Politalks.News/Rajasthan. कोरोना की दूसरी लहर के महाकहर के दौरान देश और प्रदेश में हजारों बच्चों के सिर से मां-बाप दोनों का साया उठ गया है. ऐसे बच्चों के भविष्य की चिंता को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा कर रही हैं. इसी मामले में लोकप्रिय नेता और बीजेपी से राज्यसभा सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल ने आज सवाई माधोपुर पहुंच कर कोविड-19 महामारी में अनाथ हुए बच्चों के लिए न्याय और सवाई माधोपुर जिले में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर जिला कलेक्ट्रेट के बाहर धरना दिया और सवाई माधोपुर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा के साथ अनाथ हुए बच्चे और पीड़ित परिवार भी साथ रहे.
महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों को अविलंब विशेष आर्थिक सहयोग प्रदान करें मुख्यमंत्री- किरोड़ी
इस दौरान सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदीजी ने देशभर में बच्चों के लिए आर्थिक पैकेज जारी किया है, जिससे ऐसे अनाथ हुए बच्चे अपना जीवन सम्मान पूर्वक बिता सकेंगे. वहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बाल सेवा योजना लागू की है जिसके तहत अनाथ हुए बच्चों की देखभाल के लिए प्रत्येक बच्चे को ₹4000 की राशि प्रतिमा उपलब्ध कराई जाएगी एवं उनकी राज्य के शिशु बाल गृह, कस्तूरबा गांधी विद्यालय तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित राजकीय बालगृहों में रखकर देखभाल की जाएगी. सांसद किरोड़ी मीणा ने आगे कहा कि इसी प्रकार मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना लागू की है जिसके तहत ₹5000 प्रति माह प्रति बच्चा, निशुल्क राशन, निशुल्क शिक्षा दी जाएगी एवं जो बच्चे जेईई मेंस परीक्षा या इसी प्रकार की अन्य परीक्षा के द्वारा निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश पाते हैं उन्हें डेढ़ लाख रुपए तक का शुल्क सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा.
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यही नहीं सांसद किरोडी मीणा ने आगे बताया कि नीट परीक्षा से प्रवेश पर सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों का पूरा शुल्क राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा. कॉमन लॉ ऐडमिशन टेस्ट के द्वारा या राष्ट्रीय निधि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षा में या दिल्ली विश्वविद्यालय में 12वीं कक्षा के बाद होने वाले एडमिशन में कॉलेजों का समस्त शुल्क राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा. पढ़ाई के लिए लैपटॉप पर टेबलेट की आवश्यकता होगी तो उसकी व्यवस्था भी सरकार द्वारा की जाएगी.
आगे सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सम्बोधित करते हुए कहा कि आपको भी आप की सरकार में कोविड-19 के इस महा संकट में अनाथ हुए बच्चों को एहसास नहीं होने देना चाहिए कि उनके माता-पिता नहीं है. किरोड़ी ने कहा कि इस विपदा काल में राज्य सरकार माता पिता की भूमिका निभाएं एवं उनकी अंगुली थामकर विपदा के कारण अनाथ हुए सभी बच्चों की पढ़ाई लिखाई भोजन एवं आर्थिक सुरक्षा देने का काम करें.
राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि यह सर्वविदित है कि पूरा प्रदेश कोरोना के इस महासंकट से गुजरा है. ऐसी महामारी सैकड़ों साल में एक बार आती है. कोरोनावायरस की पहली लहर का प्रकोप कम था लेकिन दूसरी लहर में संक्रमितओं की संख्या तेजी से बढ़ी और वायरस की अधिक घातकता के कारण बहुत लोग हमारा साथ छोड़ कर चले गए. किरोड़ी ने कहा कि ये जिंदगी का सबसे भयानक दौर था मासूम बच्चों के सिर से माता पिता का साया उठने से स्थिति और अधिक पीड़ादायक बन गई. जिन घरों में माता-पिता दोनों नहीं रहे यह दृश्य बहुत ही वेदना देता है.
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किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि बताया गया है कि राज्य सरकार ने 28 मई 2021 तक एक सर्वे करवाया जिसमें राज्य में 411 बच्चों का अनाथ होना सामने आया ऐसे बच्चों को दर-दर की ठोकरे खाने के लिए नहीं छोड़ा जाना चाहिए. किरोड़ी ने कहा कि सरकार इन बच्चों का दायित्व लेकर कोविड-19 भाव से प्रभावित हुए बच्चों को यह आभास कराएं कि वह अकेले नहीं हैं, सरकार उनके साथ है. अतः मेरी मुख्यमंत्री महोदय से मांग है कि-
- प्रत्येक अनाथ बच्चे को ₹100000 की राशि एकमुश्त उपलब्ध करवाई जाए
- ऐसे अनाथ प्रत्येक बच्चो को ₹7000 प्रति माह की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए
- ऐसे बच्चों को निशुल्क राशन एवं उच्च शिक्षा की व्यवस्था करवाई जाए
- ऐसे बच्चों जो नौवीं से 12वीं कक्षा में निजी स्कूल में पढ़ते हैं तो उन्हें साल में एकमुश्त ₹25000 की सहायता प्रदान की जाए
- ऐसे बच्चे जो जेईई मेंस परीक्षा या इस प्रकार की अन्य परीक्षा द्वारा निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश पाते हैं तो उन्हें ढाई लाख रुपए तक का शुल्क राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाए
- नीट परीक्षा से प्रवेश कर सरकारी एवं निजी मेडिकल कॉलेजों का पूरा शुल्क राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाए कॉमन लॉ ऐडमिशन टेस्ट के द्वारा राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षा में या दिल्ली विश्वविद्यालय में 12वीं कक्षा के बाद होने वाले एडमिशन कॉलेजों का समन शुल्क राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाए पढ़ाई के लिए लैपटॉप पर टेबलेट की आवश्यकता होने पर इसकी भी व्यवस्था की जाए.
- एक जानकारी के अनुसार अकेले सवाई माधोपुर जिले में 28 मई 2021 तक राज्य सरकार के सर्वे के अनुसार 12, दौसा में 32, करौली में 12 बच्चे अनाथ हो गए जिन्हें मेरी जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन ने खाने तक की व्यवस्था नहीं की है सवाई माधोपुर के जीना पुर गांव में 11 वर्षीय राहुल और 9 वर्षीय उसकी बहन राखी भूखे हो सोने को मजबूर हैं प्रशासन की नजर उन तक नहीं पहुंची है खाने की व्यवस्था गांव वालो ने कर राखी है उनके पास सिर छुपाने के लिए मकान भी नहीं है.
- कोविड के अतिरिक्त अन्य कारणों से माता-पिता या अभिभावक विहीन बच्चों की पहचान की जाए ऐसे बच्चों को भटकने या गलत हाथों में पड़ने नहीं दिया जाए इन बच्चों को भी सूची बनाकर सरकार द्वारा उनके आवास भोजन एवं पढ़ाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए