Politalks.News/Punjab. पंजाब कांग्रेस में बताया जा रहा है कि सब ठीक हो चुका है. लेकिन हालात कुछ और ही बता रहे हैं. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की नवजोत सिंह सिद्धू से हुई मुलाकात के बाद दोनों नेताओं के बीच उठे मुद्दों पर सहमति बन गई है. लेकिन पंजाब के सियासी घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं G-23 गुट के नेता आलाकमान के खिलाफ मुखर हो चले हैं. ऐसे में पंजाब कांग्रेस के पर्यवेक्षक एवं राजस्थान सरकार में केंद्रीय मंत्री हरीश चौधरी ने नाम लिए बिना कैप्टन अमरिंदर सिंह और जी-23 के नेताओं को निशाने पर लिया है. चौधरी ने कहा कि, ‘आज पंजाब में सामान्य बैकग्राउंड से आने वाले दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया है ऐसे में पंजाब में अब विवाद कौन कर रहा है? विवाद तो सिर्फ वो लोग कर रहे हैं जो आम लोगों तक ताकत और अपने फैसलों को नहीं पहुंचने देना चाहते’.
पंजाब कांग्रेस के आब्जर्वर हरीश चौधरी ने नवजोत सिंह सिद्धू की नाराजगी और अन्य मुद्दों पर सहमति के सवाल पर कहा कि, ‘नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा और सीएम और उनके बीच मुद्दों पर सहमति का मामला मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. सिद्धू हमारे पार्टी के नेता हैं, उन्होंने जो इस्तीफा दिया है यह आलाकमान पर निर्भर करता है कि वह उसका क्या करेंगे?’
यह भी पढ़े: गांधी जयंती पर ट्रेंड हुआ गोडसे जिंदाबाद तो भड़के वरुण गांधी ने लताड़ा- गैरजिम्मेदार कर रहे शर्मसार
नाम लिए बिना हरीश चौधरी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह और G-23 गुट के नेताओं पर भी निशाना साधा. हरीश चौधरी ने कहा कि, ‘कांग्रेस में अध्यक्ष कैसे नहीं हैं, सोनिया गांधी ही कांग्रेस की अध्यक्ष हैं. ऐसे समय में सवाल सिर्फ वे लोग उठा रहे हैं जो कांग्रेस की प्रक्रिया को नहीं जानते हैं’. चौधरी ने आगे कहा कि, ‘कांग्रेस में सलाह देने का अधिकार सबको है’. खुद को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव बनाकर पंजाब के प्रभारी की जिम्मेदारी देने के सवाल पर चौधरी ने कहा कि, ‘फिलहाल तो मेरी जिम्मेदारी राजस्थान में राजस्व मंत्री के तौर पर है और आगे हाईकमान जो जिम्मेदारी देगा, उसे निभाया जाएगा’.
नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के निर्णय वाले सवाल पर चौधरी ने कहा कि, ‘नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे पर फैसले लेने का अधिकार कांग्रेस अध्यक्ष का है. मेरी पंजाब में सिर्फ ऑब्जर्वर के तौर पर सीमित भूमिका थी ऐसे में सिद्धू हो या फिर कोई और हो कांग्रेस में सबको अपनी बात रखने का हक है. जो भी मुद्दे आते हैं वह हम चुनाव प्राधिकरण को सौंप देते हैं और पंजाब के मामले में भी हमने यही किया है’.
यह भी पढ़े: बेरोजगारों के लिए शहीद स्मारक पर 3 दिन से डटे किरोड़ी तो डोटासरा बोले- ये नौटंकी भाजपा का षड्यंत्र
पंजाब के विवाद में कांग्रेस आलाकमान के कमजोर होने के सवाल पर हरीश चौधरी ने कहा कि, ‘पंजाब में पार्टी डैमेज नहीं मजबूत हुई है. पंजाब से दूर बैठे व्यक्ति को यह लग सकता है कि कमजोर हुई है, लेकिन आप अगर पंजाब में जाकर देखेंगे तो वहां पार्टी मजबूत हुई है’. हरीश चौधरी का यह बयान कई मायनों में बहुत ही महत्वपूर्ण है. चौधरी के इस बयान के अनुसार पंजाब कांग्रेस के कई नेता ना चाहते हुए भी अमरिंदर को अपना मुख्यमंत्री मान रहे थे. फिलहाल हरीश चौधरी को कांग्रेस आलाकमान की ओर से जो जिम्मेदारी मिली है उसे उन्होंने बखूबी रूप से निभाने का काम किया है. अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि हरीश चौधरी को पंजाब का प्रभारी बनाया जा सकता है.