PoliTalks.news/Bengal. कोरोना के देशव्यापी संकट के बीच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने तीखे तेवर अभी तक नहीं छोड़े हैं और कुछ महीने शांत बैठने के बाद फिर से केंद्र सरकार पर अपने नुकीले जुबानी तीर छोड़ने शुरु कर दिए हैं. ममता ने अपने स्वर तेज करते हुए मोदी सरकार और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल में कोविड़-19 की भयावह स्थिति चल रही है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम नागरिकता संशोधन बिल (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) भूल गए हैं. एक वर्चु्अल रैली को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने ये बात कही.
अपना हमला जारी रखते हुए ममता ने आगे कहा कि दिल्ली में लोगों को मार कर नाले में फेंक दिया गया. बंगाल में कोविड है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम सीएए और एनआरसी भूल गए हैं. हम लोग एनआरसी या एनपीआर नहीं भूले हैं. बंगाल सीएम ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि दिल्ली से जो हमें शर्मिंदगी मिली है, हम केंद्र से उसका बदला लेंगे. उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों को बंगाल पर राज करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. हमें पता है कि लोगों के लिए कैसे खड़ा होना है. ऐसे में कोई ऐसा न समझे कि टीएमसी कमजोर है.
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भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि ऐसे लोगों में कोई क्वालिटी नहीं है. ये लोग बाहरी हैं. ये केवल जुबान चलाते हैं और नफरत फैलाने के लिए बोलते हैं. ये लोगों को हिंसा फैलाने के लिए कहते हैं. आर्टिस्ट और शिक्षाविद् पर हमले कर रहे हैं. केंद्र सरकार केवल बंगाल में कठिनाई पैदा करने के लिए अपना कार्ड खेल रही है.
ममता ने केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि बंगाल के सभी जिलों में आम लोगों से मिलें, देखें कि बंगाल कितना शांत है. हमें बंगाल में केवल 8 साल मिले हैं लेकिन केंद्र विकास की बात नहीं कर रहा है. उन्होंने अन्य राज्यों में बीजेपी सरकारों पर तंज कसते हुए कहा कि यूपी के लोगों में अफरा-तफरी मची है. वहां सिर्फ हत्याएं हैं, यहां तक कि पुलिस भी मारे जा रहे हैं और ये लोग कानून-व्यवस्था की बात करते हैं. त्रिपुरा में देख लें. वहां लोग बोल नहीं पा रहे हैं, पुलिस कंप्लेंट की बात भूल जाएं. असम की हालत और भी खराब है. इसके विपरीत बंगाल में चहूंओर शांति का माहौल है.
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वहीं एनआरसी और सीएए पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि देश का नागरिक कौन हो, यह तय करने का अधिकार डीएम को है या राज्य को इसका अधिकार है लेकिन केंद्र कौन होता है जो इस पर नए नियम बनाकर अपने ही लोगों को परेशान करे.
टीएमसी प्रमुख ने कहा कि ये लोग सिर्फ झूठ बोलते हैं और लोगों में लड़ाई कराते हैं. हिंदू बनाम मुस्लिम और कामतापुरी बनाम राजबंशी, सब कुछ सोच-समझ कर किया जा रहा है. प्रवासी मजदूरों के मुद्दे का छेड़ते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि हमने ट्रेनों का पैसा चुकाया है और बंगाल आने वाले श्रमिकों पर 250 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि मजदूरों से ट्रेन का किराया लिया गया.