दिल्ली में SC के दुबारा दखल के बाद थमे बुलडोजरों के पंजे, ओवैसी का बीजेपी के साथ आप पर निशाना

जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के बाद एमसीडी के बुलडोजर कार्रवाई पर शुरू हुई सियासत, सुप्रीम कोर्ट के दो बार दखल देने के बाद रोकी गई कार्रवाई, बुलडोजर की कार्रवाई को रोकने के लिए सीपीआईएम नेता वृंदा करात पहुंची मौके पर तो बोले ओवैसी- 20 करोड़ लोगों का एक छोटा सा हिस्सा भी कट्टरपंथी हो जाता है और जवाबी हिंसा को अपना लेता है, तो क्या भारतीय राज्य सुरक्षा चुनौती से निपटने में होगा सक्षम?

'बीजेपी ने गरीबों के खिलाफ छेड़ दिया है युद्ध'
'बीजेपी ने गरीबों के खिलाफ छेड़ दिया है युद्ध'

Politalks.News/Jahangirpuri. हनुमान जयंती के मौके पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा को लेकर अब बुलडोजर की एंट्री भी हो चुकी है. दिल्ली एमसीडी की तरफ से जहांगीरपुरी इलाके में अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलने की कार्रवाई के बाद राजधानी की सियासत गरमा गई है. हालांकि कुछ देर बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक के आदेश जारी कर दिए लेकिन फिर भी बुलडोजर की कार्रवाई दो घंटे तक बदस्तूर जारी रही. कार्रवाई के जवाब में अधिकारीयों का कहना है कि उन्हें आदेश की कॉपी नहीं मिली थी इसी कारण कार्रवाई की गई. वहीं अब इस मामले को AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी कई सवाल पूछे. ओवैसी ने कहा कि, ‘बीजेपी ने गरीबों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है. अतिक्रमण के नाम पर यह यूपी और एमपी की तरह दिल्ली में भी जारी है.’ वहीं CPI (M) नेता वृंदा करात भी घटना स्थल पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया.

SC के दूसरी बार दखल देने पर लगा बुलडोजरों पर ब्रेक
दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुनमान जयंती के मौके पर हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस की जांच तेजी से जारी है लेकिन मामले में बुलडोजर की एंट्री ने सबकी नींद उड़ा दी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट में दूसरी बार दखल देने के बाद बुलडोजरों पर रोक लगी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था, मगर आदेश की कॉपी न मिलने तक बुलडोजर चलता रहा. इसके बाद फिर से सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में मामला लाया गया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने शीर्ष अदालत के महासचिव को निर्देश दिया कि वह नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के मेयर और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी में विध्वंस रोकने के उसके आदेश से तत्काल अवगत कराएं. तब जाकर अधिकारियों ने बुलडोजरों पर ब्रेक लगाए.

सूत्रों के अनुसार आज हुई बुलडोजर की कार्रवाई में जहांगीरपुरी इलाके में स्थित 12 से ज्यादा अवैध दुकानों को तोड़ा गया है. दरअसल नॉर्थ एमसीडी ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस को एक लेटर लिखा था जिसमें अवैध निर्माण के खिलाफ कार्ऱवाई करने के दौरान 400 पुलिसकर्मियों की तैनाती की मांग की गई थी. मौके पर पहुंचे 7 बुलडोजरों ने अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की. अब इस मामले को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी के साथ अरविंद केजरीवाल सरकार पर भी जमकर निशाना साधा. ओवैसी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए देर रात कहा कि, ‘बीजेपी ने गरीबों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है.’

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असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि, ‘अतिक्रमण के नाम पर यह यूपी और एमपी की तरह दिल्ली में घर तोड़ने जा रही है. कोई नोटिस नहीं, ना कोर्ट जाने का मौका, बस गरीब मुसलमानों को जिंदा रहने की हिम्मत के लिए सजा दिया जा रहा है. अरविंद केजरीवाल को अपनी संदिग्ध भूमिका साफ करनी चाहिए.’ ओवैसी ने आगे कहा कि, ‘अगर 20 करोड़ लोगों का एक छोटा सा हिस्सा भी कट्टरपंथी हो जाता है और जवाबी हिंसा को अपना लेता है, तो क्या भारतीय राज्य सुरक्षा चुनौती से निपटने में सक्षम होगा? क्या राज्य को हमें सुरक्षित रखने में सक्षम बनाने के लिए और अधिक लोकतांत्रिक स्वतंत्रताओं का त्याग करना होगा?’

ओवैसी ने आगे कहा कि, ‘क्या उनकी (केजरीवाल) सरकार का पीडब्ल्यूडी इस ध्वस्तीकरण अभियान का हिस्सा है? क्या जहांगीरपुरी के लोगों ने उन्हें ऐसे विश्वासघात और कायरता के लिए फोट दिया था? अक्सर ‘पुलिस पर हमारा कंट्रोल नहीं’ कहने की उनकी दलील यहां नहीं चलेगी. अब वैधता या नैतिकता का ढोंग भी नहीं है. यह बहुत ही ज्यादा निराशाजनक स्थिति है.’ वहीं बुलडोजर की कार्रवाई को रोकने के लिए सीपीआईएम नेता वृंदा करात खुद मौके पर पहुंची. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘कोर्ट के आदेश के बाद जो कार्रवाई की गई वो संविधान विरोधी और गैर कानूनी है. इसे रोकने के लिए मैं खुद मौके पर आयी हूं और मैंने दीपेंद्र पाठक से बात कर उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अवगत कराया है.’

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आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस अभी तक जहांगीरपुरी हिंसा मामले में 23 लोगों को अरेस्ट कर चुकी है. यही नहीं सूत्रों के मुताबिक पुलिस को 30 फोन नंबर भी मिले हैं जो जहांगीरपुरी हिंसा का पूरा सच खोलेंगे. ये 30 फोन नंबर अंसार, सोनू और एक नाबालिग आरोपी से जुड़े हैं. क्राइम ब्रांच की टीम अंसार, असलम और सोनू के भी घटना वाले दिन की लोकेशन से लेकर कॉल डिटेल रिकॉर्ड को खंगालने में जुटी है.

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