पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. देशभर में सबसे पहले लॉकडाउन घोषित करने वाला हमारा प्रदेश राजस्थान अब सबसे पहले सोमवार यानी आज से मॉडिफाइड लॉकडाउन लागू करने जा रहा है. प्रदेश में दुगुनी से ज्यादा तेज गति से बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या के बीच आज से मॉडिफाइड लॉकडाउन की शुरूआत हो गई है. मॉडिफाइड लॉकडाउन को लेकर रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों से प्रतिदिन होने वाली ऑनलाइन प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि 20 अप्रैल से शुरू होने वाले मॉडिफाइड लॉकडाउन का यह कतई मतलब नहीं कि लोग घरों से बाहर निकल सकते हैं. प्रदेशवासी किसी भी सूरत में अपना जीवन खतरे में न डालें. लॉकडाउन की उसी तरह पालना करें, जैसे वे अब तक करते रहे हैं. आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्त कोई बाहर निकला तो कार्रवाई होगी.
20 अप्रेल से शुरू होने वाले #ModifiedLockdown का यह कतई मतलब नहीं कि लोग घरों से बाहर निकल सकते हैं। लोग किसी सूरत में अपना जीवन खतरे में न डालें। लॉकडाउन की उसी तरह पालना करें,जैसे अब तक करते रहे हैं। आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्त कोई बाहर निकला तो कार्रवाई होगी।#राजस्थान_सतर्क_है pic.twitter.com/46hIpu1VKU
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मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रदेश की जनता से अपील करते हुए कहा कि इसी महीने शुरू होने वाले रमजान एवं अक्षय तृतीया के अवसर पर लोग लॉकडाउन की पूरी तरह पालना करें. इस दौरान सीएम गहलोत ने प्रदेश के धर्मगुरूओं, जनप्रतिनिधियों, एनजीओ आदि से अपील करते हुए कहा कि वे लॉकडाउन की पालना करवाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं. सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश में जब लॉकडाउन की शुरूआत की गई थी, तब राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों, धर्मगुरूओं, एनजीओ सहित सभी वर्गों को साथ लिया गया था. इन सभी से हम फिर आग्रह करेंगे कि वे मॉडिफाइड लॉकडाउन को सफल बनाने में अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाएं.
इसी महीने शुरू होने वाले रमजान एवं अक्षय तृतीया के अवसर पर लोग लॉकडाउन की पूरी तरह पालना करें। धर्मगुरूओं, जनप्रतिनिधियों, एनजीओ आदि से अपील है कि वे लॉकडाउन की पालना करवाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं।
निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पत्रकारों के साथ वार्ता की।
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एक-तिहाई कार्मिकों को फिलहाल नहीं आना है कार्यालय
मॉडिफाइड लॉकडाउन के दौरान किए गए एक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्त अन्य सरकारी कार्यालयों में 20 अप्रैल से 33 प्रतिशत कार्मिकों को रोटेशन के आधार पर बुलाने के निर्णय को फिलहाल टाल दिया गया है. अभी केवल सचिव, विभागाध्यक्ष और उप सचिव स्तर के अधिकारी एवं उनका निजी स्टाफ ही दफ्तर आएंगे. इस संबंध में आगे चरणबद्ध रूप से निर्णय लिया जाएगा. सीएम गहलोत ने बताया कि मॉडिफाइड लॉकडाउन में नगरपालिका के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग शुरू हो सकेंगें. शहरी क्षेत्रों में उन्हीं उद्योगों को सीमित छूट दी गई है, जिनमें श्रमिकों को फैक्ट्री में रखने की उचित व्यवस्था उपलब्ध है. आवश्यक सेवाओं के लिए पूर्व में जो पास जारी किए गए हैं, वे आगे भी मान्य होंगे. नए ई-पास ऑनलाइन बनाए जाएंगे.
आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्त अन्य सरकारी कार्यालयों में 20 अप्रेल से 33% कार्मिकों को रोटेशन के आधार पर बुलाने के निर्णय को फिलहाल टाल दिया गया है। अभी केवल सचिव, विभागाध्यक्ष, उप सचिव स्तर के अधिकारी, उनका निजी स्टाफ ही दफ्तर आएंगे। आगे इस संबंध में चरणबद्ध रूप से निर्णय लिया जाएगा
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राज्य के कैम्पों में अटके श्रमिक कार्यस्थल पर जा सकेंगे, सीएम गहलोत केंद्र से श्रमिकों को एक बार उनके घर जाने देने की करेंगे अपील
एक अन्य महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए सीएम गहलोत ने बताया कि भारत सरकार ने प्रदेश के अंदर विभिन्न जिलों में कैम्पों में अटके श्रमिकों को राज्य में स्थित उनके कार्यस्थलों पर पहुंचने की छूट दे दी है, लेकिन इससे पूरी तरह समस्या हल नहीं होगी. राजस्थान की समस्या अन्य राज्यों से अलग है. बड़ी संख्या में प्रदेश के श्रमिक देश के लगभग सभी राज्यों में मौजूद हैं. वे कोरोना महामारी के कारण तनाव में हैं और एक बार अपने-अपने घर जाना चाहते हैं. ऐसे में भारत सरकार को राजस्थान की परिस्थिति को ध्यान में रखकर उन्हें अपने घर पहुंचाने की छूट देनी चाहिए, ताकि उनका कॉन्फिडेंस मजबूत हो सके और वे कुछ समय बाद फिर अपने-अपने काम पर लौट सकें. इसके लिए हम भारत सरकार को पुनः पत्र लिखकर छूट देने का आग्रह करेंगे.
