Politalks.News/Chattisgarh. छत्तीसगढ़ में गुंडाराज चल रहा, विरोध की हर आवाज़ को सरकार की तरफ से कुचला जा रहा है, भूपेश बघेल यह तानाशाही छत्तीसगढ़ के अन्नदाता बर्दास्त नहीं करेंगे… ये कहना है छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का. दरअसल, छत्तीसगढ़ के नावा रायपुर में आंदोलन कर रहे 27 गांव के किसानों को विकास प्राधिकरण ने परिसर से जबरन हटा दिया है, अब इस मामले को लेकर एक बार फिर प्रदेश की सियासत गरमा गई है. बता दें, अगले साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर पहले से हमलवार हैं. बीजेपी प्रदेश सरकार को घेरने के लिए किसी भी तरह से कोई भी मौका नहीं छोड़ रही है. ऐसे में 111 दिन से धरने पर बैठे किसानों को बलपूर्वक हटाने के मुद्दे को लेकर प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. इसके साथ ही प्रदेश में जारी संविदा विद्युत कर्मियों के आंदोलन को लेकर भी रमन सिंह सरकार पर निशाना साधा है.
आपको बता दें कि भूमि-अधिग्रहण से प्रभावित 27 गांवों के किसान नावा रायपुर में प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे थे. इसी बीच दो दिन पहले पुलिस प्रशासन ने किसानों को एनआरडीए परिसर को खाली करने का नोटिस दिया था. जिसके बाद भी किसानों के ना हटने पर रविवार तडक़े 3.30 बजे वहां 111 दिन से धरना दे रहे किसानों को बलपूर्वक हटा दिया गया. गहरी नींद में सो रहे किसानों को हटाकर उनके टेंट, मंच और लाइट-साउंड सामग्री को जब्त कर लिया गया. यही नहीं इस कार्रवाई का जिसने भी विरोध किया उसे हिरासत में ले लिया गया. अब इस मामले को लेकर सूबे की भूपेश बघेल सरकार प्रमुख विपक्षी बीजेपी के निशाने पर आ गई है. सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री एवं बीजेपी के दिग्गज नेता डॉ रमन सिंह बघेल सरकार के खिलाफ हमलावर हो गए हैं.
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डॉ. रमन सिंह ने ट्वीट कर कहा कि, ‘जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है.’ उन्होंने आगे कहा कि, ‘प्रदेश में गुंडाराज चल रहा है और सरकार विरोध की हर आवाज़ को कुचल रही है. भूपेश बघेल यह तानाशाही छत्तीसगढ़ के अन्नदाता बर्दास्त नहीं करेंगे. कांग्रेस की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, बस कुछ महीने और इनका अहंकार भी हारेगा, किसानों का पंडाल भी उखाड़ा गया यह कहां का न्याय है.’ वहीं संविदा विद्युत कर्मियों के आंदोलन के दौरान पुलिस द्वारा किये गए लाठीचार्ज का जिक्र करते हुए डॉ रमन सिंह ने कहा कि, ‘भाजपा गृह विभाग के आदेश के खिलाफ कोर्ट जाएगी. प्रदेश में धरना, प्रदर्शन, जुलूस रैली पर पाबंदी लगाना ठीक नहीं है. अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा पूरा करने की बजाय उनके आंदोलन को दबाया गया.’
डॉ. रमन ने आगे कहा कि, ‘आज छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की नीतियों से किसान, जनता और कर्मचारी असंतुष्ट हैं. वे खुलकर विरोध में खड़े हो गए हैं तो भूपेश बघेल सरकार ने दमनकारी नीतियों का खुलकर सहारा लेना शुरू किया है.‘ आपको बता दें कि अपनी नियमतिकरण की मांगों को लेकर बूढ़ापारा की सड़क को जाम करके आंदोलन कर रहे संविदा कर्मियों को पुलिस ने समझाया और आंदोलन समाप्त करने की कोशिश की लेकिन वे नहीं मानें. इस दौरान पुलिस व संविदा कर्मियों के बीच झूमाझटकी हो गई. पुलिस ने लाठी भांजनी शुरू की तब संविदा विद्युत कर्मी इधर-उधर भागे. पुलिस ने 100 से ज्यादा संविदा कर्मियों को गिरफ्तार किया है और उन्हें सेंट्रल जेल ले गए हैं.
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वहीं प्रदेश में अब किसी भी जिले में धरना-प्रदर्शन और आंदोलन के लिए 19 बिंदुओं पर स्थानीय जिला प्रशासन से अनुमति पर डॉ. रमन ने कहा कि, ‘क्या यह संभव है कि जिस प्रशासन का लोग विरोध करना चाहते हैं, वो अपने ही खिलाफ धरना, प्रदर्शन, जुलूस, रैली की अनुमति देगा. बिना अनुमति के कार्यक्रम किया तो आयोजकों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी. भाजपा इस आदेश के खिलाफ न्यायालय जाएगी और प्रदेश की जनता, किसानों तथा प्रदेश के हित में काम कर रहे कर्मचारियों को उनके लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित किए जाने के खिलाफ संघर्ष करेगी.’