पॉलिटॉक्स ब्यूरो. बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का पोहा खाने के तरीके को देखकर नागरिकता का पता लगाने वाला उनका ज्ञान अब उन पर भारी पड़ता दिख रहा है. सोशल मीडिया पर तो वे ट्रोल हो ही रहे हैं, कांग्रेस भी उन पर हमलावर हो गई है. कैलाश विजयवर्गीय ने अपने घर पर काम कर रहे मजदूरों के पोहा खाने के तरीके को देख उनके बांग्लादेशी होने का अंदाजा लगाया था. इस पर कांग्रेस नेता सुष्मिता देव ने विजयवर्गीय पर निशाना साधते हुए कहा कि अब उनकी नजर देशवासियों के खाने पर भी है कि आखिर वे क्या खा रहे हैं. सुष्मिता ने कहा कि बीजेपी के इन्हीं बयानों की वजह से लोगों को इनके ऊपर विश्वास नहीं होता, लोग इनसे डरे हुए हैं. कैलाश विजयवर्गीय को देश से माफी मांगनी चाहिए.
कांग्रेस नेता सुष्मिता ने कहा कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता इस तरह का बयान अगर दे सकते हैं तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर एनपीआर हुआ तो क्या होगा. दुख है बीजेपी की यही सोच है जिससे लोग डर रहे हैं. इन्हीं बयानों की वजह से लोगों का इनके ऊपर भरोसा नहीं होता है. सुष्मिता देव ने ये भी कहा कि देश के लोग क्या खा रहे हैं, इस पर भी विजयवर्गीय और बीजेपी नेताओं की तेज नजर है.
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इससे पहले कैलाश विजयवर्गीय ने एक संगोष्ठी में घटना का जिक्र करते हुए कहा कि मेरे घर में काम कर रहे कुछ मजदूरों के पोहा खाने का तरीका मैने देखा तो मुझे उनके बांग्लादेशी होने का शक हुआ. मैंने उनके पूछा कि कहां से हो तो वे बता नहीं पाए क्योंकि उन्हें हिंदी नहीं आती थी. जब सुपरवाइजर से पूछा तो जवाब मिला बंगाल. जब मैंने बंगाल में जिले का नाम पूछा तो वे कुछ नहीं बता पाए. जब अगले दिन ठेकेदार से पूछा कि मजदूर कहां के रहने वाले हैं तो उसने कहा कि शायद दूसरे देश के हैं. इस पर उससे पूछा कि तुम उन्हें मेरे यहां क्यों लाए तो ठेकेदार ने कहा कि वे पैसे कम लेते हैं और 12 घंटे काम करते हैं.
कैलाश विजयवर्गीय ने ये भी कहा कि हालांकि इसको लेकर उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई लेकिन जिक्र इसलिए किया क्योंकि ये सब देश के आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है. इस पर कांग्रेस नेता सुष्मिता देव ने कहा कि बीजेपी नेताओं के ऐसे बयान के चलते ही एनपीआर और एनआरसी को जोड़कर देखा जा रहा है.