विपक्ष के मुद्दों पर सीएम गहलोत का करारा पलटवार, निशाने पर रहे PM मोदी व RSS, BJP से मांगा सहयोग भी

सीएम ने बीजेपी विधायकों से मांगा सहयोग, ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने के लिए मैं BJP विधायकों के साथ पीएम के पास जाने को हूं तैयार, आपने गोमाता पर सिर्फ राजनीति की, हमने काम किया, नेहरू जी 17 साल आजादी के आंदोलन में जेल में रहे, सावरकर 6 बार माफी मांगकर बाहर आ गए, राज्यपाल हमारे 3 कृषि बिल दबाव में राष्ट्रपति के पास नहीं भेज रहे, डीजल-पेट्रोल के दाम की बात है तो एमपी, कर्नाटक, मणिपुर में रेट क्या हैं?

विधानसभा में विपक्ष के मुद्दों पर सीएम गहलोत का करारा पलटवार
विधानसभा में विपक्ष के मुद्दों पर सीएम गहलोत का करारा पलटवार

Politalks.News/RajasthanAssembly. प्रदेश की 15वीं विधानसभा के षष्ठम सत्र के 5वें दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई बहस के जवाब में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विपक्ष के उठाए मुद्दों का जवाब देने के साथ केंद्र और पीएम मोदी पर भी जमकर प्रहार किए. सीएम गहलोत ने कहा कि हमने कभी लॉकडाउन लगाने का विरोध नहीं किया, बल्कि हमने तो केंद्र सरकार से पहले अपने राज्य में लॉकडाउन लगाया था. सीएम गहलोत ने कहा लेकिन जब गुजरात में राज्यसभा चुनाव थे और वहां एक सीट कांग्रेस और एक पर बीजेपी जीतती. लेकिन दो सीटों पर चुनाव के लिए अलग-अलग तारीख तय की गई, ताकि दोनों सीट बीजेपी जीते. फिर जब गुजरात में हॉर्स ट्रेडिंग पूरी नहीं हो पाई तो दो दिन पहले चुनाव आयोग ने कोरोना का हवाला देकर चुनाव पोस्टपोंड कर दिया. सीएम गहलोत ने तंज कसते हुए कहा वहीं जब एक दिन पहले शिवराज चौहान का मुख्यमंत्री बनने पर जुलूस निकला तब कोरोना नहीं था, लेकिन राज्यसभा चुनाव के वक्त कोरोना हो गया.

देश में है डर का माहौल

सरकारी जांच एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में आज भय का वातावरण है. लोग फोन पर बात करने से डरते हैं. किसी से बात करें तो वह कहता है कि फोन काटकर फेसटाइम या अन्य मीडियम से बात कर लीजिए. सामाजिक कार्यकर्ता गिरफ्तार किए जा रहे हैं, जिस देश में यह माहौल हो, लोग डर रहे हों वहां क्या कहा जा सकता है?

यह भी पढ़ें: प्रदेशभर के बेरोजगार युवाओं का राजधानी में जमावड़ा, विधानसभा घेराव से पहले पुलिस ने रोका, वहीं डटे

आपने गोमाता पर सिर्फ राजनीति की, हमने काम किया
बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वर्षों से सुनता आ रहा हूं राम मंदिर-राम मंदिर, आरएसएस और आप गोमाता का नाम लेते हैं, लेकिन हम गोमाता के लिए काम करते हैं. आपने गोमाता का नाम राजनीति के लिए लिया लेकिन हमने गोमाता के लिए काम किया. हमने पहली बार गोमाता के लिए गौपालन निदेशालय बनाया. क्या आपने बनाया, जबकि आप भी 1978 में सरकार में आ गए थे, उसके बाद 1994 में और उसके बाद भी सत्ता में. गोमाता में हिंदुओं की भावनाएं है इसलिए हमने किया.

