पॉलिटॉक्स न्यूज/राजस्थान. मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजना (Mukhyamantri Yuva Sambal Yojana) के तहत बेरोजगार युवाओं को तीन हजार और 3500 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान है लेकिन पात्रता रखने के बावजूद 50 हजार से ज्यादा बेरोजगार युवाओं को यह भत्ता नहीं मिल पा रहा है. आखिर इन 50 हजार बेरोजगारों को भत्ता क्यों नहीं मिल रहा, इसका जवाब सरकार ने सदन में दिया. दरअसल, राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक अनिता भदेल ने बेरोजगारी भत्ते से जुड़ा सवाल उठाया. सवाल का जवाब देते हुए खेल एवं युवा मामलों के राज्य मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि सीएम मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजना के तहत 3 लाख 17 हजार 293 बेरोजगारों के आवेदन आए. जांच के बाद इनमें से 2 लाख 10 हजार 321 को पात्र माना गया. वर्तमान में 1 लाख 59 हजार 728 बेरोजगारों को भत्ता दिया जा रहा है.
चांदना ने बताया कि पिछली सरकार ने एक लाख बेरोजगारों को भत्ते की सीमा निर्धारित की थी. अब इस सीमा को बढ़ाकर 1.60 लाख किया गया है. पिछली सरकार के 5 साल में 1.56 लाख बेरोजगारों को ही भत्ता मिला. जबकि पिछले 1 साल में ही 1.42 लाख बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जा चुका है. पिछली सरकार ने 121.60 करोड़ की राशि बेरोजगारी भत्ते के तौर पर बांटी जबकि जबकि कांग्रेस सरकार में पिछले एक साल में 287 करोड़ रुपए बेरोजगारी भत्ता दे चुकी है.
मंत्री के जवाब पर विपक्ष ने ऐतराज जताते हुए पूछा कि आखिर पात्रता होने के बावजूद 50 हजार युवा बेरोजगारी भत्ते से वंचित क्यों? क्या जन घोषणा पत्र में यह बिन्दू शामिल करते वक्त कोई सीमा निर्धारित की गई थी? इस पर मंत्री चांदना ने विपक्ष को ही घेरते हुए कहा कि आपकी सरकार ने ही एक लाख की सीमा निर्धारित की थी जिसे बढ़ाकर अब एक लाख 60 हजार किया गया है. जहां तक जन घोषणा पत्र का सवाल है तो उसमें कहा गया था कि शिक्षित और जरुरतमंदों को भत्ते का प्रावधान होगा. सूची से जैसे-जैसे लोग बाहर होते जाएंगे, वैसे-वैसे उसमें पात्रताधारी दूसरे बेरोजगारों को शामिल कर लिया जाएगा.
सदन में चांदना ने प्रदेश में बेरोजगारों से जुड़े आंकड़े भी सदन में पेश किए जिसके मुताबिक बेरोजगार विभाग में 12 लाख 91 हजार से ज्यादा बेरोजगार पंजीकृत हुए हैं. इनमें 9 लाख 30 हजार से अधिक स्नातक और करीब साढ़े़ 85 हजार स्नोकोत्तर हैं. 10वीं पास से कम योग्यता रखने वालों की संख्या करीब साढ़े 74 हजार हैं. मंत्री अशोक चांदना ने ये भी बताया कि फिलहाल स्नातक योग्यता नहीं रखने वाले बेरोजगार युवाओं को भत्ता देने का कोई भी प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है.
इससे पहले मंत्री चांदना ने प्रदेश में जल्द नई खेल नीति लाए जाने की बात भी कही थी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ दिलाया जाएगा. चांदना ने बताया कि खिलाड़ियों के हित में खेल नीति लगभग बन गई है और कुछ जरूरी संशोधन के साथ शीघ्र ही राज्य खेल नीति जारी की जाएगी. सरकारी नौकरियों में खिलाड़ियों को दो फीसदी आरक्षण देने में आ रही अड़चनों को दूर किया जा रहा है.
राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों और पेरा खिलाड़ियों को भी इसका लाभ दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि स्कूल-विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं खेलने वालों को भी इसमें शामिल किया जाएगा. वेकेंसी नहीं होने पर भी पोस्टिंग दी जाएगी, जिन्हें वेकेंसी आने पर कंज्यूम कर लिया जाएगा. साथ ही इन नौकरियों का दायरा बढ़ाकर 52 से 56 विभाग किए गए हैं.