Politalks.News/WestBengalPolitics पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव संपन्न होते ही एक बार फिर नारदा घोटाले का जिन्न बाहर आ गया है, जिसके चलते एक बार फिर बंगाल की सियासत गरमा गई है. घोटाले की जांच कर रही सीबीआई टीम ने सोमवार को ममता बनर्जी की सरकार में कैबिनेट मंत्री फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया. जिसके बाद वहां राजनीतिक हलचलें तेज हो गई और गिरफ्तार किए गए मंत्री फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी और विधायक मदन मित्रा के समर्थन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद सीबीआई के दफ्तर पहुंची गई और कहा- यदि आपने मेरे मंत्रियों को गिरफ्तार किया है तो फिर मुझे भी अरेस्ट कर लो. बता दें, टीएमसी ने इस मामले में सीबीआई पर बदले के तहत कार्रवाई करने का आरोप लगाया है.
अधिवक्ता अनिंदो राउत ने बताया कि ममता बनर्जी ने सीबीआई के दफ्तर पहुंचकर मंत्रियों की गिरफ्तारी का विरोध किया है. राउत ने बताया, ‘ममता बनर्जी ने सीबीआई के अधिकारियों से कहा कि विधानसभा के स्पीकर और सरकार की अनुमति के बिना राज्य के किसी विधायक या मंत्री की गिरफ्तारी नहीं की जा सकती. यदि आपने मेरे मंत्रियों को गिरफ्तार किया है तो फिर मुझे भी अरेस्ट कर लो.’ ममता बनर्जी के इस बयान से साफ है कि वह इस मुद्दे पर आसानी से पीछे हटने वाली नहीं हैं. साफ जाहिर है कि आने वाले दिनों में नारदा स्कैम केंद्र और राज्य सरकार के बीच बड़े टकराव की वजह बन सकता है.
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इससे पहले सोमवार सुबह नारदा स्टिंग मामले में अचानक धावा बोलते हुए सीबीआई ने ममता बनर्जी सरकार के 2 मंत्रियों समेत 4 नेताओं को अरेस्ट कर लिया गया. एजेंसी ने सोमवार को मंत्री फिरहाद हाकिम और सुब्रत मुखर्जी को अरेस्ट कर लिया. इसके अलावा टीएमसी के ही विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर सुवन चटर्जी को भी अरेस्ट किया गया है. सोमवार को एजेंसी की टीम इन अधिकारियों के घर पर पहुंची और उन्हें पूछताछ के लिए कोलकाता के निजाम पैलेस स्थित अपने दफ्तर लेकर आई थी. जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
यहां सीबीआई के अधिकारी ने बताया कि एजेंसी नारदा स्टिंग मामले में सोमवार को गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के तीन नेताओं समेत पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करेगी. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, निज़ाम पैलेस के सामने भीड़ को देखते हुए सीबीआई कोशिश कर रही है कि कोर्ट में पेश न करके नेताओं को वर्चुअली या पेपर प्रोडक्शन किया जा सके. सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि केंद्रीय जांच एजेंसी स्टिंग टेप मामले में अपना आरोपपत्र दाखिल करने वाली है.
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आपको बता दें, हकीम, मुखर्जी, मित्रा और चटर्जी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी लेने के लिए हाल ही में सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का रुख किया था. वर्ष 2014 में कथित अपराध के समय ये सभी मंत्री थे. धनखड़ ने चारों नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी जिसके बाद सीबीआई अपना आरोपपत्र तैयार कर रही है और उन सबको गिरफ्तार किया गया.
इस बीच सीबीआई की कार्रवाई का विरोध करने सीएम ममता बनर्जी खुद सीबीआई के दफ्तर पहुंच गई हैं. टीएमसी की ओर से सीबीआई की इस कार्रवाई को बदले के तहत उठाया गया कदम करार दिया है. ममता बनर्जी के अलावा टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी और सांतनु सेन भी सीबीआई के दफ्तर पहुंचे हैं. यही नहीं सीबीआई की ओर से गिरफ्तार किए गए सुवन चटर्जी की पत्नी रत्ना भी एजेंसी के ऑफिस पहुंची हैं.
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आपको बता दें, हकीम, मुखर्जी और मित्रा तीनों हालिया विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के विधायक के तौर पर निर्वाचित हुए हैं. वहीं, भाजपा से जुड़ने के लिए चटर्जी ने तृणमूल कांग्रेस छोड़ दी थी और दोनों खेमे से उनका टकराव चल रहा है. गौरतलब है कि नारद टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल द्वारा 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए. यह टेप पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव के पहले सार्वजनिक हुआ था. कोलकाता उच्च न्यायालय ने स्टिंग ऑपरेशन के संबंध में मार्च 2017 में सीबीआई जांच का आदेश दिया था.