NEET व NET परीक्षा को लेकर देशभर में मचे बवाल के बीच मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह अपना एक अलग राग अलापने लगे हैं. उन्होंने NEET व NET परीक्षा के बहाने संघ, बजरंग दल और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) पर निशाना साधा है. दिग्गी राजा ने उन्होंने कहा कि चूंकि इन दिनों संगठनों ने हिंदुओं का ठेका लिया हुआ है. इन दोनों परीक्षाओं में अनियमितताओं से बड़ी संख्या में हिंदू बच्चे भी प्रभावित हुए हैं. ऐसे में आरएसएस, बजरंग दल और एबीवीपी को भी सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करना चाहिए. दिग्विजय ने सवाल उठाया कि नीट व नेट घोटाले पर संघ और बंजरग दल मौन क्यों हैं.
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भोपाल में आयोजित कांग्रेस के धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने NEET व NET परीक्षाओं को निरस्त करने की मांग की. दिग्गी राजा ने सवाल उठाते हुए कहा कि नीट व नेट घोटाले पर आरएसएस और बजंरग दल वाले मौन क्यों हैं? देश में 14.5 लाख विद्यार्थी नीट में पेपर लीक होने से प्रभावित हुए हैं. इनमें 12 लाख हिंदू और मुस्लिमों की संख्या पांच से 10 प्रतिशत ही होगी. आरएसएस, बजरंग दल और एबीवीपी सब मिलकर परीक्षा निरस्त क्यों नहीं कराते हैं.
बीजेपी ने किया करारा पलटवार
हिंदू और मुस्लिम विद्यार्थियों की बात करने पर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने दिग्विजय सिंह पर करारा पलटवार किया है. सलूजा ने कहा कि दिग्विजय सिंह को शर्म आना चाहिए. वह विद्यार्थियो को भी हिंदू-मुस्लिम में बांट कर शिक्षा को भी धर्म के आधार पर विभाजित कर रहे हैं.
आरोपी को ही बनाया जांच समिति का अध्यक्ष
दिग्गी राजा के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि हास्यास्पद यह है कि नीट के पेपर लीक कांड की जांच के लिए उन्हीं प्रदीप जोशी को जांच समिति का अध्यक्ष बना दिया, जो इसके लिए जिम्मेदार हैं. उनका त्याग-पत्र लिया जाए. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘देश में पिछले पांच वर्ष में 43 भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं. भाजपा सरकारों ने प्रतियोगी परीक्षा, उच्च शिक्षा एवं अन्य शिक्षण संस्थानों में कम योग्यता वाले लोगों को प्रमुख बनाया, उससे शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षा प्रणाली पूरी तरह से पंगु हो गई है.’
धांधली के चलते रद्द हुई NET परीक्षा
नेशनल टेस्ट एजेंसी द्वारा आयोजित कराई गई UGC NET को गड़बड़ी के चलते रद्द कर दिया गया है. यह परीक्षा 18 जून को हुई थी. इसके लिए 11 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया था. अब यह परीक्षा दोबारा आयोजित कराई जाएगी. वहीं एनटीए द्वारा आयोजित करायी गयी NEET परीक्षा को लेकर भी देशभर में बवाल मचा है. 4 जून को नीट का रिजल्ट आने के बाद से NEET में धांधली का आरोप लगाकर देश भर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं. लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के दिन 4 जून को NEET का रिजल्ट जारी हुआ था. रिजल्ट जारी होने के बाद से ही इस पर सवाल उठने लगे थे.
दरअसल ऐसा टॉपर 67 छात्रों को लेकर हुआ, जिन्हे 720 में से 720 नंबर मिले थे. इसके अलावा एक ही सेंटर के 6 छात्रों ने टॉप किया था. दो अन्य छात्रों को 719 और 718 नंबर मिले थे. यह मामला सामने आते ही धांधली के आरोप लगने लगे और देश भर में परीक्षा को रद्द किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू हो गए. इसके बाद ग्रेस मार्क्स वाले अभ्यर्थियों की परीक्षा के लिए नई तारीख घोषित की गयी है. इस परीक्षा को भी रद्द करने को लेकर हंगामा चल रहा है. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई भी कर चुका है और परीक्षा रद्द करने से इनकार कर दिया है. हालांकि इस मामले में 8 जुलाई को सुनवाई होनी है.