बीजेपी-जदयू-चुनाव आयोग ने बिहार चुनावों को हाईजैक किया – अशोक  गहलोत

ashok gehlot ex cm rajasthan big statement about bihar elections result 2025
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बिहार विधानसभा चुनावों के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं बिहार में कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक रहे अशोक गहलोत ने कहा कि “बिहार चुनाव धनबल, सत्ता के दुरुपयोग और संगठित तरीके से लोकतंत्र की लूट का उदाहरण हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपाजेडीयू गठबंधन और चुनाव आयोग ने मिलकर चुनाव प्रक्रिया को एकतरफा बना दिया, जिसके कारण INDIA गठबंधन को प्रतिकूल परिणामों का सामना करना पड़ा. गहलोत ने कहा कि आचार संहिता लागू होने के बाद बिहार में एक करोड़ से अधिक महिलाओं के खातों में दस-दस हजार रुपये डाले जाना ‘कैश फॉर वोटका सीधा मामला है, और चुनाव आयोग इस पूरे प्रकरण पर मौन दर्शक बना रहा. उन्होंने इसे वोट खरीदी का गैरकानूनी प्रयास बताते हुए “वोट चोरी का नया संस्करण करार दिया.

राजस्थान के पूर्व सीएम ने राजस्थान के उदाहरण का उल्लेख करते हुए कहा कि 2023 में राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान महिलाओं को स्मार्टफोन देने की पहले से स्वीकृत योजना पर आयोग ने रोक लगा दी थी, जबकि वहां लगभग 30% पात्र महिलाओं को फोन दिए भी जा चुके थे. सामाजिक सुरक्षा पेंशन व अन्नपूर्णा योजना तक रोक दी गई. इसके विपरीत, बिहार में आचार संहिता से कुछ दिन पहले शुरू की गई योजना के तहत चुनाव के दौरान भी 10,000 रुपये बांटे गए, जो चुनावी निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े करता है. उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में भी चुनाव से पहले महिलाओं को 7,500 रुपये वितरित किए गए थे.

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SIR के माध्यम से मतदाता सूची में हुए बड़े पैमाने पर नाम कटने पर गहलोत ने कहा कि चुनाव से ठीक पहले सभी दलों को विश्वास में लिए बिना लाखों मतदाताओं के नाम हटाए गए, जबकि SIR से संबंधित मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. फिर भी 12 राज्यों में इसे लागू किया जा रहा है, जिससे चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर प्रश्न उठते हैं.

अंत में गहलोत ने कहा कि महाराष्ट्र के बाद बिहार में भी ऐसा एकतरफा चुनाव परिणाम देश के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए चिंताजनक संकेत है, और अब समय आ गया है कि देशवासियों को लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट होकर संकल्प लेना चाहिए.

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