सीएम गहलोत नहीं चाहते थे मेरा बंगला हो खाली लेकिन कुछ मीणा विधायकों को नहीं था मंजूर- डॉ किरोडी लाल मीणा

17 साल से बंगला न02 में रह रहे सांसद डॉ किरोडी लाल मीणा ने खाली किया सरकारी बंगला, कहा- अब गांव में ही रहने का मन बनाया है, वहीं से और दिल्ली से जनता की सेवा करूंगा, एसएमएस अस्पताल आने वाले मरीजों और उनके परिजनों की मैंने पिछले 17 साल में खूब सेवा की, यहां से जनसेवा नहीं कर पाने का मुझे मलाल रहेगा

डॉ किरोडी लाल मीणा
डॉ किरोडी लाल मीणा

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. राज्यसभा सांसद डॉ किरोडी लाल मीणा ने अपनी राजनीति का गढ रहे राजधानी के बंगला नंबर को खाली कर दिया है. प्रदेश के सबसे बडे अस्पताल एमएमएस के ठीक सामने स्थित इस सरकारी बंगले में डॉ किरोडी लाल मीणा पिछले 17 साल से अपने परिवार के साथ निवास कर रहे थे. डॉ मीणा का यह बंगला एसएसएम अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों की सेवा में भी बहुत काम आया तो डॉ मीणा की राजनीति का गढ भी यह बंगला रहा. 2013 के विधानसभा चुनाव से पहले जब डॉ मीणा भाजपा छोड राजपा में शामिल हुए तो राजस्थान में राजपा का मुख्यालय भी यह बंगला रहा वहीं सरकार के खिलाफ विभिन्न मुददों पर आवाज उठाने के सैंकडों आंदोलनों की रणनीति भी डॉ मीणा ने इसी बंगले से बनाई.

सांसद डॉ किरोडी लाल मीणा को यह सरकारी बंगला 2003 में वसुंधरा सरकार में मंत्री रहते अलॉट हुआ था. इसके बाद 2008 में उनकी धर्मपत्नि गोलमा देवी गहलोत सरकार में मंत्री बनी तो यह बंगला फिर से उनकी पत्नि के नाम अलॉट हो गया. अब गहलोत सरकार में हाइकोर्ट के आदेश के बाद डॉ किरोडी लाल मीणा को यह बंगला खाली करना पडा. डॉ मीणा अपनी पत्नी पूर्व मंत्री गोलमा देवी सहित सपरिवार फिलहाल इस बंगले में रह रहे थे.

सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने शनिवार सुबह इस बंगले को खाली करने को लेकर सोशल मीडिया पर एक भावुक विडियो पोस्ट करते हुए कहा कि पिछले 17 साल से मैं इस बंगला नंबर 2 में रह रहा हूं. यहां पर मैं खुद के और मेरी धर्मपत्नी के पूर्व में मंत्री होने के नाते रह रहा था. अब 10 हज़ार रूपए प्रतिदिन जुर्माना जो महीने के तीन लाख रूपए बनता है, मैं देने में सक्षम नहीं हूं. प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल आने वाले मरीजों और उनके परिजनों की मैंने पिछले 17 साल में खूब सेवा की. यहां रहते हुए एसएमएस में भर्ती मरीजों को पिछले 17 सालों में मैंने करीब साढे सात करोड़ रूपए तक की आर्थिक सहायता भी दिलवाई है. अब क्योंकि बंगला खाली करना पड़ गया है इसलिए यहां से जनसेवा नहीं कर पाने का मुझे मलाल रहेगा.

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सांसद मीणा ने आगे कहा कि मैं यह बंगला स्वेच्छा से खाली कर रहा हूं, बंगले की राशि दे पाने में असमर्थ हूं. मेरे बंगला खाली होने की बात पर कई विधायक व जनप्रतिनिधि भी विरोध जता चुके हैं. कई शुभचिंतक नहीं चाहते कि ये बंगला खाली हो, शायद मुख्यमंत्री भी ये नहीं चाहते थे. डॉ मीणा ने आगे कहा कि सत्ता धारी कांग्रेस पार्टी के कुछ विशेषतौर से मीणा विधायक उनके बंगला नंबर 2 में रहने को लेकर लगातार एतराज़ जता रहे हैं. इस कारण यह बंगला मुझे खाली करना पड रहा है.

डॉ मीणा ने बताया कि जयपुर में उनका एक अन्य मकान है लेकिन उसमें छोटा भाई और भतीजा रहते हैं, तो फिलहाल उसके अलावा मेरे पास कोई ठिकाना नहीं है. इसलिए बंगले के सामान को इधर-उधर रखकर गांव में ही रहने का मन बनाया है. अब वहीं से रहकर और दिल्ली से जनता की सेवा करूंगा. डॉ मीणा ने आगे कहा कि कई शुभचिंतकों ने मुझसे संपर्क करके जयपुर में रहने के लिए फ़्लैट-बँगला, फॉर्म हाउस देने का निवेदन किया है. विपदा की इस घडी में शुभचिंतकों के इस समर्पण भाव को मैं जीवन भर नहीं भूलूंगा.

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