पॉलिटॉक्स न्यूज/दिल्ली. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार को अच्छी खासी नसीयत देते हुए कहा कि झूठ के आडंबर से सच दब नहीं सकता. कांग्रेस के राजस्थान से वर्तमान राज्यसभा सांसद डॉ.सिंह ने ये बात भारत-चीन तनाव पर कही. मनमोहन सिंह केंद्र सरकार को समय समय पर आइना दिखाते रहते हैं और देश के तमाम बड़े मसलों पर मनमोहन सिंह सरकार को नसीहत के साथ-साथ दुष्परिणामों को लेकर आगाह करते रहे हैं. दो देशों के तनाव पर उन्होंने मोदी सरकार तंज कसते हुए कहा कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति और मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता है.
राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के बयान को अपने ट्वीटर हैंडल से शेयर करते हुए कहा है कि मैं आशा करता हूं देश की भलाई के लिए प्रधानमंत्री उनकी बात को विनम्रता से मानेंगे.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी की महत्वपूर्ण सलाह। भारत की भलाई के लिए, मैं आशा करता हूँ कि PM उनकी बात को विनम्रता से मानेंगे। pic.twitter.com/0QTewzmcyD
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 22, 2020
डॉ. मनमोहन सिंह का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब राहुल गांधी सहित अन्य कांग्रेसी नेता गलवान विवाद पर लगातार पीएम मोदी और सरकार को घेर रहे हैं. राहुल गांधी पीएम मोदी को चीन के साथ भारतीय जमीन सरेंडर वाला तक बता दिया. जवानों की शहादत किस क्षेत्र में हुई, इसे लेकर भी वो सवाल उठा रहे हैं. अब राहुल के साथ मनमोहन सिंह भी आ गए हैं. इससे पहले सर्वदलीय बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी सरकार पर भारत-चीन विवाद पर सवाल उठाये थे.
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इसी कड़ी में 15 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय वीरों की शहादत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते हुए पूर्व पीएम ने कहा, ‘आज हम इतिहास के एक नाजुक मोड़ पर खड़े हैं. हमारी सरकार के निर्णय व सरकार द्वारा उठाए गए कदम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आकलन कैसे करें. जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उनके कंधों पर कर्तव्य का गहन दायित्व है. हमारे प्रजातंत्र में यह दायित्व देश के प्रधानमंत्री का है.’
डॉ.मनमोहन सिंह ने कहा कि 15-16 जून को गलवान वैली में भारत के 20 जवानों ने साहस के साथ कर्तव्य निभाते हुए देश के लिए प्राण न्यौछावर कर दिए और अंतिम सांस तक मातृभूमि की रक्षा की. हम इन साहसी सैनिकों व उनके परिवारों के कृतज्ञ हैं लेकिन उनका ये बलियान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए.
पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस सांसद ने कहा कि अप्रैल, 2020 से लेकर आज तक चीन ने भारतीय सीमा में गलवान वैली एवं पांगोंग त्सो लेक में अनेकों बार जबरन घुसपैठ की लेकिन प्रधानमंत्री को अपने बयान से उनके षडयंत्रकारी रूख को बल नहीं देना चाहिए. उन्हें ये सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार के सभी अंग इन खतरे का सामने करने एवं स्थिति को ज्यादा गंभीर होने से रोकने के लिए परस्पर सहमति से काम करें.’
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डॉ. मनमोहन सिंह ने सरकार से आग्रह किया कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति एवं मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार वक्त की चुनौतियों का सामने करें और कर्नल बी.संतोष बाबू एवं हमारे अन्य वीरों की कुर्बानी की कसौटी पर खरा उतरें जिन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा व भूभागीय अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहुती दे दी.’ कांग्रेसी नेता ने कहा कि इससे कुछ भी कम जनादेश से ऐतिहासिक विश्वासघात होगा.
गौरतलब है कि 15 जून की रात चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए और करीब इतने ही जवान घायल हुए. चीनी पक्ष के 43 सैनिकों के हताहत होने की खबर है लेकिन चीनियों की ओर से अब तक इस बारे में कोई पुष्टि नहीं हुई. चीन के मसले पर सर्वदलीय बैठक के बाद पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा था कि हमारी सीमा में न तो कोई घुसा है और न ही किसी ने हमारी किसी पोस्ट पर कब्जा किया है.
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पीएम मोदी के इस बयान पर जब विपक्षी दलों ने सवाल उठाए तो पीएमओ को सफाई जारी करनी पड़ी. पीएमओ की तरफ से बताया गया कि LAC पर चीनी सेना की हरकतों की वजह से विवाद हुआ है जबकि कांग्रेस इस मसले पर पूरी सफाई देने की बात पर अड़ी हुई है. राहुल गांधी भी पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर हैं और इस बार में रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए उन्हें झूठा बता रहे हैं.