Politalks.News/UttarPradesh. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव (UttarPradesh Assembly Election) में मायावती (Mayawati) सभी 403 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला कर सभी को चौंका दिया है. मायावती ने लखनऊ स्थित बसपा कार्यालय में एक पत्रकार वार्ता के दौरान इसकी घोषणा की. बसपा (BSP) के अलावा कांग्रेस (Congress) भी आगामी चुनाव सभी 403 सीटों पर अकेले लड़ने का एलान कर चुकी है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात कर इसकी घोषणा की. साथ ही मायावती ने आगामी चुनाव में जाट मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए रणनीति भी बनाई. अब इसके बाद यह तय हो गया है कि बसपा कोई गठबंधन करने वाली नहीं है. सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि मायावती ने पश्चिमी यूपी में अखिलेश (Akhilesh Yadav) और जयंत चौधरी (Jayant Choudhary) की काट के लिए मुस्लिम और जाट पर फोकस किया है. अब मायावती का यह दांव क्या उन्हें फायदा पहुंचा पाता है या नहीं. ये देखने वाली बात होगी.
लखनऊ स्थित बसपा कार्यालय पर एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि ‘आज BSP कार्यालय लखनऊ में पार्टी के OBC, अल्पसंख्यक समाज के मुस्लिम और जाट समाज के मुख्य और मंडल सेक्टर स्तर के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई. जिनको प्रदेश की सुरक्षित विधानसभा सीटों पर अपने-अपने समाज के लोगों को BSP में जोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.’ पत्रकार वार्ता के दौरान जब मायावती से आगामी चुनाव में गठबंधन को लेकर सवाल पूछा गया तो मायावती ने कहा कि ‘उनकी पार्टी सभी 403 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी.’
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बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि, ‘2007 की तरह ही इस बार भी अगर उन्हें सत्ता मिलती है तो वे सभी वर्गों का ध्यान रखेंगी. आज जाट मुस्लिम पदाधिकारियों की बैठक थी जिसमें सभी अधिकारियों को उनके समाज के लोगों को पार्टी से जोड़ने का जिम्मा सौंपा गया है. क्योंकि जब प्रदेश में बसपा की सरकार थी तब उन सभी वर्गों का पूरा ख्याल रखा गया था.’ मायावती ने आगे कहा कि, ‘अगर 2022 में भी हमारी सरकार बनती है तो जाट मुस्लिम, धार्मिक अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिम समाज का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा.’
बीजेपी पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि ‘आज मुस्लिम समुदाय में खौफ देखने को मिल रहा है. दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को आरक्षण बाबा साहेब की देन है, लेकिन यूपी में आरक्षण को प्रभावहीन करने की कोशिश की जा रही है. ना जाने किस रणनीति के तहत केंद्र सरकार भी जातिगत जनगणना नहीं करवा रही. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि, ‘कांग्रेस सरकार के समय मंडल कमीशन की रिपोर्ट आने के बाद भी पार्टी ने इसे लागू नहीं किया, जिसे BSP ने ही लागू करवाया था. जिसके बाद OBC वर्ग के लोगों को भी आरक्षण की सुविधा मिली. अब केंद्र और राज्यों की जातिवादी सरकार नए नियम बनाकर इसे प्रभावहीन बनाने में लगी है’.
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मायावती ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि, ‘बसपा की कोशिश है कि प्रदेश की सभी सुरक्षित विधानसभा सीटों पर पार्टी की जीत हो. इसके लिए वे खुद ही चुनाव तैयारियों की समीक्षा करेंगी.’ साथ ही मायावती ने दावा किया कि ‘जनता आज उनकी सरकार को याद कर रही है. 2022 में एक बार फिर पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आएगी.’
आपको बता दें कि कांग्रेस भी आगामी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का एलान कर चुकी है. कांग्रेस और बसपा दोनों ही दल प्रदेश में एक बार फिर अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने में जुटी है. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी जहां पार्टी की मजबूती को लेकर लगातार प्रयासरत है. तो वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती भी अब पहले की तुलना में काफी एक्टिव नजर आ रही है. ऐसे में दोनों ही पार्टियों किस आधार पर इसकी घोषणा की है इसका पता लगाना थोड़ा मुश्किल लग रहा है.