मुख्यमंत्री भले ही मुझे बर्खास्त कर दें लेकिन शीर्ष नेतृत्व की आज्ञा के बिना नहीं छोडूंगा मंत्रिपद- सिंह

जब राज्य कर रहा है सूखे जैसी स्थिति का सामना, उस वक़्त विभाग द्वारा संकलित आंकड़े और वर्षा रिपोर्ट एक विरोधाभासी तस्वीर कर रहे हैं प्रस्तुत, वास्तव में मैंने जो मुद्दे उठाए हैं, वे अकेले मेरे विभाग से संबंधित नहीं हैं और इसे केवल मुख्यमंत्री ही सुलझा सकते हैं, क्योंकि वह बिहार विकास मिशन के हैं अध्यक्ष- सुधाकर सिंह

सुधाकर सिंह का बड़ा बयान
सुधाकर सिंह का बड़ा बयान

Politalks.New/Bihar. बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़ राजद के साथ नई सरकार बना तो ली, लेकिन नीतीश की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. सत्ता परिवर्तन के बाद अब राजद के नेता ही सीएम नीतीश को आंख दिखाने लगे हैं. फिलहाल बात बिहार के नए कृषि मंत्री सुधाकर सिंह की हो रही है जिन्होंने ने प्रदेश की सियासत में बवाल मचा रखा है. पहले तो एक भरी सभा में उन्होंने खुद को चोरों का सरदार कहते हुए अपने विभाग को ही सबसे भ्रष्ट विभाग बता दिया और बाद में कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री को ही दो टूक सुना भी दी, बावजूद इसके सुधाकर के तेवर नरम नहीं पड़े हैं. गुरूवार को सुधाकर सिंह ने एक बार फिर बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘माना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुझे कथित अवज्ञा के लिए बर्खास्त कर सकते हैं लेकिन मैं पद पर तब तक बना रहूंगा जब तक की राजद का शीर्ष नेतृत्व ऐसा करने को नहीं कहता.’

आपको बता दें, बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के विवादित बयान से बिहार की सियासत गरमाई हुई है. हालांकि जदयू और राजद नेता कृषि मंत्री के बयान से बचते नजर आ रहे हैं लेकिन बीजेपी इसे लेकर लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर है. तो वहीं कृषि मंत्री सुधाकर सिंह भी एक के बाद एक बड़े बयान देकर अपनी ही सरकार की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं. गुरूवार को जब पत्रकारों ने सुधाकर सिंह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करने पर सवाल पुछा तो उन्होंने कहा कि, ‘मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कृषि विभाग के सामने आने वाली समस्याओं को समझाने के लिए तैयार हूं. अगर मुख्यमंत्री कैबिनेट प्रमुख होने के नाते मुझसे मिलना चाहते हैं और मेरे द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं, तो मैं निश्चित रूप से उनसे मिलेंगे. लेकिन अभी तक उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय से बैठक के संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है.’

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वहीं अपने बयान पर अब भी अडिग रहते हुए सुधाकर सिंह ने आगे कहा कि, ‘मैंने जो कुछ भी कहा है, मैं उस पर अब भी कायम हूं. मैंने अपने विभाग में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया है और मैं अपने बयान में संशोधन नहीं कर रहा हूं. लोगों ने मुझे चुना है और उनके लिए लड़ते रहेंगे. अब यह मुख्यमंत्री पर निर्भर करता है कि मेरी टिप्पणी सही है या गलत. कैबिनेट का प्रमुख होने के नाते मुझे बर्खास्त करना या मुझे मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देने के लिए कहना उनका (मुख्यमंत्री) विशेषाधिकार है, लेकिन मैं अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णय पर चलूंगा. जब तक राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव चाहेंगे तब तक मैं पद नहीं छोडूंगा.’ चर्चा है कि सुधाकर सिंह का ये बयान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस बयान पर आया है जिसमें उन्होंने कैबिनेट बैठक की चर्चा करते हुए कहा था कि, ‘मैंने उनसे उनकी शिकायतों के बारे में जानने की कोशिश की थी. जवाब देने के बजाय वह बाहर निकल गए.’

कैबिनेट बैठक से बाहर निकलने के बाद कृषि मंत्री सुधाकर सिंह को ये आशा थी कि उनसे उनके बयानों पर चर्चा होगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसे लेकर पत्रकारों से बात करते हुए सुधाकर सिंह ने कहा कि, ‘कैबिनेट बैठक के बाद भी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई. वास्तव में मैंने जो मुद्दे उठाए हैं, वे अकेले मेरे विभाग से संबंधित नहीं हैं और इसे केवल मुख्यमंत्री ही सुलझा सकते हैं, क्योंकि वह बिहार विकास मिशन के अध्यक्ष हैं. विकसित बिहार के लिए ‘बिहार विकास मिशन’ का गठन राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को मिशन मोड में लागू करने के लिया गया था.’

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सुधाकर सिंह ने कहा कि, ‘जब राज्य सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहा है, उस वक़्त उनके विभाग द्वारा संकलित आंकड़े और वर्षा रिपोर्ट एक विरोधाभासी तस्वीर प्रस्तुत करते हैं. राज्य के अधिकांश जिलों में धान के खेत सूखे हैं और कम वर्षा के कारण बड़ी दरारें बन गई हैं, लेकिन विभाग एक आंकड़ा लेकर आया है जो कुल लक्ष्य के 86 प्रतिशत में धान की रोपाई को दर्शाता है. यह तस्वीर बेहद अवास्तविक है और इस मुद्दे को मैंने उठाया है.’

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