पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को प्रदेश में आ रहे प्रवासी राजस्थानी और पेयजल संकट को लेकर उच्चाधिकारियों के साथ आॅनलाइन समीक्षा बैठक की. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में जो कामयाबी हमें अभी तक मिली है उसे बरकरार रखने के लिए क्वारंटाइन व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना होगा. अभी तक शहरों में कोरोना के मामले सामने आ रहे थे, लेकिन अब यह संक्रमण गांवों में नहीं फैले, इसके लिए क्वारंटाइन व्यवस्था का सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है. सीएम गहलोत ने इस दौरान निर्देश दिए कि बाहर से आने वाले प्रवासियों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो और साथ ही क्वारंटाइन में रखे गये लोगों की मॉनिटरिंग के पुख्ता इंतजाम हों.
कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में जो कामयाबी हमें अभी तक मिली है उसे बरकरार रखने के लिए क्वारंटाइन व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना होगा। अभी तक शहरों में कोरोना के मामले सामने आ रहे थे, लेकिन अब संक्रमण गांवों में न फैले, इसके लिए क्वारंटाइन व्यवस्था सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है। pic.twitter.com/uR8OEgFsCj
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जिले से लेकर पंचायत स्तर तक मौजूद सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को मिलकर क्वारंटाइन व्यवस्था को ग्राम स्तर तक सुचारू बनाना होगा. इस काम में सांसदों, विधायकों के साथ-साथ सभी शहरी एवं पंचायत जनप्रतिनिधियों की बड़ी भूमिका है. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि ट्रेन से आने वाले लोगों की रेलवे स्टेशन पर ही स्क्रीनिंग करवाकर बसों से उन्हें गन्तव्य स्थल तक पहुंचाने की व्यवस्था करें. संभव हो तो रेलवे स्टेशन पर उन्हें चाय-नाश्ता उपलब्ध कराएं और बसों में खाने के पैकेट व पानी रखवाया जाए, ताकि उन्हें आगे के सफर मे आसानी हों. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जालोर, सिरोही एवं पाली जैसे जिलों को क्वारंटाइन व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना होगा. क्योंकि वहां बाहर से आने वाले प्रवासियों की संख्या हजारों में है. डूंगरपुर एवं भरतपुर जैसे सीमावर्ती जिलों को भी प्रवासियों के लिए समुचित इंतजाम रखने होंगे.
जिले से लेकर पंचायत स्तर तक मौजूद सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को मिलकर क्वारंटाइन व्यवस्था को ग्राम स्तर तक सुचारू बनाना होगा। इस काम में सांसदों, विधायकों के साथ-साथ सभी शहरी एवं पंचायत जनप्रतिनिधियों की बड़ी भूमिका है।
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जिला स्तर पर और सुदृढ़ करें जांच सुविधाएं
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्देश दिए कि टेस्टिंग की जरूरतों को देखते हुए जिला स्तर पर जांच सुविधाओं को और अधिक सुदृढ़ किया जाये. जालौर, पाली, सिरोही, बांसवाड़ा, बाड़मेर सहित वे सभी जिले जहां प्रवासी अधिक आ रहे हैं, जल्द से जल्द जांच सुविधाएं विकसित की जाएं.
निर्देश दिए कि टेस्टिंग की जरूरतों को देखते हुए जिला स्तर पर जांच सुविधाओं को और अधिक सुदृढ़ किया जाये। जालौर, पाली, सिरोही, बांसवाड़ा, बाड़मेर सहित वे सभी जिले जहां प्रवासी अधिक आ रहे हैं, जल्द से जल्द जांच सुविधाएं विकसित की जाएं।
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स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग लें
सीएम गहलोत ने आगे कहा कि बाहर से आने वाले प्रवासियों के क्वारंटाइन के लिए स्थानीय विधायकों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों का सहयोग लें, उनसे संपर्क स्थापित करें ताकि बेहतर तालमेल के साथ ग्राम स्तर पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित हो सकें. क्वारंटाइन के लिए जगह चिन्हित करने और ग्राम स्तर पर बनाये गये क्वारंटाइन सेंटर्स पर भोजन-पानी की व्यवस्था में भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए. गांव वालों को भी विश्वास में लेकर होम क्वारंटाइन रखे गए एवं बाहर से आने वाले प्रवासियों की मॉनिटरिंग में उनका सहयोग लिया जाए.
