पॉलिटॉक्स न्यूज. देशभर में कोरोना संकट और कई राज्यों में फंसे मजदूरों को लेकर कांग्रेस की ओर से एक बड़ा बयान आया है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर घोषणा की है कि अन्य राज्यों से अपने अपने घरों को लौट रहे श्रमिकों का किराया कांग्रेस पार्टी खुद वहन करेगी. इसी बहाने कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी सरकार द्वारा विदेश में फंसे लोगों को वापस अपने देश मुफ्त में लाया जा सकता है लेकिन श्रमिकों से किराया वसूला जा रहा है.
इससे पहले भारतीय रेलवे ने देशभर में फंसे हुए लोगों के आवागमन के लिए विशेष श्रमिक रेलगाड़ियों के लिए दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि क्षमता की 90 प्रतिशत मांग होने पर ही विशेष श्रमिक रेलगाड़ियां चलाई जानी चाहिए और राज्यों को टिकट का किराया लेना चाहिए. किराया वसूलने के बयान पर रेलवे की तीखी आलोचना हो रही है. इधर कुछ सरकारों ने प्रवासी मजदूरों का किराया खुद वहन करने की बात कही है. वहीं शिवराज सिंह ने इस फैसले के बाद राहुल गांधी और सोनिया गांधी की चुटकी ली.
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक और कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी और जरूरी कदम उठाएगी. कांग्रेस पार्टी ने सोनिया गांधी का एक बयान जारी किया जिसमें सोनिया गांधी ने लिखा, ‘श्रमिक व कामगार देश की रीढ़ की हड्डी हैं. उनकी मेहनत और कुर्बानी राष्ट्र निर्माण की नींव है. सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाऊन करने के कारण लाखों श्रमिक व कामगार घर वापस लौटने से वंचित हो गए. 1947 के बंटवारे के बाद देश ने पहली बार यह दिल दहलाने वाला मंजर देखा कि हजारों श्रमिक व कामगार सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल घर वापसी के लिए मजबूर हो गए. न राशन, न पैसा, न दवाई, न साधन, पर केवल अपने परिवार के पास वापस गांव पहुंचने की लगन. उनकी व्यथा सोचकर ही हर मन कांपा और फिर उनके दृढ़ निश्चय और संकल्प को हर भारतीय ने सराहा भी.’
प्रेस विज्ञप्ति में आगे सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा, ‘देश और सरकार का कर्तव्य क्या है? आज भी लाखों श्रमिक व कामगार पूरे देश के अलग अलग कोनों से घर वापस जाना चाहते हैं, पर न साधन है, और न पैसा. दुख की बात यह है कि भारत सरकार व रेल मंत्रालय इन मेहनतकशों से मुश्किल की इस घड़ी में रेल यात्रा का किराया वसूल रहे हैं.’
सोनिया गांधी ने श्रमिकों व कामगारों को राष्ट्रनिर्माण के दूत बताते हुए मोदी सरकार पर तंज कसते हुए लिखा, ‘जब हम विदेशों में फंसे भारतीयों को अपना कर्तव्य समझकर हवाई जहाजों से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं, गुजरात के केवल एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रुपये ट्रांसपोर्ट व भोजन इत्यादि पर खर्च कर सकते हैं- यहां नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम की बात हो रही है, जब रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री के कोरोना फंड में 151 करोड़ रुपये दे सकता है तो फिर तरक्की के इन ध्वजवाहकों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते?‘
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सोनिया गांधी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने मेहनतकश श्रमिकों व कामगारों की इस निशुल्क रेलयात्रा की मांग को बार बार उठाया है. दुर्भाग्य से न सरकार ने एक सुनी और न ही रेल मंत्रालय ने. इसलिए, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठाएगी. मेहनतकशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने के मानव सेवा के इस संकल्प में कांग्रेस का यह योगदान होगा.
सोनिया गांधी के इस अधिकारिक बयान के बाद कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रवासी मजदूरों की घर वापसी का खर्चा उठाने की घोषणा कर दी है. राजस्थान की गहलोत सरकार और पंजाब की अमरिंदर सरकार भी जल्दी ही ऐसा फैसला ले सकती है. इसी बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रवासी मजदूरों की घर वापसी का खर्चा वहन करने का ऐलान किया है.
शिवराज ने कसा राहुल-सोनिया पर तंज, राजनीति करने का लगाया आरोप
इसी बीच शिवराज सिंह ने कांग्रेस के मजदूरों की घर वापसी का खर्चा उठाने की बात पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर करारा तंज कसते हुए कहा, ‘कांग्रेस के नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर स्व.ऋषि कपूर साहब की एक फ़िल्म का गाना एकदम सटीक बैठता है जो मुझे याद आ रहा है, ‘मैं देर करता नहीं, देर हो जाती है…’. वो विज्ञप्ति जारी कर कह रहे है कि कांग्रेस श्रमिकों की आवाजाही का खर्च वहन करेगी. बता दें, शिवराज सरकार भी मजदूरों की वापसी का खर्चा उठाने का ऐलान कर चुकी है.
शिवराज सिंह ने ये भी कहा कि मुझे इस बात का दुःख है कि प्रजा जब दुःखी होती है तो आपकी राजनीति शुरू हो जाती है और इस बात का सुख है कि हमारी नीति उनके सुख के लिए होती है. हम उनके जैसा सोचते हैं क्योंकि हम उनमें से एक हैं. उनके बराबर खड़े रहते हैं, महल में रहकर उनके साथ खड़े होने का दिखावा नहीं करते. शिवराज ने कांग्रेस से पूछा कि अब लगे हाथ ये भी बता दीजिए कि कांग्रेस शासित किन राज्यों ने यह खर्च उठाया? उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कुछ समाचार चैनल तो ये भी बता रहे है कि महाराष्ट्र समेत कई कांग्रेस शासित राज्यों ने किसी भी तरह का खर्च उठाने से मना कर दिया है!? हालांकि कांग्रेस की ओर से इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.