shekhwat on gehlot
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Shekhawat’s attack on Gehlot: राजस्थान शासन सचिवालय के योजना भवन में बीती रात मिली नगदी व सोना मिलने के मामले पर केंद्रीय मंत्री व जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने सीएम गहलोत पर जोरदार निशाना साधा है. मंत्री शेखावत ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार को सबसे भ्रष्टतम बताते हुए कहा कि आज राजस्थान में जी-पे जो है, वो गहलोत-पे बन गया है. इस सरकार ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी हैं.

भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में भाग लेने पहुंचे केंद्रीय मंत्री शेखावत ने सचिवालय के करीब योजना भवन में ढाई करोड़ नकद और एक किलो सोना मिलने के पत्रकारों के सवाल पर कहा कि निरंतर हम इस बात को कहते रहे हैं कि वर्तमान की गहलोत सरकार इस लोकतांत्रिक भारत के इतिहास में सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार है. इसकी भ्रष्टता के आक्षेप केवल भारतीय जनता पार्टी ने लगाए हों, ऐसा नहीं है. विपक्षी लोगों ने लगाए हों, ऐसा नहीं है. पार्टी के पूर्व पीसीसी चीफ से लेकर वर्तमान में मंत्री पद पर बैठे लोगों से लेकर माननीय मुख्यमंत्री तक, एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने की होड़ सी पार्टी में मची हुई है, लेकिन इस पर मोहर उससे लगती है कि भ्रष्टाचार से इतना सारा कालाधन एकत्रित किया गया है कि दो-चार-पांच करोड़ रुपए और कई किलो सोना जो है, वह कहां रखकर भूल गए हैं, अब इनको भी याद नहीं है.

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मंत्री शेखावत ने सीएम गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि मुझे लगता है आजकल डिजिटल करेंसी की भाषा में जैसे गूगल पे को जी-पे के नाम से पुकारा जाता है, आज राजस्थान में जी-पे जो है, वह गहलोत-पे बन गया है. राजस्थान सरकार ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी हैं.

मंत्री शेखावत ने कहा कि पहला विषय तो यह जो लोगों के मन में संदेह पैदा करता है और जिसकी चर्चा बहुत तेजी के साथ में चल रही है कि शाम 4 बजे इस तरह का कैश बरामद होता है. रात को 11 बजे आकर आनन-फानन में डीजी और चीफ सेक्रेट्री प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं. डीजी और चीफ सेक्रेट्री की मौजूदगी में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोई और अधिकारी बात कर रहा होता है. जो विषय सीधा-सीधा पैसे से जुड़ा है, जहां इललीगल, अनऑथराइज्ड, अनडिफाइंड, अनक्लेम्ड मनी मिली हो, वहां न एंटी करप्शन ब्यूरो को बुलाया जाए, न इनकम टैक्स को बुलाया जाए, वहां पर इतनी बड़ी मात्रा में धन संपदा बरामद होने पर न ईडी को इन्फॉर्म किया जाए. यह अपने आप में कई तरह के संदेह पैदा करता है. इस तरह की चर्चाएं भी चल रही हैं कि यह जितना डिस्क्लोज किया गया और जितना मिला है, उसमें भी बहुत बड़ा अंतर है.

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