Politalks.News/Rajasthan. जालोर ज़िले में पानी नहीं मिलने से पांच साल की मासूम बच्ची की मौत के मामले में प्रदेश की सियासत गरमा गई है. जालौर जिले के रानीवाड़ा के धोरों में प्यास से 6 साल की बच्ची की मौत और उसकी नानी के बेसुध होने के मामले को लेकर भाजपा ने गहलोत सरकार पर चौतरफा हमला बोला है. बीजेपी के केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से लेकर जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत सहित प्रदेश भाजपा ने गहलोत सरकार पर जबरदस्त निशाना साधा है.
सोनिया-राहुल-प्रियंका चुप क्यों?- प्रकाश जावड़ेकर
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रदेश की गहलोत सरकार को आड़े हाथ लेते हुए एक तीर से कई निशाने साधते हुए कहा कि 9 घंटे तक पीने का पानी न मिलने के कारण हुई एक बच्ची की मृत्यु, बेहद शर्मनाक घटना है. इसके लिए राजस्थान सरकार ज़िम्मेदार है. जावड़ेकर ने सवाल करते हुए पूछा कि अब कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी चुप क्यों हैं?’
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सीएम गहलोत को जनता कभी माफ़ नहीं करेगी: पूनियां
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी के सियासी भाषणों पर भूख, प्यास और मौत भारी है. दुर्भाग्य है कि अब तक की नकारा निकम्मी और भ्रष्ट कांग्रेस सरकार ने राजस्थान को भूख, बेरोजगारी, अराजकता, माफियाओं और अपराधों की जमीन बना दिया है. राज्य की जनता आपको कभी माफ़ नहीं करेगी.’ पूनियां ने कहा कि प्यास से बच्ची की मौत हो जाना अशोक गहलोत सरकार के लिए शर्म की बात है.
सतीश पूनियां ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार कोविड काल में आर्थिक पैकेज से लेकर खाद्यान्न, वैक्सीनेशन, दवाईयां सहित सभी जरूरी मदद कर रही है. इसके बावजूद राज्य सरकार से प्रदेश में ना तो वैक्सीनेशन हो पाया और ना ही जरूरतमंदों को खाद्यान्नों का वितरण. पूनियां ने आगे कहा कि सरकार के मुखिया और उनके मंत्री केवल सियासी बयानबाजी में व्यस्त हैं. सरकार के बयानों से ऐसा लगता है कि राज्य की जनता के हितों की इन्हें कोई परवाह नहीं है. सतीश पूनियां ने कहा कि मोदी सरकार ने ‘जल जीवन मिशन’ के तहत राजस्थान को केन्द्रीय आवंटन में चार गुना बढ़ोतरी को मंजूरी देते हुए साल 2021-22 में 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का प्रावधान किया है. इसके बावजूद गहलोत सरकार के शासन में प्यास से मौत हो जाना प्रदेश पर बड़ा कलंक है.
अपनी राजनीति के लिए लोगों को जल जैसे मूल संसाधन से वंचित रखना घोर पाप है गहलोत जी- गजेन्द्र सिंह शेखावत
पानी के अभाव में हुई मौत पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया और घटना को बेहद दुखदायी बताया. गजेन्द्र सिंह ने कहा, “अपनी राजनीति के लिए लोगों को जल जैसे मूल संसाधन से वंचित रखना घोर पाप है गहलोत जी. प्यास से 6 साल की बच्ची की मृत्यु राजनीति के मापदंड से भी अमानवीय है. ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण और बेहद दुखदायी है, मैं प्रभु से उस छोटी बच्ची की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं.’ शेखावत ने कहा कि राजस्थानवासियों के लिए इससे बड़ी विडंबना और क्या होगी? एक ओर जल जीवन मिशन के तहत देशभर के करोड़ों परिवारों तक नल से जल पहुंचे और दूसरी ओर राजस्थान में प्यास के कारण एक बच्ची की मृत्यु हो जाए. प्रश्न है कि गहलोत सरकार ने जल जीवन मिशन में मिली राशि का उपयोग क्यों नहीं किया? प्रश्न है कि, गहलोत सरकार जल जीवन मिशन को गंभीरता से क्यों नहीं ले रही? शेखावत ने कहा कि आज ग्रामीण क्षेत्रों में नल कनेक्शन देने के मामले में राजस्थान, देश के 33 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 29वें स्थान पर है.