राजस्थान की समस्या अन्य राज्यों से भिन्न है। बड़ी संख्या में यहां के श्रमिक देश के लगभग सभी राज्यों में मौजूद हैं। वे कोरोना के कारण तनाव में हैं और एक बार अपने घर जाना चाहते हैं। ऐसे में भारत सरकार को राजस्थान की परिस्थिति को ध्यान में रखकर उन्हें घर पहुंचाने की छूट देनी चाहिए।
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार कोटा में पढ़ रहे कोचिंग स्टूडेंट्स को अपने राज्य में लेकर गई है. अन्य राज्य भी इस दिशा में पहल करें, ताकि बच्चों का तनाव दूर हो सके और संकट की इस घड़ी में वे परिवार के साथ रह सकें.
उत्तर प्रदेश सरकार कोटा में पढ़ रहे कोचिंग स्टूडेंट्स को अपने राज्य में लेकर गई है। अन्य राज्य भी इस दिशा में पहल करें, ताकि बच्चों का तनाव दूर हो सके और संकट की इस घड़ी में वे परिवार के साथ रह सकें।
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प्रदेश को 18 हजार करोड़ की राजस्व हानि, केंद्र दे विशेष पैकेज
लॉकडाउन के दौरान हुई राजस्व की हानि की जानकारी देते हुए सीएम गहलोत ने बताया कि कोरोना के कारण राज्य की आय एवं राजस्व संग्रहण में 60 से 70 प्रतिशत तक की गिरावट आई है. आर्थिक मंदी और कोरोना के कारण राजस्थान को इस वर्ष करीब 18 हजार करोड़ रूपए के राजस्व की हानि हुई है. मार्च के अंतिम सप्ताह में ही करीब 3500 करोड़ रूपए के राजस्व का नुकसान हुआ है. इस स्थिति का सामना करने के लिए केंद्र सरकार को विशेष पैकेज देना चाहिए.
कोरोना के कारण राज्य की आय एवं राजस्व संग्रहण में 60 से 70 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। आर्थिक मंदी और कोरोना के कारण राजस्थान को इस वर्ष करीब 18 हजार करोड़ रूपए के राजस्व की हानि हुई है।
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दिल्ली भिजवाए गए हैं 4 हजार सैंपल
सीएम गहलोत ने आगे बताया कि कोरोना के टेस्ट की पेंडेंसी नहीं रहे, इसके लिए हमारी सरकार ने करीब चार हजार सैम्पल जांच के लिए दिल्ली भिजवाए हैं. राजस्थान में कोरोना के सबसे ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं. इसी दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए हमारी सरकार ने करीब चार हजार सैम्पल्स को जांच के लिए दिल्ली लैब में भेजा है. ऐसी पहल करने वाला राजस्थान पहला राज्य है. इससे कोरोना की रिपोर्ट के लिए बैकलॉग एवं इंतजार खत्म होगा.
कोरोना के टेस्ट की पेंडेंसी नहीं रहे, इसके लिए हमारी सरकार ने करीब 4 हजार सैम्पल्स जांच के लिए दिल्ली भिजवाए हैं। राजस्थान में कोरोना के सबसे ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं। इसी दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए हमारी सरकार ने करीब 4 हजार सैम्पल्स को जांच के लिए दिल्ली लैब में भेजा है।
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मंडियों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ होगी उपज खरीद
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि मंडियों में कृषि जिंसों की खरीद में सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल की पालना हो. इसके साथ ही किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य भी मिले. प्रदेश में करीब 400 मंडियों एवं गौण मंडियों, करीब 500 ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं क्रय-विक्रय सहकारी समितियों तथा करीब 1500 कृषि प्रसंस्करण इकाइयों के जरिए जिंसों की खरीद की व्यवस्था की गई है. किसानों से कृषि जिंसों की सीधी खरीद के लिए कृषि प्रसंस्करण इकाइयों को भी लाइसेंस जारी किए गए हैं. कोटा संभाग में रबी जिंसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद प्रारंभ हो गई है.
करीब 400 मंडियों एवं गौण मंडियों, करीब 500 ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं क्रय-विक्रय सहकारी समितियों तथा करीब 1500 कृषि प्रसंस्करण इकाइयों के जरिए जिंसों की खरीद की व्यवस्था की गई है।
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