mann ki baat
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देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ को जनता नहीं सुन पाएंगी. इसका खुलासा खुद पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के 110वें एपिसोड में किया. हालांकि यह कुछ महीनों के लिए ही है. आम चुनाव के बाद पीएम मोदी फिर से इस प्रोग्राम से जुड़ेंगे और मन की बात का 111वां एपिसोड लेकर आएंगे. मन की बात का पहला एपिसोड 3 अक्‍टूबर 2014 को प्रसारित हुआ था. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि राजनीतिक मर्यादा का पालन करते हुए लोकसभा चुनाव के इन दिनों में तीन महीने ‘मन की बात’ का प्रसारण नहीं होगा. पीएम ने कहा कि मन की बात रुक रहा है लेकिन देश की उपलब्धियां नहीं रुक रहीं.

नारी शक्ति के योगदान ​को किया नमन

110वें एपिसोड में पीएम मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए नारी-शक्ति के योगदान को नमन किया. पीएम मोदी ने कहा कि कुछ दिनों बाद 8 मार्च को हम महिला दिवस मनाएंगे। यह विशेष दिवस देश की विकास यात्रा में नारी शक्ति के योगदान को सलाम करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि आज देश का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं जिसमें देश की नारी शक्ति पीछे रह गयी हो।

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प्रधानमंत्री ने कहा, ‘महाकवि भारतियार जी ने कहा है कि विश्व तभी समृद्ध होगा, जब महिलाओं को समान अवसर मिलेंगे. आज भारत की नारी-शक्ति हर क्षेत्र में प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू रही है.’ पीएम मोदी ने ‘ड्रोन दीदी’ से बात की. उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले तक किसने सोचा था कि हमारे देश में व गांव में रहने वाली महिलाएं भी ड्रोन उड़ाएंगी! लेकिन आज ये संभव हो रहा है. आज तो गांव-गांव में ड्रोन दीदी की इतनी चर्चा हो रही है, हर किसी की जुबान पर नमो ड्रोन दीदी, नमो ड्रोन दीदी ये चल पड़ा है. हर कोई इनके विषय में चर्चा कर रहा है.

पीएम के संबोधन की प्रमुख बातें

  1. नारी शक्ति पर: आज देश में कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है, जिसमें देश की नारी शक्ति पीछे रह गई हो. एक और क्षेत्र, जहां महिलाओं ने अपनी नेतृत्व क्षमता का बेहतरीन प्रदर्शन किया है, वो है- प्राकृतिक खेती, जल संरक्षण और स्वच्छता. केमिकल से हमारी धरती मां को जो कष्ट हो रहा है, जो पीड़ा हो रही है, जो दर्द हो रहा है- हमारी धरती मां को बचाने में देश की मातृ शक्ति बड़ी भूमिका निभा रही है.
  2. खेती में पानी समितियों की भूमिका पर: देश के कोने-कोने में महिलाएं अब प्राकृतिक खेती को विस्तार दे रही हैं. आज अगर देश में ‘जल जीवन मिशन’ के तहत इतना काम हो रहा है तो इसके पीछे पानी समितियों की बहुत बड़ी भूमिका है. इस पानी समिति का नेतृत्व महिलाओं के ही पास है. इसके अलावा भी बहनें बेटियां, जल संरक्षण के लिए चौतरफा प्रयास कर रही हैं.

3. डिजिटल इनोवेशन पर: क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि डिजिटल गैजेट्स की मदद से अब वन्य जीवों के साथ तालमेल बिठाने में भी मदद मिल रही है. कुछ दिन बाद, 3 मार्च को ‘विश्व वन्य जीव दिवस’ है. इस दिन को वन्य जीवों के संरक्षण के प्रति जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है. इस वर्ष वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ डे की थीम डिजिटल इनोवेशन को सर्वोपरि रखा गया है.

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