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केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि साल 2020-21 में राजस्थान सरकार को नल लगाने के लिए 2522 करोड़ रुपए का आवंटन किया था, जिसमें से केवल 630 करोड़ रुपए ही खर्च किए, क्यों? गहलोत सरकार असंवेदनशील है. वह केंद्र की योजनाओं से दूरी बनाती है. चाहे लाखों लोग मुसीबत में हों, उनकी जान जोखिम में हो, उन्हें परवाह नहीं है. शेखावत ने कहा कि इस साल 2021-22 में राजस्थान को पिछले वर्ष से चार गुना अधिक 10,180.50 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. शेखावत ने कहा कि मोदी सरकार का संपूर्ण प्रयास है कि जल्द से जल्द मरुभूमि के कोने-कोने तक पाइपलाइन का जाल बिछे और हर राजस्थानी के घर में नल से पर्याप्त जल प्राप्त हो.
वहीं विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा, ‘इस आधुनिक युग में जब विज्ञान चांद तक की यात्रा सुगमता से कर रहा है, ऐसे में जालोर के रानीवाड़ा में पानी की कमी से तड़पती मासूम की प्यास से मौत होने की घटना हृदयविदारक और दुर्भाग्यपूर्ण है और राज्य सरकार के जल प्रबंधन पर सवालिया निशान लगा रही है.’
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आपको बता दें, जालोर में कड़ी धूप में नानी के साथ पैदल चल रही पांच वर्षीय बच्ची को पानी नहीं मिलने के कारण मौत होने का मामला सामने आया है. यह घटना रविवार की है. जानकारी के मुताबिक, रानीवाड़ा तहसील अंतर्गत डूंगरी निवासी वृद्ध महिला सुखीदेवी का सिरोही जिले के मंडार के समीप रायपुर में पीहर है. सुखीदेवी अपनी पांच वर्षीय नातिन (दोहिती) के साथ पीहर गई थी. रविवार 6 जून को सुबह मौसम ठंडा देखकर पांच वर्षीय नातिन के साथ वापस बहन के पास जाने के लिए पैदल ही रवाना हो गई. करीब दस बारह किलोमीटर की दूरी तय कर ली थी, इस दौरान दोपहर में तापमान पारा बढ़ गया था और मौसम उमस भरा हो गया था. वृद्धा के पास पानी की बोतल भी नहीं थी और जिस मार्ग से गुजर रही थी, वह भी रेतीला कच्चा मार्ग था. तेज गर्मी के कारण और पानी नहीं मिलने से वृद्धा और बच्ची को डिहाइड्रेशन की समस्या हो गई और दोनों बेहोश होकर गिर पड़े.
काफी देर बाद वहां किसी चरवाहे ने महिला को देखा तो सूरजवाड़ा सरपंच कृष्णकुमार पुरोहित को फोन किया. बाद में पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक बच्ची का दम टूट चुका था. महिला को पुलिस ने पानी पिलाया और बाद में उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया है. महिला ने आपबीती बताते हुए कहा कि तेज गर्मी के कारण दोनों बेहोश होकर गिर गए थे. उसे कुछ नहीं सूझ रहा था, लेकिन काफी देर बाद आसमान हल्की बूंदाबांदी शुरू हुई, जिससे उसे कुछ राहत मिल गई और उसकी जान बच गई, लेकिन तब तक उसकी नातिन की मौत हो चुकी थी.