जांच
राजेन्द्र राठौड़ ने लिखा की, गहलोत साहब तो हमेशा से सीबीआई जांच करवाने में तत्पर रहे हैं. मेरी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी से मांग है कि वह संवेदनशीलता का परिचय देते हुए जनभावनाओं के अनुरूप इस प्रकरण की सीबीआई से जांच करवाएं ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो जाए.
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कमलेश प्रजापति की हत्या की है, जिसे एनकाउंटर का नाम दिया गया है- गजेन्द्र सिंहः
वहीं मोदी सरकार में जलशक्ति मंत्री और जोधपुर सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत ने एनकाउंटर का वायरल वीडियो अपने ट्वीटर पर शेयर करते हुए लिखा कि,’ इस सीसीटीवी फुटेज से लगता है कि बाड़मेर पुलिस ने कमलेश प्रजापति की हत्या की है, जिसे एनकाउंटर का नाम दिया गया है. गजेन्द्र सिंह ने लिखा कि, वीडियो में दिख रहा है कि पहले कमलेश को घेर कर पीटा गया और फिर गोलियां मारी गईं. घटनास्थल पर संघर्ष के निशान नजर नहीं आते.
अन्य ट्वीट्स में मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने लिखा कि यह एक अत्यंत संवेदनशील और संदेहास्पद प्रकरण है. पीड़ित परिवार को भी बार-बार फर्जी मुकदमों में फंसाने का डर दिखाया जा रहा है. गहलोत सरकार और पुलिस की संदिग्ध भूमिका देखते हुए इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए. पुलिस की गुंडागर्दी से आक्रोशित जनता के सामने इस प्रकरण का सच सामने आना अति-आवश्यक है. पुलिस प्रशासन मुख्यमंत्री के इशारे पर काम कर रहा है इसलिए राज्य स्तर की किसी जांच एजेंसी की पड़ताल पर भरोसा नहीं किया जा सकता.
अपना आपा संभाल कर रखो- संयम लोढ़ा
गजेन्द्र सिंह शेखावत के बयान पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेहद करीबी निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने ट्वीट किया कि, जिस शख़्स को जोधपुर की जनता ने पांच बार लोकसभा और पांच बार विधानसभा के चुनाव जिताए है, उनके बारे में लिख रहे हो कि वो बाड़मेर पुलिस को इशारा कर रहे है कि…..यह सही है कि मोदी लहर में आप दो लोकसभा चुनाव जीत गये लेकिन आपा तो संभाल कर रखो…..’
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आखिर क्या है वायरल वीडियो में?
आपको बता दें, कमलेश एनकाउंटर से जुड़े दो वीडियो वायरल हो रहे हैं. 6 मिनट 25 सेकंड के पहले वीडियो में गाड़ी बाहर निकालने से लेकर गाड़ी में डालने तक का पूरा वाकया कैद है. इन वायरल विडियोज ने कमलेश एनकाउंटर की पुलिसिया कहानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. सबसे पहला सवाल जो इन विडियोज को देखकर बनता है वो यह कि हेड कांस्टेबल और एसपी के बयान विरोधाभासी, सवाल- गाड़ी रोकने के लिए कमलेश को गोली क्यों मारी?
इस मामले में पुलिस ने कमलेश की गाड़ी से जिस हेड कांस्टेबल को कुचलने का दावा किया, उसके और बाड़मेर एसपी के बयानों में विरोधाभास है. हेड कांस्टेबल ने कहा था कि कमलेश ने फायरिंग की जबकि बाड़मेर एसपी ने कहा-गोली नहीं चली. वीडियो देखने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है, जब कमलेश ने गोली नहीं चलाई तो फिर सीधे उसे हिट करके गोली क्यों मारी गई? पुलिस को अगर गाड़ी ही रोकनी थी तो गाड़ी के टायर पर फायर करके उन्हें फोड़कर भी रोका जा सकता था. वायरल वीडियो से यह साबित हो रहा है कि सामने से गोली नहीं चली और कमलेश पुलिस की गोली से घटनास्थल पर ही मारा गया.
जिंदा पकड़ा जा सकता था, लेकिन पुलिस ने ऐसा प्रयास क्यों नही किया?
गौरतलब है कि इस मामले बाड़मेर एसपी आनंद शर्मा ने कहा था- हमारी फुटेज ही हमारा सबूत है, लेकिन अब वायरल हो रहे नए सीसीटीवी फुटेज में पुलिस का दावा सवालों में घिरता दिख रहा है. पुलिस ने कमलेश पर गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगाया था जबकि वायरल वीडियो में कमलेश ज्योंही एसयूवी से गेट तोड़कर बाहर निकलता है, वहां गली में गेट के आगे पुलिस की गाड़ी थी. उस संकरी गली में पुलिस की गाड़ी को तिरछा करके लगा दिया था, उसके बाद गली में से कमलेश की गाड़ी के आगे निकलने का रास्ता बंद हो गया था. ऐसे में कमलेश पूरी तरह घिर चुका था और उसे आसानी से जिंदा पकड़ा जा सकता था, लेकिन पुलिस ने ऐसा प्रयास क्यों नही किया?
एक ने गाड़ी का विंड शीट तोड़ा, दूसरा रिवाल्वर तानता दिखा, अगर प्रजापति फायर करता तो ऐसा मुमकिन था?
वायरल वीडियो में एक पुलिसकर्मी डंडे से कमलेश की गाड़ी का विंड शीट तोड़ता है और दूसरा पुलिसकर्मी रिवाल्वर तानता हुआ दिख रहा है. इसमें भी सवाल यही उठता है कि अगर कमलेश फायर करता तो पुलिसकर्मी लाठी लेकर गाड़ी की विंडशीट नहीं तोड़ रहा होता. थोड़ी ही देर बाद पुलिसकर्मी गाड़ी से उतारकर बेसुध कमलेश को पुलिसवैन में डालते हुए दिख रहे हैं. यह सब घटनाक्रम तेजी से हुआ. इस दौरान कमलेश की तरफ से कोई फायर नहीं दिख रहा, सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब कमलेश ने फायर नहीं किया, तो उसे पांवों से ऊपर गोली क्यों मारी गई?