पॉलिटॉक्स ब्यूरो. हरियाणा में कांग्रेस छोड़ चुके पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर (Ashok Tanwar) ने अब JJP (जननायक जनता पार्टी) को समर्थन देने का ऐलान कर दिया, साथ ही ये भी स्पष्ट किया कि उन्होंने JJP को केवल समर्थन दिया है, शामिल नहीं हुए हैं. ऐसा करके अशोक तंवर ने अपनी कूटनीतिक चाल चलते हुए कांग्रेस में वापसी का रास्ता खुला छोड़ दिया है. क्योंकि अगर तंवर बीजेपी को समर्थन करते तो न पूरी तरह बीजेपी के होते, न ही कभी कांग्रेस में वापसी हो पाती. राहुल गांधी की कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में वापसी की संभावना के मद्देनजर तंवर ने ये राजनीतिक चाल चली है.
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तंवर (Ashok Tanwar) ने कहा कि कांग्रेस पार्टी से कोई नाराजगी नहीं है, लेकिन कुछ लोगों को सबक सिखाना जरूरी है. कांग्रेस में कुछ बीमारियां हैं जिनका इलाज होना चाहिए. हमने यह सर्जिकल स्ट्राइक आज से शुरू की है. जेजेपी अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) के साथ बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अशोक तंवर ने ये बात कही.
उन्होंने आगे कहा कि बड़े दुख के साथ मैंने कांग्रेस पार्टी छोड़ी है. अब मैं दुष्यंत और उनकी पार्टी का समर्थन करुंगा. इससे पहले अशोक तंवर के JJP में शामिल होने के कयास लगाये जा रहे थे. बता दें कि टिकट बंटवारे से नाराज हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर (Ashok Tanwar) ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. दरअसल, अशोक तंवर को हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से एक भी टिकट नहीं दी गई थी. अशोक तंवर अपने समर्थकों के लिए 15 टिकट मांग रहे थे लेकिन जब टिकटों की घोषणा हुई तो तंवर के हिस्से में एक भी सीट नहीं आयी. इसके बाद अपने समर्थकों की अनदेखी से नाराज तंवर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया.
तंवर (Ashok Tanwar) के इस्तीफ़े के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं लेकिन तंवर ने इन अफवाहों को विराम देते हुये कहा कि उन्हें बीजेपी की तरफ़ से छह बार निमंत्रण आ चुका है, लेकिन वो बीजेपी में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने ये भी कहा कि अगर उन्हें ऐसा करना होता तो पहले ही कर चुके होते.
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तंवर ने कहा कि मैं चाहता हूं कि दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) मुख्यमंत्री बनें. आज से कांग्रेस तीसरे और चौथे नंबर की लड़ाई लड़ेगी. उनकी योजना हर निर्वाचन क्षेत्र में किसी भी पार्टी के प्रत्याशी, यहां तक कि निर्दलीय उम्मीदवारों को भी समर्थन देने की है, ताकि कांग्रेस को हराया जा सके. तंवर (Ashok Tanwar) ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के केवल 5 सीटों पर सिमटने का दावा किया.