Politalks.News/UP-Politics/OPRajbhar. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर भाजपा को चुनौती देने वाले सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के बीच तल्खी अब अपने चरम पर पहुंचती नजर आ रही है. दरअसल, यूपी चुनाव में मिली हार के बाद ओम प्रकाश राजभर को अखिलेश यादव की ओर से उतनी तवज्जों नहीं मिली, जितनी की अपेक्षा राजभर को थी. सियासी जानकारों का मानना है कि यूपी विधानसभा चुनाव के बाद राज्यसभा चुनाव और एमएलसी यानी विधानपरिषद चुनाव में सपा गठबंधन में सुभासपा को तरजीह नहीं दी गई. वहीं, मएमएलसी चुनाव में भी राजभर को उस वक्त झटका लगा, जब उनके बेटे को टिकट नहीं मिली. यही वजह है कि रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के बाद से ओम प्रकाश राजभर अखिलेश यादव पर लगातार निशाना साध रहे हैं. वहीं अखिलेश यादव भी ओम प्रकाश को सलाह न देने की बात कह चुके हैं. इन सबके बीच बीते रोज बुधवार को ओपी राजभर मुलायम सिंह के दरबार में पहुंचे, जिसकी खुद राजभर ने पोस्ट भी ट्विटर पर साझा की है.
यहां आपको बता दें, समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना गुप्ता का निधन 9 जुलाई को हुआ था. जिसके बाद पूरा परिवार शोक में दुखी है. ऐसे में राजनीतिक बयानबाजियों और अटकलों को किनारे कर ओम प्रकाश राजभर ने सपा सरंक्षक से मुलाकात की है. जिसने यूपी की राजनीति को फिर से एक नई हवा दे दी है. दोनों के बीच हुई इस मुलाकात की जानकारी ओम प्रकाश राजभर ने तस्वीरों के साथ ट्वीट की. अपने ट्वीट में सुभाषपा प्रमुख ने कहा, ‘समाजवादी पार्टी के सरंक्षक, पूर्व रक्षा मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की धर्मपत्नी साधना गुप्ता के निधन पर बुधवार को उनके लखनऊ स्थित आवास पर मिलकर शोक संवेदना व्यक्त किया.’
ओपी राजभर और मुलायम सिंह यादव की यह मुलाकात इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि दूसरी तरफ सपा को सुभासपा ने अल्टीमेटम दे दिया है. सुभासपा महासचिव अरुण राजभर ने चेतावनी देते हुए कहा कि अखिलेश के पास सिर्फ दो दिन का समय बचा है. राजभर ने कहा कि 15 जुलाई तक या उसके बाद हम फैसला ले लेंगे. 16 जुलाई को हम ऐलान कर देंगे कि किस दिशा में जाना है. अरुण राजभर ने कहा कि हम चाहते हैं कि अखिलेश यादव हमसे मिलें, अगर वो नहीं मिलना चाहते हैं तब फिर हम अपने तरीके से काम करेंगे.
दरअसल, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के रुख का इंतजार कर रहे सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने अब तक फैसला नहीं लिया है कि आखिर राष्ट्रपति चुनाव में उनके 6 विधायक किसे वोट करेंगे. वजह है कि राजभर खुद अखिलेश से मिल इस पर आमने-सामने बातचीत करना चाहते हैं.
दिल्ली पहुंचे सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर
सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के बीच तल्खियां बढ़ चुकी हैं. दोनों नेताओं की तरफ से बयानबाजी का सिलसिला जारी है. इस बीच, ओपी राजभर अचानक बुधवार को दिल्ली पहुंचे हैं, जिसके बाद सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजभर की दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात हो सकती है. इन सभी समीकरणों को देखते हुए राजनीति के जानकारों का मानना है कि आने वाली 15 या 16 जुलाई को सुभासपा समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ने का एलान कर सकती है. हालांकि ओपी राजभर ने ने अभी हाल ही में कहा था कि वह अपनी ओर से गठबंधन का रिश्ता नहीं तोड़ेंगे. ओपी राजभर यहां तक कह रहे हैं कि वे तलाक नहीं देंगे. अगर देना ही है तलाक तो खुद अखिलेश यादव दे दें, लेकिन अब यादव की तरफ से कोई रेस्पॉन्स नहीं आ रहा तो यह पहल राजभर को ही करनी पड़ेगी.