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साल 2016 रियो ओलंपिक कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला साक्षी मलिक और रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का अध्यक्ष बनने के लिए बृजभूषण शरण सिंह के बीच दंगल अब पीएम तक भी पहुंच गयी है. हाल में साक्षी मलिक ने एक किताब लिखी है ‘विटनेस’, जिसमें उन्होंने एक चैप्टर में उन्होंने बृजभूषण सिंह के बारे में डिटेल में बताया. यह डिटेल सिर्फ डिटेल नहीं है, बल्कि कई आरोप हैं जिन्होंने एक बार फिर बीजेपी नेता को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है. इसके अलावा, साक्षी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर स्वयं की सुरक्षा की मांग भी की है. रेसलर साक्षी मलिक ने कहा है कि उन्हें फिर से जान से मारने की धमकी मिल रही है. रेसलिंग का भविष्य बचाने की गुहार भी प्रधानमंत्री से लगाई गयी है.

साक्षी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए कहा- सर (पीएम), मुझे उन धमकियों से कोई फर्क नहीं पड़ता. मेरा आपसे निवेदन है कि आप हमारी कुश्ती को बचाएं.

सस्पेंशन हटाइए या फिर इलाज ढूंढ़िए

साक्षी मलिक ने वीडियो में आगे कहा, ‘पिछले साल रेसलिंग फेडरेशन के चुनाव हुए, उससे अगले ही दिन बृजभूषण की दादा गिरी और दबदबे को आपने और पूरे देश ने देखा. जिससे दुखी होकर और परेशान होकर मुझे कुश्ती को त्यागना पड़ा. इसके बाद सरकार ने फेडरेशन को सस्पेंड कर दिया. हालांकि फेडरेशन ने फिर से काम करना शुरू कर दिया. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि सरकार द्वारा बैन लगाने के बाद फेडरेशन कैसे काम देख सकती है. हाईकोर्ट ने रोक लगाई. डब्ल्यूएफआई ने एक भी आदेश नहीं माना. जब कोर्ट ने दोबारा फटकार लगाई तो फिर फेडरेशन ने बच्चों को आगे कर दिया.

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मैं उन बच्चों की मजबूरी समझ सकती हूं. उनके आगे पूरा करियर है और वह करियर फेडरेशन के हाथों में है. सर (पीएम) अगर आपको लगता है कि बृजभूषण के दबदबे वाली फेडरेशन के हाथों में बच्चियों का भविष्य सुरक्षित है तो आप सस्पेंशन हटा दीजिए. नहीं तो इसका परमानेंट इलाज ढूंढिए.’

रसूख और यौन शोषण का आरोप

साक्षी मलिक ने अपनी ऑटोबायोग्राफी के दो चैप्टर में बृजभूषण का जिक्र किया है. आरोप लगाया गया है कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का अध्यक्ष बनने के लिए बृजभूषण शरण सिंह ने अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल किया. उनके बाहुबली और गैंगस्टर होने के चर्चे सहित उनके खिलाफ दर्ज केसों के बारे में जिक्र है. दूसरे चैप्टर ‘नो प्लेस टू हाइड में साक्षी मलिक ने उस घटना का जिक्र किया है, जब तत्कालीन रेसलिंग फेडरेशन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने उनका यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की थी.

साक्षी मलिक का ये भी कहना है कि कुछ लड़कियां बृजभूषण के अटेंशन को इंजॉय करती थीं. ऐसे में, बाद में बाहर के देशों में ट्रेनिंग कैंप में भेजना हो या एक्सपोजर वाले कॉम्पिटिशन में, इन लड़कियों का नाम दिखाई देने लगा.

राजनीतिक प्रभाव में नहीं आयी कमी

यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद बीते आम चुनाव में 7 बार के सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया. हालांकि उनके बेटे करण भूषण सिंह को परंपरागत यूपी की कैसरगंज सीट से उम्मीदवार बनाया, जिन्होंने जीत दर्ज की. बृजभूषण ने खुलकर अपने बेटे का प्रचार किया और जीत दिलाकर अपने राजनीतिक प्रभाव को दिखाया है. अब बृजभूषण रिमोट राजनीति कर रहे हैं. साक्षी की पूर्व साथी विनेश फोगाट रैसलिंग छोड़कर राजनीति में चली गयी हैं. अब देखना ये है कि रैसलिंग की भलाई के लिए रिंग छोड़ सड़कों पर उतरी साक्षी और बाहुबली बृजभूषण शरण सिंह के बीच हो रहे इस दंगल में जीत आखिर किसकी होती है.

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