‘नोटबंदी ‘PayPM’ द्वारा जानबूझकर उठाया गया कदम, अर्थव्यवस्था को नष्ट करने के फैसले की छठी बरसी आज’

पीएम मोदी ने नोटबंदी इसलिए की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके 2-3 अरबपति दोस्त छोटे और मध्यम व्यवसायों को खत्म करके भारत की अर्थव्यवस्था पर एकाधिकार कर लें- राहुल गांधी, हिंदुस्तान के इतिहास की सबसे बड़ी ऑर्गेनाइज्ड लूट 8 नवबंर 2016 को नोटबंदी के माध्यम से मोदी सरकार ने की- कांग्रेस

नोटबंदी की 6ठी बरसी पर बरसे राहुल-कांग्रेस
नोटबंदी की 6ठी बरसी पर बरसे राहुल-कांग्रेस

Sixth Anniversary of Demonetization. 8 नवम्बर 2016 की वो शाम शायद ही कोई भारतीय हो जिसके जहन में बैठी न हो… प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को अर्थव्यवस्था में भ्रष्टाचार और काले धन की समस्या को दूर करने के नाम पर तत्कालीन 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था. ऐसे में नोटबंदी के आज 6 साल पूरे होने के मौके पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर जोरदार तंज कसा है. राहुल गांधी ने मंगलवार को नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह 2-3 अरबपति दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया था. यही नहीं राहुल ने अपने ट्वीट में पीएम मोदी पर तंज कसते हुए ‘पेपीएम’ लिखा है.

आपको बता दें कि आज से 6 साल पहले हुई इस ऐतिहासिक नोटबन्दी ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. क्या अमीर और क्या गरीब हर आदमी बैंकों के बाहर लंबी लंबी कतारों में कई दिनों तक खड़ा नजर आया था. भ्रष्टाचार और काले कालेधन को खत्म करने के नाम पर की गई इस नोटबन्दी से देश में भ्रष्टाचार तो खत्म नहीं हुआ, हां लेकिन उस दौरान देश की अर्थव्यवस्था की जो दुर्दशा हुई उससे भारत आज भी उबर नहीं पाया है. कुछ पूंजीपतियों को छोड़कर शायद ही कोई हो जिसे पीएम मोदी के इस कदम से फायदा हुआ हो. शायद यही कारण है कि केंद्र में बैठी भाजपा या खुद पीएम मोदी ने अपने इस महान कार्य को आजतक अपनी उपलब्धियों में गिनाया नहीं है. वरना 2016 के बाद आने वाली हर 8 नवंबर को देश में बीजेपी द्वारा जश्न मनाया गया होता.

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वहीं बात करें भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस की तो पार्टी तत्कालीन अध्यक्ष औऱ वर्तमान सांसद राहुल गांधी इसको लेकर शुरू से ही पीएम मोदी और भाजपा पर हमलावर हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को भी राहुल गांधी ने अपने भाषणों का एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि, “नोटबंदी ‘PayPM’ द्वारा एक जानबूझकर उठाया गया कदम था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके 2-3 अरबपति दोस्त छोटे और मध्यम व्यवसायों को खत्म करके भारत की अर्थव्यवस्था पर एकाधिकार कर लें.’ यही नहीं भारत के तमाम विपक्षी दलों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार और खासकर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2016 में की गई इस नोटबंदी को “आर्थिक नरसंहार और आपराधिक कृत्य” करार दिया है.

कांग्रेस ने नोटबंदी पर की “श्वेत पत्र ” लाने की मांग
पीएम मोदी द्वारा की गई इस नोटबंदी के छह साल पूरा होने के मौके पर मंगलवार को कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार के इस कदम के बाद चलन में नकदी 72 प्रतिशत बढ़ गई और ऐसे में सरकार को इस पर ‘श्वेत पत्र’ लाना चाहिए. पार्टी नेता और प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोटबंदी रूपी इस भयावह विफलता को स्वीकार करना चाहिए. पत्रकारों से बात करते हुए वल्लभ ने कहा कि, ‘8 नवंबर 2016 का दिन सबको याद होगा, आज भारत की अर्थव्यवस्था को नष्ट करने के फैसले की छठी बरसी है. नोटबंदी के 50 दिन के बाद आज तक सरकार ने नोटबंदी का नाम तक नहीं लिया है.’

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यही नहीं कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ ने आगे दावा करते हुए कहा कि, ‘हिंदुस्तान के इतिहास की सबसे बड़ी ऑर्गेनाइज्ड लूट 8 नवबंर 2016 को नोटबंदी के माध्यम से मोदी सरकार ने की.’ वल्लभ ने कहा कि, ‘पिछले 6 साल में अर्थव्यवस्था में जो कैश-इन-सर्कुलेशन (चलन में नकदी) है, वो 72 प्रतिशत बढ़ा है. 2016 में अर्थव्यवस्था में चलन में नकदी 17.97 लाख करोड़ रुपये थी, जो आज 30.88 लाख करोड़ रूपये हो चुकी है.’

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