कोरोना फिर बना सीएम गहलोत की ढाल, आलाकमान को दो टूक संदेश तो मैडम राजे को सियासी जवाब

सीएम गहलोत ने अपने 'किले' से नहीं निकलने के मुद्दे पर तोड़ी चुप्पी, एक बयान से साधे कई सियासी निशाने, प्रदेशवासियों की चिंता जता कर सभी को किया चित्त, अब राजनीति के जानकारों ने कहा- इसलिए ही इन्हें कहा जाता है सियासत का जादूगर

कोरोना फिर बना सीएम गहलोत की 'सियासी ढाल'
कोरोना फिर बना सीएम गहलोत की 'सियासी ढाल'

Politalks.News/Rajasthan. ‘मैं बाहर निकला तो भीड़ होगी जमा, लोग बोलेंगे खुद सीएम तोड़ रहे कोरोना प्रोटोकॉल’ ऐसा कहना है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का. डेढ़ साल से अपने घर से बाहर नहीं निकले सीएम गहलोत भाजपा ही नहीं अपनों के निशाने पर भी हैं. आपको बता दें चिरपरिचित प्रतिद्वंदी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक दिन पहले ही अपने हाड़ौती दौरे के दौरान सीएम गहलोत पर निशाना साधा था कि, ‘जनता रो रही है और सरकार घर में सो रही है’. हाड़ौती संभाग में भारी बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने के बाद मैडम राजे ने हालात को लेकर ये टिप्पणी की थी. वहीं अपनी ही पार्टी के पायलट कैंप के निशाने पर तो सीएम गहलोत पहले से चले आ रहे हैं.

सूत्रों की माने तो दिल्ली आलाकमान के बुलावे पर भी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली नहीं गए थे. जिसके चलते आलाकमान के दूतों ने जयपुर में आकर ही सीएम गहलोत से मुलाकात की थी. ये सही है कि सीएम अशोक गहलोत पिछले एक डेढ़ साल से कोरोना के चलते ईद के चांद की तरह ही घर से बाहर निकले हैं. ऐसे में आज अपनी चुप्पी तोड़ते हुए सीएम गहलोत ने बड़ा बयान दिया है और साफ किया है कि उन्हें कोरोना की तीसरी लहर की चिंता है. प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य की चिंता है. वैसे सीएम गहलोत से जुड़ी राजनीति के जानकारों का कहना है कि सीएम गहलोत ने अपने इस एक बयान से कई निशाने साध दिए हैं.

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अब आपको बताते हैं आखिर क्या बोला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने, आज राजस्थान हाउसिंग बोर्ड की आवासीय योजनाओं के शिलान्यास समारोह में सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘देश से कोरोना अभी गया नहीं है. एक्सपर्ट अभी भी कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की बात कह रहे हैं. इस कारण मैं खुद कहीं बाहर नहीं निकल पा रहा हूं. अगर मैं बाहर निकला तो लोगों की भीड़ जुटेगी और फिर लोग ही कहेंगे कि मुख्यमंत्री खुद कोरोना का प्रोटोकॉल तोड़ रहे हैं. मेरे लिए तो बड़ी समस्या बनी हुई है कि इसमें क्या करें’?

अब आपको ये बताते हैं कि क्यों सीएम गहलोत को अपनी चुप्पी तोड़नी पड़ी. दो दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने झालावाड़ क्षेत्र के भारी बारिश से प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा किया था इसके बाद राजे ने एक बयान जारी कर कहा था, कि, ‘बाढ़ और अतिवृष्टि की मार से परेशान हाड़ौती की जनता खून के आंसू रो रही है. राज्य सरकार जयपुर के सिविल लाइन्स में चैन की नींद सो रही है. चक्रवात तूफान से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिमी बंगाल, ओडिशा का दौरा किया था. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर लोगों को राहत पहुंचाई. राजस्थान के भी मुख्यमंत्री भी बाहर निकलें और जनता की सुध लें’.

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यही नहीं इस मुद्दे को लेकर सीएम गहलोत पहले से लगातार प्रदेश भाजपा के निशाने पर रहे हैं. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां और कद्दावर नेता गुलाबचंद कटारिया-राजेन्द्र राठौड़ कई बार इस मामले को लेकर निशाना साध चुके हैं. कई बार इन नेताओं ने सीएम को घर से बाहर नहीं निकलने पर घेरा है. राजेन्द्र राठौड़ ने तो यहां तक कह दिया था कि कांग्रेस आलाकमान की भी नहीं सुनते हैं सीएम गहलोत, वो दिल्ली जाते नहीं उनके लिए आलाकमान को अपने दूत भेजने पड़ते हैं. राठौड़ ने वेणुगोपाल, माकन, शैलजा और डीके शिवकुमार पर निशाना साध रहे थे.

राजनीति के जानकारों का कहना है कि कोरोना की आड़ लेकर सियासत के जादूगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर मास्टर स्ट्रोक चल दिया है. अपने घर से बाहर नहीं निकलने के पीछे कोरोना की चिंता जता सीएम गहलोत ने वसुंधरा राजे, पायलट कैंप और आलाकमान को मैसेज दे दिया है. बता दें, अपनी ही पार्टी के द्वारा साइडलाइन करने की कोशिशों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बाढ़ ग्रस्त इलाके का दौरा कर फिर से अपनी जमीन मजबूत करने में जुटी है. ऐसे में सीएम गहलोत ने मैडम राजे को मैसेज दिया है कि अगर आपके दौरे से जुट रही भीड़ से कोरोना का संक्रमण फैलाता है तो जिम्मेदार आप होंगे. साथ ही पायलट कैंप और दिल्ली आलाकमान को भी ये जता दिया है कि सीएम गहलोत को राजस्थान की जनता की ज्यादा चिंता है ना की मंत्रिमंडल पुनर्गठन की. वैसे अब सीएम गहलोत के बयान के बाद मरुधरा की राजनीति में बयानबाजी की बाढ़ आनी तय मानी जा रही है.

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