Politalks.News/Rajasthan. उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के हरदोई से निकली इस खबर ने मरुधरा की राजनीति में गर्माहट ला दी है. बीकानेर के नोखा का साल 2016 का डेल्टा हत्याकांड तो आपको याद ही होगा. अब इस प्रकरण फिर से कांग्रेस की राजनीति गर्माना तय है. इस मामले को लेकर यूपी के हरदोई के एक कांग्रेसी नेता ने कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र भेजकर पति-पत्नी और पौत्रों की इच्छा मृत्यु राजस्थान के मुख्यमंत्री से दिलाने की मांग करते हुए कहा है कि, ‘उसके पुत्र और पुत्रवधू को फर्जी मुकदमे फंसा कर जेल में डाल दिया है’. कांग्रेस नेता श्यामप्रकाश शुक्ला का कहना है कि, ‘उनके बेटे और बहू को फर्जी मुक़दमे में फंसा कर जेल में डाल दिया गया है और यह सब कुछ तब हुआ जब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पार्टी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने वहां पर आत्महत्या को हत्या का रूप दे दिया‘. पीड़ित नेता ने कहा है कि, ‘राजस्थान सरकार (Rajasthan government) उनके बेटे की जमानत पर भी पहरा लगाए हुए है.’ ऐसे परिवार के लिए न्याय की मांग करते हुए शुक्ला ने चेतावनी दी है कि गहलोत सरकार उन्हें न्याय दिलवाए और नहीं तो इच्छा मृत्यु दे और इसकी भी अनुमति नहीं मिली तो वे राजस्थान विधानसभा पहुंचकर आत्मदाह कर लेंगे’.
राहुल और पायलट ने जमकर घेरा था तत्कालीन भाजपा सरकार को
आपको बता दें, 2016 में बीकानेर के नोखा के एक होस्टल में हुई इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. इस मामले के चलते तत्कालीन भाजपा की वसुंधरा राजे सरकार की काफी छिछालेदर भी हुई थी. तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने बीजेपी के खिलाफ यह मुद्दा जमकर उठाया था. राहुल गांधी ने इस मामले को लेकर बीकानेर में एक दलित सम्मेलन भी किया था. इस सम्मेलन में राहुल गांधी ने कहा था कि, ‘सरकार डेल्टा प्रकरण के मर्डर को आत्महत्या बता रही है. इस मामले में भाजपा-कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल सीएम से मिलने गया. लेकिन, सीएम ने उनको यह कहकर लौटा दिया कि उनका समय जाया मत कीजिए‘. तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा था कि, ‘प्रदेश में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. इस कड़ी में एक नाबालिग लड़की डेल्टा मेघवाल की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई. इंसाफ देने के बजाय सरकार लड़की के चरित्र हनन की कोशिश कर रही है.’
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राजनीति के चलते आत्महत्या को दिया हत्या का रूप- शुक्ला
बता दें, यूपी के हरदोई के मूल निवासी डॉ. श्यामप्रकाश शुक्ला कांग्रेस पार्टी के पूर्व महासचिव और प्रवक्ता रहे हैं और कई अन्य पदों पर भी उन्होंने अपनी सेवाएं पार्टी को दी हैं. शुक्ला ने आरोप लगाया है कि, ‘उनका बेटा प्रज्ञा प्रतीक शुक्ला श्री जैन आदर्श विद्या निकेतन इंटर कॉलेज नोखा बीकानेर में प्राचार्य थे और उनकी बहू प्रिया शुक्ला अध्यापिका थीं. 27 मार्च 2016 को एक लड़की जो उसी कॉलेज में पढ़ती थी, पीटीआई बृजेंद्र सिंह के आवास से आपत्तिजनक हालत में पायी गई थी. विद्यालय के प्राचार्य होने के नाते उसी परिसर में निवास होने के कारण उनके बेटे ने पीटीआई को समझा-बुझाकर माफीनामा लिखवा लिया था, क्योंकि प्राचार्य होने के नाते यही किया जा सकता था. जिसके बाद 28 मार्च 2016 को उस लड़की ने परिसर में बने पानी के टैंक में कूदकर आत्महत्या कर ली थी. कांग्रेसी नेता का आरोप है कि, ‘छात्रा के पीटीआई के साथ बहुत पहले से शारीरिक संबंध थे जो कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी दर्शाया गया है. उस समय नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी की श्री जैन आदर्श विद्या निकेतन के चेयरमैन ईश्वरचंद की व्यक्तिगत दुश्मनी थी. इसी कारण उन्होंने राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहते हुए बदला लेने की नीयत पर सरकार को घेरा और उस समय 13 अप्रैल 2016 को राहुल गांधी प्रदेश और कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के साथ लड़की के गांव गए और आत्महत्या को हत्या का रूप दे दिया‘.
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‘जमानत पर राजस्थान सरकार का पहरा, विधानसभा पहुंच करूंगा आत्मदाह‘
कांग्रेस नेता श्यामप्रकाश शुक्ला का कहना है कि, ’12 अक्टूबर 2021 को मेरे बेटे प्रज्ञा प्रतीक शुक्ला व पुत्रवधू प्रिया शुक्ला को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दबाव में हरिजन एक्ट के तहत बीकानेर की अदालत के जज ने 6 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाकर 20000 का जुर्माना लगाकर जेल भेज दिया है’. अब शुक्ला ने सोनिया गांधी को पत्र लीखकर मांग की है कि, ‘राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से हम पति-पत्नी और पौत्रों की इच्छा मृत्यु का आदेश दिलवाएं अथवा हम सभी लोगों को गोली मरवाने का आदेश दिला दें, क्योंकि हमारे बेटे की जमानत पर भी पहरा राजस्थान सरकार पहरा लगाए हुए हैं’. शुक्ला ने चेतावनी देते हुए कहा कि, ‘अगर ऐसा नहीं होता है तो राजस्थान विधानसभा पहुंच कर आत्मदाह कर लेंगे’.