बाहर से आने वाले प्रवासियों के क्वारंटाइन के लिए स्थानीय विधायकों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों का सहयोग लें, उनसे संपर्क स्थापित करें ताकि बेहतर तालमेल के साथ ग्राम स्तर पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित हो सकें।
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राजस्थान ने प्रो-एक्टिव होकर काम किया
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आपदा के समय जिस गंभीरता से काम किया जाता है वैसा हमारे प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारियों, सरकारी कर्मचारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं भामाशाहों सभी ने मिलकर किया है. कोरोना का सामना करने में राजस्थान ने प्रो-एक्टिव होकर काम किया है. कोरोना संक्रमण रोकने के लिए यहां अपनाये गये उपायों की देश-विदेश में जमकर प्रशंसा हुई है. स्वास्थ्य सेवाओं का ढांचा मजबूत करते हुए हमें आगे भी इसी जज्बे के साथ लड़ाई जारी रखनी होगी. हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा.
कोरोना का सामना करने में राजस्थान ने प्रो-एक्टिव होकर काम किया है।कोरोना संक्रमण रोकने के लिए यहां अपनाये गये उपायों की देश-विदेश में जमकर प्रशंसा हुई है।स्वास्थ्य सेवाओं का ढांचा मजबूत करते हुए हमें आगे भी इसी जज्बे के साथ लड़ाई जारी रखनी होगी। हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा
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इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पेयजल आपूर्ति के संबंध में जिला कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा करते हुए कहा कि जिला कलेक्टर एवं जलदाय विभाग के अधिकारी सुनिश्चित करें कि प्रदेश में पेयजल को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं हो. इसके लिए आरओ, हैंडपम्प एवं ट्यूबवैल मेंटीनेंस, पाइपलाइनों की मरम्मत एवं विस्तार, टैंकर से आपूर्ति सहित अन्य कामों में तेजी से लाएं. इसके साथ ही जिन जिलों में पेयजल परिवहन की आवश्यकता हो, वहां के लिए एडवांस प्लान तैयार करें. हैण्डपम्प एवं ट्यूबवैल की जो स्वीकृतियां लंबित हैं, उन्हें तुरंत जारी किया जाए.
निवास पर पेयजल आपूर्ति के संबंध में सभी जिला कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की। जिला कलेक्टर एवं जलदाय विभाग के अधिकारी सुनिश्चित करें कि प्रदेश में पेयजल को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं हो।
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लंबित परियोजनाओं को जल्द पूरा करने के लिए बनाएं विशेष टीम
मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि पेयजल समस्या के स्थायी निराकरण के लिए प्रदेशभर में पेयजल से संबंधित सभी लंबित प्रोजेक्ट तेजी से पूरे हों. सीएम गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लंबित परियोजनाओं को गति देने के लिए एक विशेष टीम बनाई जाए, जो निरंतर मॉनीटरिंग कर इन प्रोजेक्ट्स को जल्द से जल्द पूरे करवाएं. जनता के हित में शुरू किए गए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं होने से न केवल उनकी लागत बढ़ती है, बल्कि लोगों को उनका समय पर लाभ भी नहीं मिल पाता.
राज्य सरकार का प्रयास है पेयजल समस्या के स्थायी निराकरण हेतु प्रदेशभर में पेयजल से संबंधित सभी लंबित प्रोजेक्ट तेजी से पूरे हों।अधिकारियों को निर्देश दिए कि लंबित परियोजनाओं को गति देने के लिए एक विशेष टीम बनाई जाए,जो निरंतर मॉनीटरिंग कर इन प्रोजेक्ट्स को जल्द से जल्द पूरे करवाएं
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साप्ताहिक बैठक में आवश्यक रूप से करें पेयजल आपूर्ति की समीक्षा
जिला स्तर पर पेयजल से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए नियंत्रण कक्ष मुस्तैदी से काम करें. लोगों की शिकायतों का जल्द से जल्द निराकरण किया जाए. जिला कलेक्टर हर सप्ताह होने वाली समीक्षा बैठक में पेयजल आपूर्ति की आवश्यक रूप से समीक्षा करें. हर गांव-ढाणी तक पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि राजस्थान में जल संकट कोई नई समस्या नहीं है. यहां कई बार अकाल पडे़ हैं, लेकिन हमारे पिछले कार्यकाल में हमने इसका बेहतरीन ढंग से सामना किया और लोगों को पेयजल की परेशानी नहीं आने दी.
जिला स्तर पर पेयजल से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए नियंत्रण कक्ष मुस्तैदी से काम करें। लोगों की शिकायतों का जल्द से जल्द निराकरण किया जाए। जिला कलेक्टर हर सप्ताह होने वाली समीक्षा बैठक में पेयजल आपूर्ति की आवश्यक रूप से समीक्षा करें।
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