666 दिन नहीं मिला सेक्स का आनंद, अब मध्यप्रदेश सरकार दे 10 हजार करोड़ का जुर्माना, याचिका दायर

मध्यप्रदेश के रतलाम के जिला एवं सत्र न्यायालय में दायर हुई याचिका में कारोबार को हुए नुकसान, साख को पहुंची चोट, शारीरिक और मानसिक कष्ट, परिवार को हुए नुकसान के लिए 1-1 करोड़ रुपए की राशि, वहीं 10 हजार करोड़ रुपए सेक्स का आनंद नहीं ले पाने की वजह से चाहते हैं कांतिलाल, अगली सुनवाई 10 जनवरी को

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Kantilal Bheel On Shivraj Government. मध्यप्रदेश के रतलाम के जिला एवं सत्र न्यायालय में एक रोचक मामले को लेकर याचिका लगाई गई है. रतलाम में एक शख्स को रेप के झूठे केस में करीब दो साल तक सलाखों के पीछे रहना पड़ा. 666 दिनों तक जेल में बिताने के बाद आरोपमुक्त होकर जेल से बाहर निकले शख्स ने अब शिवराज सरकार से 10006 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा है. इसमें कारोबार को हुए नुकसान से लेकर मुकदमे का खर्च तक शामिल है. खास बात यह है कि कुल मांगी गई रकम में से 10 हजार करोड़ रुपए वह इसलिए चाहता है कि वह इस दौरान ‘भगवान की ओर से मानव को दिए उपहारों, जैसे सेक्स’ से वह वंचित रहा. मामले में अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 10 जनवरी दी है.

दरअसल, 20 जुलाई 2018 को एक महिला ने बाजना थाना पर रिपोर्ट की थी कि वह 18 जनवरी 2018 को अपने घर थी. दोपहर 12 बजे आरोपित कांतू पुत्र नरसिंह अमलीयार निवासी ग्राम घोड़ाखेड़ा आया तथा उससे कहा कि उसके साथ चल, वह उसे उसके भाई के घर छोड़ देगा. वह कांतू के साथ बाइक पर बैठ गई. वह भाई के यहां न ले जाते हुए जंगल में ले गया तथा उससे दुष्कर्म किया. इसके बाद अन्य आरोपित भेरू उर्फ भेरूसिंह निवासी ग्राम मनासा को बुलाकर उसके सुपुर्द किया, भेरू उसे इंदौर ले गया और वह छह माह तक रखकर उससे दुष्कर्म करता रहा. इसके बाद उसे बाजना छोड़ गया था. उसने पति को जाकर घटना बताई और फिर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई. पुलिस ने एक्शन लेते हुए महिला की रिपोर्ट पर आरोपित कांतिलाल भील उर्फ कांतू व भेरू के खिलाफ भादंवि की धारा 376 डी, 346 व 120 में प्रकरण दर्ज कर कांतू को 23 दिसंबर 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. सुनवाई के बाद 20 अक्टूबर 2022 को न्यायालय ने आरोप प्रमाणित नहीं होने पर दोनों को दोषमुक्त किया. दोषमुक्त होने के बाद अब कांतिलाल ने जय कुलदेवी फाउंडेशन के प्रतिनिधि अभिभाषक विजय यादव के माध्यम से दावा पेश किया है.

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35 साल के कांतिलाल भील का कहना है कि आरोपों और जेल ने उसकी दुनिया पलट दी. उसकी पत्नी, बच्चे और मां को बहुत दर्द से गुजरना पड़ा. उसने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, ”मैं नहीं बता सकता कि उन दो साल की जेल में मुझे क्या भुगतना पड़ा. मेरा परिवार इनरवियर भी नहीं खरीद सकता था. मैंने भीषण ठंड और गर्मी का बिना कपड़ों के जेल में सामना किया. कांति ने आगे कहा कि वह भगवती की कृपा से जेल से बाहर निकल पाए हैं क्योंकि वकील ने बिना फीस लिए उनके लिए केस लड़ा. अब वह जेल में बिताए हर दिन का हिसाब चाहते हैं. पीड़ित ने क्षतिपूर्ति याचिका में पुलिस पर ‘झूठे, मनगढ़ंत और मानहानिकारक बयान’ देने का आरोप लगाया गया है और कहा है कि झूठे आरोप ने उनके जीवन और करियर को बर्बाद कर दिया. कांतिलाल ने कहा कि जेल में उन्हें त्वचा रोग के अलावा कुछ अन्य बीमारियां मिलीं. उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य हैं.

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यहां आपको बता दें कि कांतिलाल ने कारोबार को हुए नुकसान, साख को पहुंची चोट, शारीरिक और मानसिक कष्ट, परिवार को हुए नुकसान के लिए 1-1 करोड़ रुपए की राशि मांगी है. इसके अलावा 10 हजार करोड़ रुपए सेक्स का आनंद नहीं ले पाने की वजह से चाहते हैं, जिसे वह भगवान की ओर से दिया गया उपहार मानते हैं. कांतिलाल ने जेल में रहते हुए मुकदमों के खर्च के लिए 2 लाख रुपए की मांग की है. वहीं कांतिलाल के वकील विजय सिंह यादव ने कहा कि जिला अदालत ने केस की सुनवाई की तारीख 10 जनवरी तय की है.

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