Politalks.News/Bihar. आखिरकार लालू प्रसाद यादव की बिहार की राजनीति में अधिकारिक एंट्री हो ही गई. इधर लालू यादव के पटना पहुंचते ही तेज प्रताप यादव ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया. लालू के दोनों बेटों के बीच का विवाद सड़क पर आ गया. तेज प्रताप की जिद थी कि लालू उनके आवास पर आएं, लेकिन वह सीधा राबड़ी देवी के आवास चले गए. राबड़ी देवी के आवास पर जाकर अपने पिता से उन्होंने भेंट की, उसके बाद लालू के लाल ने अपने घर पर जमकर बवाल काटा, बोले- जब तक लालूजी नहीं आते धरने से नहीं उठूंगा. अपने बेटे को मनाने के लिए लालू और राबड़ी को तेजप्रताप के घर जाना पड़ा. इस दौरान तेजप्रताप ने लालू के पैर धोएं. लेकिन लालू गाड़ी से उतरे नहीं और लौट गए. इस घटना के बाद अब एक बार फिर से दोनों बेटों में वर्चस्व की लड़ाई सड़क पर आ गई.
लालू राबड़ी के नहीं आने तक किया जमकर ड्रामा
राबड़ी के आवास से लौट कर तेज प्रताप यादव ने अपने सरकारी आवास के बाहर धरना दिया और छात्र जनशक्ति परिषद के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर खूब नारेबाजी की. जोर-जुलुम के टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है जैसे नारे लगाए गए. तेज प्रताप के इस रूप से परेशान लालू यादव आखिरकार राबड़ी के साथ उनके आवास पर मिलने आए, तो तेज माने. हालांकि, लालू गाड़ी में ही बैठे रहे और वहीं से वापस चले गए.
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….ऐसा ही रवैया रहा था गद्दी पर नहीं बैठ पाएगा कभी- तेजप्रताप
इस पूरे प्रकरण के बीच तेज प्रताप यादव ने तेजस्वी यादव पर कहा कि, ‘वे दूध पीते बच्चे नहीं हैं. उन्हें समझना चाहिए. हरियाणा के आदमी संजय यादव को यहां कोई पहचानता नहीं है. इसके बावजूद ऐसे लोगों को साथ लेकर वे चल रहे हैं. ऐसे लोगों को साथ लेकर चलेंगे तो कैसे काम चलेगा? उन्हें सबको साथ लेकर चलना पड़ेगा. तेजप्रताप ने कहा कि, ‘इन लोगों ने पार्टी को हाईजैक कर लिया और बर्बाद करने का काम कर रहे हैं. इस तरह का रवैया रहा तो जिसको हम अपना अर्जुन कहते हैं, वह गद्दी पर कभी बैठ नहीं पाएगा. उसे प्रॉब्लम हो जाएगी.
तेज प्रताप को शांत करने पहुंचे लालू-राबड़ी
इसके बाद रविवार देर रात लालू प्रसाद और राबड़ी देवी तेज प्रताप यादव के आवास पर पहंचे. तब जाकर उनका गुस्सा शांत हुआ. तेज प्रताप यादव ने लालू प्रसाद के पैर पानी से धोए. तेज प्रताप दूध से भी पैर धोना चाहते थे, लेकिन उन्हें मना कर दिया गया. इस बीच कुछ देर तक कार में ही लालू प्रसाद बैठे रहे और फिर वापस राबड़ी आवास चले गए. वापस जाने पर तेज प्रताप यादव ने कहा कि, ‘यह उन लोगों पर तमाचा है, जो हमारे परिवार को तोड़ना चाहते हैं’.
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कहा है- मुझे अब RJD से मतलब नहीं
इससे पहले रविवार को ही तेज प्रताप यादव ने एक न्यूज चैनल पर कहा कि, ‘उन्हें राबड़ी आवास जाने से रोक दिया गया. वह पिता लालू प्रसाद को अपने आवास पर भी ले जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें नहीं ले जाने दिया गया. तेज प्रताप ने यहां तक कह दिया है कि राजद में कुछ लफंगे भर गए हैं, जो उन्हें पार्टी में पीछे कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब जब तक जगदानंद सिंह जैसे लोग पार्टी में हैं, उनका राजद से कोई वास्ता नहीं है. वह जल्द ही बड़ा फैसला लेने जा रहे हैं’.
लालू परिवार और तेजप्रताप का ड्रामा!
राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू यादव के परिवार में उनके दोनों बेटों, उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के बीच वर्चस्व की लड़ाई छिड़ी है. हालांकि, ये बात किसी से छिपी नहीं कि जहां तक नेतृत्व का सवाल है, इस मुद्दे को लालू यादव ने तेजस्वी यादव के पक्ष में पांच वर्ष पूर्व ही तय कर दिया था. लालू यादव के इस फ़ैसले को सबने यहां तक कि उनके विरोधियों ने भी मान लिया, ख़ासकर पिछले विधानसभा चुनाव में जितना बेहतर प्रदर्शन तेजस्वी के नेतृत्व में महागठबंधन का रहा, उसके बाद तो ये चर्चा का विषय भी नहीं रहा लेकिन इस सच को पार्टी नेताओं की मानें तो तेजप्रताप यादव पचा नहीं पा रहे. वे भले अपने आप को कृष्ण और तेजस्वी को अपना अर्जुन बताते हों लेकिन उनके मन में ये टीस हमेशा रहती है कि पार्टी में उनको भाव नहीं मिलता. इधर, राष्ट्रीय जनता दल के विधायकों की मानें तो तेजप्रताप में लालू यादव का बेटा होने के अलावा कोई भी एक गुण नहीं है और ख़ासकर उनका सार्वजनिक जीवन में जैसा व्यवहार होता है कि कभी वो कृष्णा भक्त बन जाते हैं तो कभी शिव भक्त, उससे समाज में उनकी काफ़ी हास्यास्पद छवि बनी है. रही सही कसर उनका अपनी पत्नी से चला विवाद है. इसके बाद पार्टी में कोई नेता उनके साथ एक सेल्फ़ी भी नहीं लेना चाहता.