धर्म परिवर्तन ले जाता है अलगाववाद की ओर- भागवत के बयान पर बोले ओवैसी- आप इससे डरते क्यों हो?

धर्म परिवर्तन को लेकर RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर गरमाई सियासत, बोले भागवत- धर्मांतरण व्यक्ति को जड़ों से अलग करता है, इसलिए, हमें धर्म परिवर्तन को रोकने का करना चाहिए प्रयास, हमें वह होना चाहिए जो हम हैं, नहीं तो भारत, भारत नहीं रहेगा, भागवत के बयान पर ओवैसी ने किया पलटवार- धर्म परिवर्तन है भारत के संविधान में एक मौलिक अधिकार, इससे भारत का क्या ताल्लुक? भारत का कोई धर्म है? RSS चाहती है कि भारत का हो एक धर्म, नहीं करूंगा दो बच्चों के मानदंड के बिल का समर्थन

धर्म परिवर्तन के नाम पर भागवत और ओवैसी हुए आमने सामने
धर्म परिवर्तन के नाम पर भागवत और ओवैसी हुए आमने सामने

Politalks.News/MohanBhagwat/AsaduddinOwaisi. हाल ही में जनसंख्या दिवस के मौके पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक समुदाय विशेष को लेकर आए बयान पर देशभर में छिड़ी बहस थमी भी नहीं थी कि अब धर्म परिवर्तन को लेकर RSS प्रमुख मोहन भागवत का एक बड़ा बयान सामने आया है. मोहन भागवत ने कहा कि, ‘धर्म परिवर्तन अलगाववाद की ओर ले जाता है.’ यहीं नहीं भागवत ने देश को इंसान और जानवर के बीच का फर्क समझाते हुए कहा कि, ‘सिर्फ खाना और आबादी बढ़ाना, ये काम तो जानवर भी कर लेते हैं, जीवित रहना जीवन का लक्ष्य नहीं होना चाहिए. दूसरों की रक्षा करना ही मनुष्य की निशानी है.’ मोहन भागवत के इस बयान पर अब AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया भी आ गई है. असदुद्दीन ओवैसी ने भागवत पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘भागवत धर्म परिवर्तन से क्यों डर रहे हैं, धर्म परिवर्तन तो भारत के संविधान में एक मौलिक अधिकार है.’

आपको बता दें कि बीते रोज बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत श्री सत्य सांईं यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस के पहले दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप पहुंचे थे. इस दौरान अपने सम्बोधन में भागवत नेमनुष्य और जानवर के बीच के फर्क को समझाते हुए कहा कि, ‘सिर्फ जिंदा रहना किसी मनुष्य के जीवन का उद्देश्य नहीं होना चाहिए. सिर्फ खाना और आबादी बढ़ाना, ये काम तो जानवर भी कर लेते हैं. शक्तिशाली ही जीवित रहेगा, ये जंगल का नियम है. वहीं ये शक्तिशाली जब दूसरों की रक्षा करने लगे, ये मनुष्य होने की निशानी है.’

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मोहन भागवत ने आगे कहा कि, ‘अगर भाषा अलग है तो विवाद है, अगर आपका धर्म अलग है तो विवाद है. आपका देश दूसरा है तो भी विवाद है. पर्यावरण और विकास के बीच तो हमेशा से ही विवाद रहा है. ऐसे में पिछले एक हजार वर्षों में कुछ इसी तरह से ये दुनिया विकसित हुई है. लेकिन मेरा ऐसा मानना है कि ‘सभी से प्रेम करो, सबकी सेवा करो’ की कहावत के पीछे सबकुछ दर्शन एक है.’ वहीं धर्म परिवर्तन का जिक्र करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि, ‘धर्म परिवर्तन अलगाववाद की ओर ले जाता है. धर्मांतरण व्यक्ति को जड़ों से अलग करता है. इसलिए, हमें धर्म परिवर्तन को रोकने का प्रयास करना चाहिए. अगर हम चाहते हैं कि भारत, भारत के रूप में बना रहे, तो हमें वह होना चाहिए जो हम हैं, नहीं तो भारत, भारत नहीं रहेगा. इसलिए, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ‘धर्म’ हर जगह व्याप्त हो.’

वहीं RSS प्रमुख मोहन भागवत के धर्म परिवर्तन वाले बयान पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया सामने आई है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, ‘मोहन भागवत धर्म परिवर्तन से क्यों डर रहे हैं. धर्म परिवर्तन तो भारत के संविधान में एक मौलिक अधिकार है. अगर कोई अपना मजहब चेंज कर रहा है तो उससे आपको क्या तकलीफ हो रही है. कोई भगवान को मानता है, तो कोई अल्लाह को मानता है, कोई नहीं मानता है, यही तो भारत की खूबसूरती है.’ भागवत पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि, ‘भारत की 50 फीसदी आबादी 25 वर्ष से कम उम्र के युवाओं की है, उनके लिए मोदी सरकार ने क्या किया? बेरोजगारी इस देश का ज्वलंत मसला है. धर्म परिवर्तन से भारत का क्या ताल्लुक? भारत का कोई धर्म है? RSS चाहती है कि भारत का एक धर्म हो.’

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वहीं हाल ही में बीती 11 जुलाई को पुरे विश्व में मनाए गए जनसंख्या दिवस के दौरान भारत में इस बात पर चर्चा तेज हो गई कि आने वाले समय में जल्दी ही चीन को पछाड़कर भारत दुनिया का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन जाएगा. इन चर्चाओं के बीच उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि, ‘एक ही वर्ग की आबादी बढ़ने से अराजकता बढ़ेगी.’ सीएम योगी के इस बयान के सामने आने के बाद से देश में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. इसी बीच जनसंख्या वृद्धि से जुड़े के सवाल का जवाब देते हुए ओवैसी ने कहा कि, ‘अगर भारत सरकार दो बच्चों का मानदंड का बिल लाएगी तो मैं उसका बिलकुल समर्थन नहीं करूंगा क्योंकि यह भारत के बिल्कुल हक में नहीं होगा. भारत की जनसंख्या अपने आप गिर रही है और 2030 तक यह स्थिर हो जाएगी.’

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