बीजेपी पर अकसर आरोप लगता है कि पार्टी वन मैन आर्मी है और इसके कमाण्डर हैं नरेंद्र मोदी. अगर देखा जाए तो यह बात गलत भी नहीं है. कुछ ऐसा ही देखने को मिला आज बीजेपी के दिल्ली मुख्यालय में, जहां पीएम नरेंद्र मोदी सहित पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, राजनाथ सिंह और अरूण जेटली ने भाजपा का चुनावी घोषणा पत्र जारी किया. यहां एक बात तो गौर करने लायक रही, वह थी कि संकल्प पत्र से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की फोटो नदारद थी. फ्रंट पेज पर नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगी थी. यहां तक की बीजेपी के भामाशाह लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी न तो मंच पर दिखाई दिए और न ही या सभागार में उपस्थित थे.
याद दिला दें कि पिछले साल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो चुका है. वहीं आडवाणी और जोशी का लोकसभा टिकट इस बार काट दूसरे नेताओं को दे दिया गया है. संभवत: यह पहला मौका है जब लोकसभा चुनाव के लिए जारी होने वाले बीजेपी के घोषणा पत्र में लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी मौजूद नहीं थे. गौर देने वाली बात यह भी है कि पिछले लोकसभा चुनाव तैयार हुआ संकल्प पत्र डॉ. मुरली मनोहर जोशी की अगुवाई में ही बना था.
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याद दिला दें कि अटल-आडवाणी ने मिलकर बीजेपी पार्टी की स्थापना की थी. कभी दो सीटें जीतने वाली बीजेपी को यहां तक पहुंचाने में लालकृष्ण आडवाणी की संगठन क्षमता और रणनीति का खासा योगदान रहा है. वहीं वाजपेयी अपनी तर्क शक्ति और शब्दों की जादूगरी से राजनीति के सबसे लोकप्रिय नेता बन गए. तीसरी धरोहर के रूप में मुरली मनोहर जोशी का नाम आता था. वह पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं. कुछ सालों पहले तक बीजेपी केवल इन तीन नेताओं की वजह से जानी जाती थी. इन तीनों के लिए बीजेपी का नारा ‘भारत मां के तीन धरोहर, अटल-आडवाणी और मुरली मनोहर’ कार्यकर्ता अभी तक गुनगुनाया करते हैं.
लेकिन आज हो हुआ, उसे देखकर तो यही कहा जा सकता है कि जैसे घरों में पुराने फोटो फ्रेम को बदल नया लगा दिया जाता है और उसे उठाकर घर से बाहर फेंक दिया जाता है. उसी तरह पहले इन वरिष्ठ नेताओं का टिकट काट बाहर का रिश्ता दिखाया जा चुका है. उसके बाद अब पार्टी के घोषणा पत्र के साथ मंच और सभागार से भी आउट कर पार्टी से पूरी तरह बेदखल करने का रास्ता भी साफ कर दिया है. कहना गलत न होगा कि अब पार्टी पूर्ण रूप से मोदीमय हो चुकी है.