सी. सदानंदन मास्टर की जीवनी (C. Sadanandan Master Biography in Hindi)
C.Sadanandan Master Latest News – राष्ट्रपति ने केरल के सामाजिक कार्यकर्त्ता और शिक्षविद सी. सी. सदानंदन मास्टर को राज्य सभा के लिए नामित किया है. उन्हें केरल संघ का पुराना कार्यकर्ता माना जाता है. वे संघ में तीन दशक से जुड़े हुए है. बाद में वे भाजपा से भी जुड़ गए और सक्रिय राजनीति में किस्मत आजमाया. जब वे तीस वर्ष के थे तब उन्हें कम्युनिस्ट ने उनपर जानलेवा हमला करके कुल्हाड़ी से उनके दोनों पैर काट डाले थे पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारा और जीवन की लड़ाई साहस के साथ लड़ते रहे. संघ ने भी उनका खूब साथ दिया और आज वे कृत्रिम पैरों से चलते हुए संसद भवन पहुंचने के लायक हो गए है. उनकी जीवनी निश्चित रूप से प्रेरणादायी है. इस लेख में हम आपको राज्यसभा सांसद सी. सदानंदन मास्टर की जीवनी (C. Sadanandan Master Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
सी. सदानंदन मास्टर का जन्म और परिवार (C. Sadanandan Master Birth & Family)
सी. सदानंदन मास्टर का जन्म 1964 को केरल के कन्नूर जिले के मट्टनूर, पेरिनचेरी में हुआ था. सी. सदानंदन मास्टर की शादी वनिता रानी से हुई है. उनकी बेटी का नाम यमुना भारती है. सी. सदानंदन मास्टर हिन्दू है.
सी. सदानंदन मास्टर की शिक्षा (C. Sadanandan Master Education)
सी. सदानंदन मास्टर ने अपनी स्कूली शिक्षा शिवपुरम हायर सेकेंडरी स्कूल, मट्टनूर से पूरी की. बाद में उन्होंने पजहस्सी राजा एनएसएस कॉलेज, कन्नूर विश्वविद्यालय, मट्टनूर से प्री-डिग्री की, उसके बाद उन्होंने सेंट मैरी कॉलेज, कुथुपरम्बा से बीए की पढाई की. बाद में मास्टर ने गुवाहाटी के एक कॉलेज से बी.एड की डिग्री पूरी की.
सी. सदानंदन मास्टर का शुरुआती जीवन (C. Sadanandan Master Education)
सी. सदानंदन मास्टर का जन्म एक कम्युनिस्ट परिवार में हुआ था. अपने कॉलेज के दिनों में सदानंदन कम्युनिस्ट संगठन सीपीएम के सदस्य हुआ करते थे और अपनी पहचान के वामपंथी नेता के रूप में बनाई थी, लेकिन बाद में वैचारिक मतभेदों के कारण इसे छोड़ दिया. बाद में वर्ष 1984 में सदानंदन संघ की छात्र इकाई ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी)’ से जुड़ गए और फिर छात्र संघठन के द्वारा वे आरएसएस में शामिल हो गए. यही से उनके रास्ते अपने पिछले जीवन से अलग हो गए. संघ ने भी उनके महत्व को समझा और उन्हें एर्नाकुलम में आरएसएस के बौद्धिक प्रमुख का पद दे दिया.
सी. सदानंदन मास्टर का संघ के संघ (आरएसएस) करियर
सी. सदानंदन मास्टर ने शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाया. उन्होंने केरल के कन्नूर जिले स्थित एक स्कूल में शिक्षक का काम किया. एक शिक्षक होने के बाद भी वे कन्नूर में आरएसएस के बौद्धिक प्रमुख के रूप में कई महत्वपूर्ण पदों पर भी काम किया है. उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष, केरल भाजपा के उपाध्यक्ष, भारतीय विचार केंद्रम के सदस्य और भाजपा के केरल मुखपत्र जन्मभूमि के संपादकीय बोर्ड में भी काम किया है.
सी. सदानंदन मास्टर केरल से संघ के पुराने कार्यकर्त्ता है. तीन दशक से इससे जुड़े हुए है. वे कन्नूर जिले में आरएसएस के सह-सरकार्यवाह भी रह चुके है. संघ से जुड़ने के कारण उन्हें बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. केरल हिंसक वामपंथियों का अड्डा है और वहां दूसरी पार्टियों को उठने नहीं दिया जाता है विशेषकर हिंदुत्व वाली पार्टी या संगठन को. जब सदानंदन ने वामपंथी विचारधारा छोड़कर संघ को अपना लिया तब कम्युनिस्ट बौखला गए और वे सदानन्दन को मारने की कोशिश करने लगे. इसी घटनाक्रम में 25 जनवरी, 1994 को, रात लगभग 8.30 बजे जब सी. सदानंदन मास्टर अपनी कार से उतरे, तभी कथित तौर पर माकपा के सदस्यों के एक गिरोह ने उन पर हमला किया और उनके दोनों पैरों को घुटनों के नीचे से काट डाला. बाद में पुलिस के आने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया पर वे दोनों पैर से अपाहिज हो गए. आज वे कृत्रिम पैरों के माध्यम से चलते है.
बताया जाता है, उनके स्थायी रूप से विकलांग होने पर संघ ने उनकी हर प्रकार से सहायता की और उन्हें संघ की स्कूल में काम दिया और उन्हें लेखन का काम दिया. इसी क्रम में उन्हें भाजपा के केरल मुखपत्र जन्मभूमि के संपादकीय बोर्ड में काम दिया गया.
सी. सदानंदन मास्टर का राजनीतिक करियर (C. Sadanandan Master Political Career)
सी. सदानंदन मास्टर का राजनीतिक करियर भी रहा है. उन्होंने 2016 में पहली बार केरल के कुथुपरम्बा विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था पर उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा. उन्हें सीपीआई (एम) के केके शैलजा ने पराजित किया था. उस चुनाव में सी. सदानंदन मास्टर को 20,787 मत पड़े थे जबकि उनके प्रतिद्वंदी सीपीआई(एम) प्रत्याशी केके शैलजा को 67,013 मत पड़े थे.
सी. सदानंदन मास्टर इस पराजय के बाद एक बार फिर से केरल में हुए अगले विधानसभा चुनाव में खड़े हुए. उन्होंने 2021 में दूसरी बार कुथुपरम्बा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था पर उन्हें फिर से पराजय का सामना करना पड़ा. दोनों ही चुनाव में वे तीसरे स्थान पर रहे. इसके बाद उन्हें भारतीय जनता पार्टी केरल इकाई का उपाध्यक्ष बना दिया गया.
सी. सदानंदन मास्टर को 12 जुलाई, 2025 को महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा सदस्य (राज्यसभा सांसद) मनोनीत किया. एक सामाजिक कार्यकर्त्ता रूप से देश की सेवा करने के कारण उन्हें जुलाई 2025 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए नामित किया.
वर्तमान में, सी. सदानंदन मास्टर राज्यसभा सदस्य है.
इस लेख में हमने आपको सी. सदानंदन मास्टर की जीवनी (C. Sadanandan Master Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.



























