Politalks.News/Bengal/MamataBanerjee. जैसे जैसे वक्त बीत रहा है, पश्चिम बंगाल में सियासी पारा चढ़ता जा रहा है. बंगाल में विधानसभा चुनाव होने में आठ से दस महीनों का समय शेष है लेकिन सियासी बयानबाजी और राजनीतिक दांव पेंच तो पिछले काफी महीनों से चल रहे हैं. अमित शाह अपने दो दिवसीय दौरे पर बंगाल आकर चुनावी तैयारियों का जायजा ले चुके हैं और अब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का बंगाल दौरा भी प्रस्तावित है. इधर, टीएमसी प्रमुख और प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी चुनावी तैयारियों में जुट गई हैं. वे एक तरफ पार्टी में डैमेज कंट्रोल पर काम कर रही हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी पर लगातार वार कर रही हैं.
इसी कड़ी में बांकुड़ा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी को राष्ट्र का अभिशाप बताया. इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देते हुए कहा कि अगर भाजपा में हिम्मत है तो मुझे गिरफ्तार कराए. ममता दीदी ने कहा कि मैं जेल से भी आगामी विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करूंगी. कोरोना काल में सीएम ममता बनर्जी की यह पहली सार्वजनिक रैली थी.
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अपने जुबानी हमले जारी रखते हुए ममता बनर्जी ने बीजेपी को झूठ का पुलिंदा बताया. टीएमसी चीफ ने कहा कि भाजपा एक राजनीतिक दल नहीं है लेकिन झूठ का पुलिंदा है. जब भी चुनाव आता है वे टीएमसी नेताओं को डराने के लिए नारद (स्टिंग ऑपरेशन) और सारदा (घोटाला) का मुद्दा उठा लेते हैं. ममता दीदी ने अपने तेवर तीखे करते हुए कहा कि मैं बीजेपी या उसकी किसी एजेंसी से नहीं डरती. अगर उनमें हिम्मत है तो वे मुझे गिरफ्तार करके दिखाएं और सलाखों के पीछे डाल दें. मैं जेल से ही चुनाव लड़ूंगी और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करूंगी.
वहीं सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर पार्टी विधायकों को लालच देने सहित कई तरह के गंभीर आरोप लगाए और उनके कार्यकर्ताटों को सट्टेबाज बताया. ममता दीदी ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि बीजेपी के लिए कुछ लोग सट्टेबाजों की तरह काम कर रहे हैं और वो इस भ्रम में हैं कि भगवा पार्टी सत्ता में आ सकती है. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी पार्टी बदलने के लिए तृणमूल कांग्रेस के विधायकों को पैसों का लालच दे रही है.
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गौरतलब है कि 294 विधानसभा सीटों वाले राज्य पश्चिम बंगाल में अगले साल अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं. तृणमूल कांग्रेस लगातार तीसरे बार प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने की कोशिशों में जुटी है. वहीं बीजेपी टीएमसी के खेमे और मंसूबों पर सेंधमारी का रास्ता तलाशने के साथ ही साथ लोकसभा में मिले जनाधार को पहले से मजबूत करने की कोशिश कर रही है.