Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को तीन बड़े फैसलों पर अपनी मुहर लगाकर सम्बंधित लोगों को राहत और सौगात प्रदान की है. इस क्रम में सीएम गहलोत ने संवेदनशीलता दिखाते हुए जेल परिसर में ड्यूटी करने वाले जेल विभाग के सरकारी एवं संविदा पर लगे कर्मचारियों को भी पुलिस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, स्वायत्त शासन विभाग सहित अन्य फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स की तर्ज पर ड्यूटी पर रहते हुए कोविड-19 संक्रमण के कारण मृत्यु होने पर 50 लाख रुपए की अनुग्रह राशि प्रदान किए जाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
इस संबंध में जेल विभाग द्वारा वित्त विभाग भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया था कि जेल विभाग के कर्मियों ने भी लॉकडाउन के समय जेल परिसर में ड्यूटी करते हुए कोरोना संक्रमण के खतरे का सामना किया है. इस दौरान जयपुर के केन्द्रीय जेल सहित भरतपुर एवं बूंदी की जेलों में भी कई बंदी कोरोना संक्रमित पाए गए थे.
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों हुई जेल विभाग की समीक्षा बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा के बाद इस पर सहमति जताई थी।
वहीं राज्य में खेलों को बढ़ावा देने एवं खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए राजस्थान के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 153 खिलाड़ियों को राजकीय सेवा में आउट ऑफ टर्न नियुक्ति देने का महत्वपूर्ण निर्णय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया है. 153 खिलाड़ियों की राजकीय सेवा में नियुक्ति के प्रस्ताव के अनुसार ग्रेड-ए में 2, ग्रेड-बी में 5 तथा ग्रेड-सी में 146 खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नियुक्ति दी जाएगी.
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वहीं ओलंपिक खेलों में कोटा प्राप्त करने वाले निशानेबाज़ दिव्यांश सिंह पंवार और टोक्यो पैरालिम्पिक खेलों में कोटा प्राप्त करने वाली पैरा शूटर अवनी लेखरा को ग्रेड-ए में नियुक्ति दी जायेगी. अवनी लेखरा को सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) के पद पर नियुक्ति दी जाएगी. वहीं दिव्यांश पंवार ने पुलिस उप अधीक्षक के पद के लिए आवेदन किया है, लेकिन उनकी आयु 18 वर्ष है, जबकि पुलिस उप अधीक्षक पद पर नियुक्ति के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष है. ऐसे में पंवार अभी नियुक्ति प्राप्त करना चाहते हैं तो उन्हें सहायक वन संरक्षक के पद पर नियुक्ति दी जा सकती है, अन्यथा न्यूनतम आयु पूर्ण करने पर उन्हें पुलिस उप अधीक्षक पद पर नियुक्ति दी जाएगी.
इसी प्रकार विशेष योग्यजनों के लिए प्रदेश भर में विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से संचालित सभी आवासीय एवं गैर-आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों के लिए 6 करोड़ 2 लाख रुपए से अधिक राशि एकमुश्त अनुदान के रूप में देने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वीकृति दी है. इस संबंध में वित्त विभाग से प्राप्त प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया गया है. जिसके अनुसार, यह राशि सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता, अनुसूचित जनजाति क्षेत्र विकास और स्कूल शिक्षा सहित विभिन्न विभागों द्वारा संचालित विशेष योग्यजन विद्यालयों एवं छात्रावासों में कोरोना महामारी के दृष्टिगत राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन और अनलॉक की अवधि के दौरान कार्यरत कार्मिकों के लिए मानदेय, भवन किराया, मरम्मत एवं साफ-सफाई तथा बिजली-पानी बिल आदि के भुगतान के लिए आवृत्ति एवं अनावृत्ति मदों में हुए व्यय के लिए होगी.
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गौरतलब है कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में विशेष योग्यजनों के लिए विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा 102 आवासीय विद्यालय अथवा छात्रावास संचालित किए जा रहे हैं, जिनकी स्वीकृत आवास क्षमता 7100 है. लॉकडाउन तथा अनलॉक की अवधि के दौरान भी इन छात्रावासों में या तो विद्यार्थी आवासरत रहे अथवा इनके भवनों का उपयोग कोरोना संक्रमित मरीजों और संदिग्ध रोगियों के लिए क्वारंटाइन सुविधा हेतु किया गया था.