rahul gandhi vs smriti irani in amethi loksabha seat
rahul gandhi vs smriti irani in amethi loksabha seat

उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट सालों से गांधी परिवार का गढ़ रही है. पहले पूर्व पीएम राजीव गांधी, फिर सोनिया गांधी और बाद में लगातार तीन बार राहुल गांधी यहीं से जीतकर संसद पहुंचे. पिछले साल लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को शिख्स्त क्या दी, गांधी परिवार और खुद राहुल गांधी ने यहां से मुंह मोड़ लिया. इस हार ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के मनोबल को इस तरह से धराशाही किया कि पूरे गांधी परिवार ने बीते 5 सालों में यहां कदम नहीं रखा. स्मृति ईरानी के कई बार चुनौती देने के बावजूद न तो राहुल गांधी ने और न ही कांग्रेस के किसी बड़े नेता ने इस बारे में कभी अपनी चुप्पी तोड़ी. अब राहुल गांधी ने वायनाड़ ने पर्चा दाखिल कर इस बात पर भी मुहर लगा दी है कि वे इस बार केवल एक सीट पर चुनावी जंग में उतरने वाले हैं. इसके अलावा भी स्मृति ईरानी ने एक बात में राहुल गांधी से बाजी मार ली है, जिसका प्रयास न तो कभी कांग्रेस या न ही गांधी परिवार ने कभी किया है.

दरअसल यूपी की वीवीआईपी सीट अमेठी पर बीजेपी की चुनावी उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बीते महीने अपने नए घर में गृह प्रवेश किया. उन्होंने गौरीगंज तहसील के मेदन मवई गांव में आवास बनवाया है और अब यहां का मतदाता पत्र भी बनवा लिया है. इसके साथ ही स्मृति अब लोकसभा चुनाव से पहले अमेठी की वोटर भी बन गईं हैं. स्मृति गौरीगंज विधानसभा के मेदन मवई गांव के बूथ संख्या 347 की मतदाता बनीं है. इससे पहले वह महाराष्ट्र की मतदाता थीं. इसके विपरीत राहुल गांधी अमेठी के दो बार सांसद रहने के बावजूद कभी यहां के वोटर नहीं रहे.

स्मृति ईरानी का ये कदम उन्हें अमेठी के लोगों से जोड़ने में मददगार साबित होगा, इसमें कोई संशय नहीं है.  स्मृति ने पहले उन्होंने अपना आवास बनाकर लोगों को ये संदेश देने की कोशिश की वो अमेठी से कितना जुड़ी हुई है. साथ ही साथ उन लोगों की बीच में ही रहकर अमेठी की समस्याएं दूर करने की कोशिश करेंगी. अब वो यहां की मतदाता बनकर और भी ज्यादा लोगों से कनेक्ट करने की कोशिश करेंगी. स्मृति ने ऐसा करके राहुल गांधी और कांग्रेस पर एक मनोवैज्ञानिक बढ़त तो ले ही ली है.

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वहीं राहुल गांधी शायद पिछली हार को अभी तक भुला नहीं पाए हैं. गौरतलब है कि साल 2019 में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को अमेठी में 50 हजार से अधिक के वोट अंतर से हराया था. बीजेपी ने एक बार फिर से उन्हें अमेठी से ही टिकट दिया है. इससे पहले तक अमेठी कांग्रेस का अभेद गढ़ हुआ करती थी, लेकिन स्मृति के आने के बाद अब यह सीट बीजेपी के किले में बदलती जा रही है. गांधी परिवार भी इस सीट से दूरी बनाता दिख रहा है. हालत ये है कि कांग्रेस यहां से अपने प्रत्याशी का चयन तक नहीं कर पाई है.

अब तक यही माना जा रहा था कि राहुल गांधी एक बार फिर अमेठी से चुनावी मैदान में उतरेंगे लेकिन वायनाड से पर्चा दाखिल करने के बाद इसकी संभावना कम लग रही है. आम चुनाव में मतदान को अब ज्यादा वक्त भी नहीं रह गया है, ​इसके बावजूद कांग्रेस ने यहां अपना प्रचार तक शुरू नहीं किया है. ऐसे में अमेठी के समीकरण स्मृति ईरानी के पक्ष में जाते हुए स्पष्ट दिख रहे हैं.

राहुल गांधी ने वायनाड से भरा पर्चा

राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए केरल की वायनाड सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है.  इससे पहले उन्होंने कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के साथ वायनाड के कलपेट्टा में एक घंटे का रोड शो किया. इस दौरान राहुल ने क्षेत्र की जनता से कहा कि आपका सांसद होना सौभाग्य की बात है. वायनाड में राहुल के खिलाफ कांग्रेस गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल सीपीआई की एनी राजा चुनाव लड़ रही हैं. एनी राजा ने भी बुधवार को रोड शो करने के बाद अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. बीजेपी के केरल प्रदेश अध्यक्ष के.सुरेंद्रन वायनाड से दोनों को चुनौती दे रहे हैं.

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