Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में चल रहे कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान के बीच मंगलवार को चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के एक बयान के बाद केन्द्र और राजस्थान सरकार के बीच जबरदस्त तनातनी हो गई है. यही नहीं इस विवाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एंट्री लेते हुए देर शाम एक के बाद एक 7 ट्वीट करते हुए वैक्सीन की डोज को लेकर केन्द्र सरकार पर झूठे आंकड़े पेश करने का आरोप लगाया. दरअसल, सबसे पहले राजस्थान को कोरोना की वैक्सीन समय पर नहीं देने का आरोप लगाते हुए मंत्री रघु शर्मा ने विधानसभा के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमें समय पर डोज नहीं मिल रही, इसी कारण हमने फ्रेश वैक्सीनेशन (यानी पहली बार डोज लगाने) का काम बंद कर दिया है.
इस पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऑफिशियल आंकड़े जारी करते हुए शर्मा के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक प्रेस ब्रीफ जारी कर कहा कि राजस्थान को अब तक कोरोना वैक्सीन की कोई कमी नहीं आने दी गई है. 16 जनवरी जब से वैक्सीनेशन शुरू हुआ है तब से कल तक राजस्थान को 37.61 लाख डोज उपलब्ध कराई जा चुकी है, जबकि राज्य ने इसमें से 24.28 लाख डोज ही 8 मार्च तक उपयोग में ली है. इसके बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने ट्वीट्स के जरिए राज्य के वैक्सीनेशन डेटा को शेयर किया और केन्द्र सरकार की ओर से राज्य में भेजी गई वैक्सीन व जारी किए आंकड़ों को गलत बताया.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर लिखा कि, ‘केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि राजस्थान को 37.61 लाख कोविड वैक्सीन मिली एवं बुधवार तक 24.28 लाख वैक्सीन ही लगाई गई हैं. यह डाटा पूर्णतः गलत है, 8 मार्च तक राजस्थान को 31,45,340 वैक्सीन प्राप्त हुईं, इनमें से 2,15,180 वैक्सीन सेना को उपलब्ध करवाई गईं हैं.’
सीएम गहलोत ने कहा कि नियमानुसार अन्य लोगों को लगाने के लिए 29,30,160 उपलब्ध हुईं. 8 मार्च तक 23,26,975 वैक्सीन प्रदेश में लगाई जा चुकी हैं. वहीं 1,62,888 वैक्सीन खराब हुईं जो केन्द्र सरकार द्वारा अनुमत सीमा 10 प्रतिशत से भी कम है. इस प्रकार प्रदेश में 8 मार्च को 4,40,297 वैक्सीन ही उपलब्ध थीं.
सीएम गहलोत ने आगे लिखा कि, राज्य में प्रतिदिन दो लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है. ऐसे में 8 मार्च को सिर्फ दो दिन का वैक्सीनेशन करने के लिए ही वैक्सीन उपलब्ध थीं, इसलिए राज्य सरकार ने केन्द्र से अतिरिक्त वैक्सीन भेजने की मांग की, जिसके बाद प्रदेश को 9 मार्च को 85 हजार वैक्सीन प्राप्त हुईं.
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मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि, ‘स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा राजस्थान के संबंध में जारी किया गया डाटा पूरी तरह गलत है. मैं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से अपील करूंगा कि वे अपने अधिकारियों को जल्दी ही वैक्सीन उपलब्ध करवाने और राजस्थान के बारे में गलत जानकारी ना देने के लिए निर्देश दें.’
एक अन्य ट्वीट में सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘तीसरे चरण में देश का लगभग 22 प्रतिशत वैक्सीनेशन राजस्थान में ही किया जा रहा है. यहां पर सरकार और आमजन दोनों ही वैक्सीन को लेकर उत्साहित हैं. लेकिन केन्द्रीय मंत्रालय द्वारा इस तरह की गलतबयानी करने से प्रदेश के नागरिकों और कोरोना वॉरियर्स का हौसला कम होगा तथा जैसा कि कहा जा रहा है केन्द्र वैक्सीन 5-7 दिन में उपलब्ध करवा सकेगा, इससे पुनः वैक्सीनेशन में परेशानी आ सकती है.’
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अपने आखिरी ट्वीट में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘इस अनिश्चितता को देखते हुए केवल मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल एवं प्राईवेट अस्पतालों में ही वैक्सीनेशन को चालू रखा गया तथा कुछ जिलो में पीएचसी/सीएचसी स्तर पर मजबूरन वैक्सीन की प्रथम डोज बंद करनी पड़ी है.’
रघु शर्मा ने केन्द्र पर लगाया आरोप- वैक्सीनेशन की गति को धीमा करने को कहा
इससे पहले चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने केन्द्र सरकार पर वैक्सीनेशन की गति को धीमा करने का भी आरोप लगाया. मंत्री शर्मा ने कहा कि राज्य ने जब केन्द्र सरकार से वैक्सीन की डोज मांगी तो वहां से कहा गया कि आप वैक्सीनेशन की गति को थोड़ा धीमा करें. डॉ. शर्मा ने कहा कि हमने केन्द्र सरकार से मांग की है कि हमें मई तक 60 लाख डोज उपलब्ध कराई जाए, ताकि हमारा अभियान धीमा न पड़े और सभी लाभार्थियों को समय पर वैक्सीन लगाई जा सके. रघु शर्मा ने कहा कि हमने पिछले सप्ताह नीति आयोग, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री और कैबिनेट सचिव को पत्र लिखकर जल्द से जल्द वैक्सीन की डोज उपलब्ध करवाने के लिए कहा था, उसके बावजूद अब तक केवल करीब 1.40 लाख ही डोज मिली है, जबकि हम यहां रोज 2 लाख डोज लगा रहे हैं.