Politalks.News/Uttarpradesh. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती अब पूरी तरह फोम में नजर आ रही हैं. सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में आयोजित ‘प्रबुद्ध सम्मेलन’ के समापन समारोह में शिरकत करते हुए बसपा कार्यकर्त्ता एवं यूपी की जनता को संबोधित किया. काफी लम्बे समय बाद किसी सार्वजानिक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची मायावती ने कोरोना संकट के दौरान उन पर लगे आरोपों पर सफाई भी दी साथ बसपा कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र भी दिया. इस दौरान मायावती ने कहा कि इस बार हमारी सरकार बनने पर हमारा पूरा फोकस उत्तरप्रदेश की तस्वीर बदलने पर रहेगा. इसके साथ ही मायावती ने दावा किया कि सर्व समाज के साथ ब्राह्मणों की जुगलबंदी से उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनने जा रही है.
लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार सार्वजानिक कार्यक्रम में दिखी मायावती
साल 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद यह पहला मौका है जब मायावती ने किसी सार्वजानिक कार्यक्रम में हिंसा लिया है. बसपा की ओर से 23 जुलाई 2021 को पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की अगुवाई में अयोध्या से प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठी का शुभारम्भ किया गया था. उसी कड़ी में लखनऊ में मॉल एवेन्यू स्थित पार्टी कार्यालय पर प्रबुद्ध वर्ग के सम्मेलन का समापन किया. प्रभुद्ध वर्ग सम्मलेन में भाग लेने पहुंची मायवती ने पार्टी कार्यकर्ताओं एवं सूबे की जनता से कहा कि हमारी सरकार ने दलित आदिवासी समाज के धार्मिक संतों और गुरुओं का पूरा सम्मान किया है.
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ब्राह्मणों की जुगलबंदी से 2022 में बनेगी बसपा सरकार- मायावती
प्रबुद्ध सम्मलेन को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि अगर ब्राह्मण बसपा के साथ आए तो निश्चित रूप से 2007 की तरह ही 2022 में भी हमारी सरकार बनेगी. मायावती ने ब्राह्मणों से वादा किया कि ब्राह्मणों के सम्मान, स्वाभिमान व रोजी-रोटी का वह पूरा ख्याल रखेंगी. पहले सपा और बाद में भाजपा सरकार में ब्राह्मणों का उत्पीड़न होता रहा है. कुछ घटनाएं तो उनके साथ ऐसी हुईं जो राष्ट्रीय स्तर तक चर्चित रहीं. मायावती ने अपने संबोधन में ये दावा भी किया कि इस बार सर्व समाज के साथ ब्राह्मणों की जुगलबंदी से उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनने जा रही है.
मायावती ने आगे कहा कि प्रबुद्ध सम्मलेन के पहले चरण में सतीश चंद्र मिश्रा ने ब्राह्मण वर्ग को सफलतापूर्वक जोड़ने का काम किया. अब इसके दूसरे चरण में हम छोटे शहरों और गांवों में युद्ध स्तर पर लोगों को बसपा से जोड़ने का अभियान चलाएंगे. प्रत्येक विधानसभा में ब्राह्मण समाज के 1000 कार्यकर्ताओं को तैयार करना है. इस बार प्रबुद्ध वर्ग की महिलाओं को भी पार्टी के साथ जोड़ने का काम होगा.
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पार्क और स्मारक बनवाने की जगह अब होगा यूपी के पुरे विकास पर फोकस- मायावती
प्रबुद्ध वर्ग सम्मलेन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती बड़ा बयान देकर सभी को चौंका दिया. मायावती ने साफ साफ कहा कि अब अगर उत्तर प्रदेश में हमारी सरकारी बनती है तो अबकी बार हम पार्क और स्मारक बनवाने के बजाय प्रदेश के विकास पर ही पूरा फोकस रखेंगे. वहीं केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों को लेकर मायावती ने कहा कि बसपा किसानों के साथ है. आज करीब एक साल से देश भर का किसान आंदोलनरत है. इस दौरान 500 से ज्यादा किसानों की मौत भी हो चुकी है. अगर प्रदेश में बसपा की सरकार बनती है तो हम केंद्र द्वारा जबरदस्ती थोपे गए कृषि कानूनों को यूपी में लागू नहीं होने देंगे. मायवती ने आगे कहा कि भाजपा सरकार में किसानों की आय दोगुना तो नहीं हुई, लेकिन तीन काले कृषि कानून लाकर उनपर अत्याचार जरूर किया गया है .
भाजपा कर रही है मुसलमानों के साथ सौतेला व्यवहार- मायावती
वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने संघ पर निशाना साधते हुए कहा कि मोहन भागवत ने कहा था कि हिंदू और मुसलमान का डीएनए एक है और उनके पूर्वज एक हैं लेकिन मैं पूछना चाहती हूं कि अगर उनके पूर्वज एक हैं तो भाजपा उनके साथ सौतेला व्यवहार क्यों कर रही है? वहीं यूपी चुनाव से पहले मुसलामानों को साधने के लिए मायावती ने कहा कि मुसलमानों को मेरठ के मलियाना कांड व मुजफ्फरनगर कांड को नहीं भूलना चाहिए. कांग्रेस और सपा दोनों की ही सरकारों में मुस्लिमों का यह हाल हुआ था यह हम सब अच्छे से जानते हैं.
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कोरोना में बाहर निकलती तो बीजेपी फंसा देती झूठे मुकदमे में- मायावती
वहीं अपने संबोधन के दौरान मायावती ने कहा कि उनके बारे में कई ऐसी बातें फैलाई जा रही हैं कि वह कोरोना संकट के दौरान कुछ नहीं कर रही हैं. लेकिन में यह कहना चाहूंगी कि मैं कोरोना संकट में जानबूझकर लखनऊ दफ्तर से काम कर रही हूं क्योंकि कोरोना संकट के दौरान अगर मैं अपने कार्यकर्ताओं के साथ बाहर निकलूंगी तो बीजेपी बेवजह हमारे कार्यकर्ताओं को झूठे मुकदमे में फंसा देती. ऐसे में कार्यकर्ता चुनाव जिताने की जगह अपना वक्त थाने, कोर्ट-कचहरी में ही बर्बाद करते रहते.