Politalks.News/AshokGehlot. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने सोमवार को सीएम आवास पर वर्चुअल माध्यम से हुए ‘राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम’ कार्यक्रम को लॉन्च किया. कोरोना महामारी के कारण हुए लर्निंग लॉस को पूरा करने के लिए शिक्षा सत्र 2022-23 में कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए रेमेडिएशन कार्यक्रम ‘राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम‘ शुरू किया गया है. इसके अन्तर्गत आयोजित ब्रिज कोर्स में विद्यार्थियों को दक्षता आधारित, आसान व आनन्दपूर्ण शिक्षण विधि से अध्ययन करवाया जाएगा. साथ ही शिक्षकों, शिक्षा अधिकारियों, अभिभावकों व बच्चों के लिए ‘फील्ड़ ओरिएन्टेशन’ कार्यक्रम का भी सीएम गहलोत ने उद्घाटन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में सरकार द्वारा लागू की गई ‘ओल्ड पेंशन स्कीम’ (Old Pension Scheme) का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘केंद्र को भी इस ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू कर देना चाहिए.’
सोमवार को आयोजित ‘राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम’ कार्यक्रम को वर्चुअली सम्बोधित करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘राजस्थान आज शिक्षा के क्षेत्र में किए गए अद्भुत नवाचारों से देश में मॉडल स्टेट के रूप में पहचान बना रहा है. महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम विद्यालयों का गठन और दक्षता आधारित शिक्षण का विजन दूसरे राज्यों के लिए अनुकरणीय बन रहा है. पिछले कुछ वर्षों में राजस्थान में न केवल शिक्षा के आधारभूत ढांचे का विकास हुआ है बल्कि अकादमिक प्रगति भी हुई है. कोविड के चलते शिक्षण स्थगित रहने के बावजूद हमारे विद्यार्थियों को पढ़ाई का नुकसान ना हो इसके लिए निरंतर प्रयास किए गये हैं. इसी क्रम में कोविड के कारण हुई नौनिहालों की शैक्षिक क्षति की भरपाई के लिए वर्ष 2022-23 के बजट में 75 करोड़ के वित्तीय प्रावधान से ‘ब्रिज कार्यक्रम’ की घोषणा की थी.’
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सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम’ कार्यक्रम के तहत ब्रिज कोर्स में रटने की बजाए सीखने पर बल दिया जाएगा.’ इस दौरान सीएम गहलोत ने ‘ओल्ड पेंशन स्कीम’ का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘शिक्षक समुदाय हो या फिर अन्य कर्मचारी सभी ने महसूस किया होगा कि सरकार कर्मचारियों को लेकर हमारी सरकार कितना संवेदनशील है. एनपीएस जो फैसला सरकार ने किया है वह ऐतिहासिक है. यह फैसला कर्मचारियों के हित को देखते हुए मानवीय दृष्टिकोण से लिया गया है. हमारे लाखों कर्मचारी हैं जो 35 साल की सर्विस करते हैं, उनके मन में रहता है कि उन्हें कितनी पेंशन मिलेगी. ओल्ड पेंशन स्कीम बंद करके एनपीएस लागू किया गया जिसमें सभी पैसे शेयर मार्केट में जमा हो जाते हैं. शेयर मार्केट में अस्थिरता बनी रहती है. कर्मचारी इसी सोच के साथ काम करता है कि उसे बुढ़ापे में कितनी जमा पूंजी मिलेगी. यह एक मानसिक तनाव था कर्मचारियों पर जिसे हमने ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर खत्म कर दिया है.’
केंद्र सरकार से अपील करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘दो दिन पहले हुई उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक में आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हमने आग्रह किया है कि केंद्र सरकार मानवीय दृष्टिकोण के तहत ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करें. हमने जो फैसला किया है उसपर राजनीति हो रही है, लेकिन हमने उनसे कहा कि इसे राजनीतिक दृष्टि से न सोचते हुए मानवीय दृष्टि से देखें और केंद्रीय कर्मचारियों के लिए भी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करें.’ केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘NPS में कर्मचारी और सरकार का पैसा मिला कर जमा किया हुआ है, लेकिन अब उस पैसे को वापस नहीं दिया जा रहा है. यह सिर्फ इसलिए कि प्रदेश में सरकार ने अच्छा फैसला लिया है तो इसपर दबाव बनाया जाए.’
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सीएम गहलोत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘अंग्रेजी भाषा में दक्षता विकसित करने तथा गरीब विद्यार्थियों तक अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2019 से ‘फ्लैगशिप योजना’ के रूप में महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) प्रारम्भ किए गए. आमजन के रूझान को देखते हुए राज्य में अब तक कुल 1206 महात्मा गांधी राजकीय (अंग्रेजी माध्यम) विद्यालय खोले जा चुके हैं. कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि एवं ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थी इन अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में पढ़कर प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर पाऐंगे.’ वहीं इस कार्यक्रम के लांच कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने कहा कि, ‘राज्य सरकार द्वारा 77239 शिक्षकों की भर्ती की जा चुकी है तथा 1 लाख से अधिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रियाधीन है. इन्सपायर अवार्ड तथा फिट इण्डिया मूवमेंट में राज्य देश में प्रथम स्थान पर रहा है वहीं शिक्षा क्षेत्र के राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में राज्य का स्कोर देश के औसत स्कोर से अधिक रहा है.
वहीं शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती जाहिदा खान ने कहा कि, ‘बालिका शिक्षा के क्षेत्र में राज्य लगातार आगे बढ़ रहा है. ड्रॉपआउट बालिकाओं को शिक्षा से दुबारा जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है तथा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नवाचारों से राज्य ने राष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान बनाई है. शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पवन कुमार गोयल ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी. लॉन्चिंग कार्यक्रम में प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशक श्री गौरव अग्रवाल, समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मोहन लाल यादव, निदेशक आर.एस.सी.ई.आर.टी. सुश्री प्रियंका जोधावत सहित शिक्षा विभाग के सभी आला अधिकारी उपस्थित थे तथा प्रदेशभर से जिला कलक्टर, शिक्षा अधिकारी, शिक्षक व विद्यार्थी वीसी के माध्यम से जुडे़.