Kirodi Lal Meena on Ashok Gehlot: दिग्गज भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में 28 फरवरी से राजधानी में पुलवामा शहीदों की वीरांगनाओं के साथ पहले शहीद स्मारक तो अब सचिन पायलट के सरकारी आवास के बाहर धरना जारी है. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के आवास के बाहर पिछले 3 दिनों से बैठी वीरांगनाओं से बीते मंगलवार को गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास व शकुंतला रावत ने मुलाकात की थी. बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान वीरांगनाओं की लगभग सभी मांगों पर सहमति बन गई थी, लेकिन तभी वीरांगनाओं ने सीएम आवास के बाहर से उन्हें हटाने वाले पुलिस कर्मियों के निलंबन की मांग कर डाली. वहीं गहलोत सरकार के मंत्रियों की असफल कोशिश के बाद मंगलवार देर रात खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर वीरांगनाओं की मांगों को अनुचित बताते हुए उन्हें मानने से साफ इंकार कर दिया. इस पर नाराज सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने इसे गहलोत सरकार का थूक कर चाटने वाला कदम बताया.
राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के सरकारी आवास के बाहर धरना स्थल पर पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा की गहलोत साहब थूक कर चाट गए. गहलोत साहब की पहल पर ही बीते दिन दो मंत्री व सैनिक कल्याण बोर्ड के डायरेक्टर यहां धरना स्थल पर आए थे. इस दौरान वह कह कर गए थे कि नौकरी देने, सड़क बनाने, चौराहों का नामकरण करने, कॉलेज के नामकरण करने में कोई दिक्कत नहीं है. वीरांगनाओं की लगभग सभी मांगों को हमने मान लिया है.
सांसद मीणा ने आगे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि मंत्रियों से हुई इस मुलाकात के 1 घंटे बाद मुख्यमंत्री ट्वीट कर मांगों को मानने से इनकार करें तो सरकार की क्रेडिबिलिटी कहां है. यह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की विश्वसनीयता पर बहुत बड़ा सवाल है. सांसद मीणा ने कहा की इस पूरे घटनाक्रम पर मैं यह कहूंगा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री और सरकार थूक कर चाट गई है. यह वीरांगनाओं के साथ सबसे बड़ा धोखा है. यह सरकार इन वीरांगनाओं को तंग कर रही है. ये वीरांगनाएं इनकी मांगे पूरी होने तक यहां से हिलने वाली नहीं है.
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सांसद मीणा ने आगे बताया कि वीरांगना मंजू जाट ने 4 मार्च से अनशन पर है. इन्होंने यह तय किया है कि जब तक इनके पति दिवंगत शहीदों की शहादत को सम्मान नहीं दिया जाएगा तब तक वह अपना अनशन तोड़ने वाली नहीं है ना ही वह यहां से हटने वाली है.
वहीं धरने पर बैठी वीरांगना मंजू जाट ने बताया कि हम पिछले 4 दिनों से यहां अनशन पर बैठे हैं. आज महिला दिवस भी है हम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी से कहना चाहते हैं सम्मान तो दूर की बात है हमारी एक बार सुनवाई ही कर ले. हम मुख्यमंत्री जी से हाथ जोड़कर विनती कर रहे हैं कि आप हमसे 2 मिनट के लिए आकर मिल लो हम यहां ऐसे ही भूखे प्यासे मर जाएंगे. हम यहां पायलट आवास के बाहर धरने पर बैठे हैं हमारी सुनवाई क्यों नहीं हो रही है हमसे क्या गलती हुई थी जो हमें ऐसी सजा मिल रही है.
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आपको बता दें कि बुधवार सुबह पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी, चोमू विधायक रामलाल शर्मा भी सचिन पायलट के आवास के बाहर धरना स्थल पर पहुंचे थे. इस दौरान इन्होंने राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा व धरना स्थल पर मौजूद वीरांगनाओं से मुलाकात की थी. इसके बाद चारों नेताओं ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल कलराज मिश्र को धरने पर बैठी वीरांगनाओं की मांगों को पूरा किया जाने के संबंध में ज्ञापन भी सौंपा था.