नेहरू जी 17 साल आजादी के आंदोलन में जेल में रहे, सावरकर 6 बार माफी मांगकर बाहर आ गए
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम लेती है लेकिन अभी बंगाल चुनाव में उन्हें दीनदयाल उपाध्याय की जगह गुरु रविन्द्र नाथ टैगोर याद आ रहे हैं, अच्छा है. सीएम गहलोत ने कहा दीनदयाल उपाध्याय का स्वतंत्रता संग्राम से कोई वास्ता नहीं था. स्वतंत्रता संग्राम से वास्ता न बीजेपी का है न जनसंघ का है और न आपके नेताओं का है. आप योजना लाएंगे तो किसके नाम से लाएंगे. आप कहते हैं कि सारी योजनाएं पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम से हैं, स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले कांग्रेस नेताओं के नाम हम योजनाएं करते हैं तो आपके पेट में दर्द क्यों होता है. देश के प्रथम प्रधानमंत्री और दूरदर्शी जवाहरलाल नेहरू 17 साल आजादी के आंदोलन में जेल में रहे. वीर सावरकर तो 6 बार माफी मांगकर बाहर आए. वहीं इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने देश के विकास के लिए कितनी योजनाओं को लागू किया.

यह भी पढ़ें: चिंतन शिविर में खुलकर बोले समर्थक- वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री फेस बनाए बिना पार्टी की वापसी संभव नहीं

राज्यपाल हमारे 3 कृषि बिल दबाव में राष्ट्रपति के पास नहीं भेज रहे
मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा कि आज तीन महीने से ठंड के अंदर दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन कर रहे हैं. बूढ़े, बच्चे और महिलाएं वहां उनके साथ बैठे हैं, उनकी कोई सुनवाई ही नहीं कर रहा है. यहां तक कि हमने किसानों के लिए तीन कृषि बिल पास किए, वे राज्यपाल के पास लंबित पड़े हैं. हम चार कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राष्ट्रपति से मिलने का वक्त मांगा लेकिन वक्त नहीं मिला. हमने पांच एकड़ तक किसान की जमीन कुर्क से मुक्त करने का भी बिल पास किया, उसे भी राज्यपाल दबाव में राष्ट्रपति के पास नहीं भेज पा रहे हैं.

उद्योगपतियों के कर्ज माफ हो सकते हैं तो किसानों के क्यों नहीं?
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि किसान कर्ज माफी पर किया वादा हमने निभाया. हमारे राज्य में सहकारी बैंकों के पूरे कर्ज माफ किए गए हैं. राष्ट्रीयकृत बैंकों के लिए हमने शुरू से प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी कि वन टाइम सेटलमेेंट करवा दीजिए. सीएम गहलोत ने कहा कि जब बैंकों से बड़े-बड़े उद्योगपतियों के कर्ज माफ हो सकते हैं तो किसानों के क्यों नहीं?

डीजल-पेट्रोल के दाम की बात है तो एमपी, कर्नाटक, मणिपुर में रेट क्या हैं?
लगातार बढ़ रही पेट्रोल-डीजल के दामों को लेकर सीएम गहलोत ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमत ज्यादा हैं तो केंद्र सरकार जिम्मेदार है. हमने वैट दो फीसदी कम करने कर प्रयास किया. डीजल-पेट्रोल के दाम की बात है तो एमपी, कर्नाटक, मणिपुर में रेट क्या हैं? हरियाणा और पंजाब की रेट में हमेशा फर्क रहता हैं, मध्यप्रदेश में दरें हमसे ज्यादा हैं. अभी हमने दो फीसदी वैट कम किया तो 1000 करोड़ का भार पड़ा है. यूपीए राज में कच्चे तेल की रेट 135 डॉलर पर बैरल थी, जबकि आज 40 डॉलर प्रति बैरल है, फिर भी रेट बढ़ती जा रही है. केंद्र सरकार ने एक्साइज डृयूटी बढ़ा दी है, केंद्र ने डीजल पेट्रोल पर वह सब ड्यूटी बढ़ा दी जिनका राज्यों को हिस्सा नहीं मिलता.

यह भी पढ़ें: पायलट को साइड लाइन करने के लिए गहलोत जो चाहते थे, वो किया लेकिन राहुल गांधी क्यूं रहे खामोश?

मैं बीजेपी के विधायकों के साथ प्रधानमंत्री से मिलने जाने को तैयार हूं.
ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट यानी ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी विधायकों से सहयोग मांगा. सीएम गहलोत ने कहा कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का वादा प्रधानमंत्री दो बार कर चुके हैं. ईआरसीपी 13 जिलों में पानी पहुंचाने की परियोजना है, इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिलना जरूरी है. मैं बीजेपी के विधायकों के साथ प्रधानमंत्री से मिलने जाने को तैयार हूं. सीएम गहलोत ने बीजेपी विधायकों से कहा ईआरसीपी पर प्लीज मेरा साथ दीजिए.

Leave a Reply