Politalks.News/Maharashtra. जैसा कि पॉलीटॉक्स ने पहले भी अपनी खबरों में बताया था कि भारतीय जनता पार्टी में दुनिया की एक प्रचलित कहावत बहुत चरितार्थ होती है कि ‘एक हाथ से ले दूसरे हाथ से दे.’ यानी कुछ हमने किया, अब बारी आपकी है. पिछले कुछ दिनों से कंगना रनौत और महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार के साथ उठा ‘तूफान‘ अब शांत हो रहा है. यह सभी जानते हैं कि कंगना के उद्धव ठाकरे सरकार को चुनौती देने के पीछे किसका हाथ है. अभी तक अभिनेत्री रनौत की ताकत के पीछे भाजपा कदम-कदम पर साथ खड़ी रही, कंगना भी भाजपा की उम्मीदों पर अभी तक खरी उतरी है. अब बीजेपी को कंगना की ललकार पसंद आ गई है. पार्टी अब कंगना को अभिनेत्री से अपनी ‘फायरब्रांड नेत्री‘ बनाने की तैयारी में जुट गई है.
इसी को लेकर आरपीआई के मुखिया और भाजपा सरकार में केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने गुरुवार शाम को मुंबई स्थित अभिनेत्री रनौत के घर पर जाकर मुलाकात की. अठावले ने अभिनेत्री को भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करने का निमंत्रण दिया है. वैसे सियासी गलियारों में चर्चा है कि केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले को भारतीय जनता पार्टी के दूत के रूप में देखा जा रहा है. आरपीआई अध्यक्ष अठावले का मुंबई में अच्छा जनाधार माना जाता है. साथ ही उनकी पार्टी आरपीआई केंद्र की भाजपा सरकार में सहयोगी दल भी है.
हालांकि अभी तक अभिनेत्री कंगना ने राजनीति में आने के लिए स्थिति स्पष्ट नहीं की है लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि रनौत जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकती हैं. अभिनेत्री के गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में भी भाजपा की सरकार है. हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एक्ट्रेस कंगना रनौत को भाजपा में लाने के लिए जी जान लगाए हुए हैं.
पूरी तरह भाजपाई शैली नजर आने लगी है कंगना की भाषा में-
कहते हैं जैसा खाएं अन्न, वैसा हो जाए मन और जैसा पिए पानी, वैसी हो जाए वाणी…. बोलने के लिहाज से कंगना रनौत वैसे तो शुरू से ही किसी बड़ी पार्टी के नेता से कम कभी नहीं रहीं हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से अगर गौर करें तो अभिनेत्री कंगना रनौत की भाषा पूरी तरह भाजपाई नजर आएगी. कंगना को भाजपा से मिले सपोर्ट और ‘Y‘ श्रेणी सुरक्षा के बाद मुंबई में बीएमसी द्वारा कंगना के दफ्तर तोड़े जाने के कंगना ने अपने ट्वीट में लिखा- मणिकर्णिका फ़िल्म में पहली फ़िल्म अयोध्या की घोषणा हुई, “यह मेरे लिए एक इमारत नहीं राम मंदिर ही है, आज वहाँ बाबर आया है, आज इतिहास फिर खुद को दोहराएगा राम मंदिर फिर टूटेगा मगर याद रख बाबर यह मंदिर फिर बनेगा यह मंदिर फिर बनेगा, जय श्री राम , जय श्री राम , जय श्री राम.”
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वहीं हाल ही में कंगना रनौत ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना को पहले सोनिया सेना कहा और फिर सोनिया गांधी को ट्वीट करते हुए लिखा- प्रिय आदरणीया सोनिया गांधी जी ने एक महिला होने के नाते महाराष्ट्र में आपकी सरकार द्वारा दिए गए कृत्य से आपको पीड़ा नहीं हुई? क्या आप डॉ अंबेडकर द्वारा हमें दिए गए संविधान के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए अपनी सरकार से अनुरोध नहीं कर सकती? आप पश्चिम में पली-बढ़ीं हैं और अब यहां भारत में रहती हैं. महिला होने के नाते आप महिलाओं के संघर्ष से अवगत हैं. जब आपकी खुद की सरकार महिलाओं का उत्पीड़न कर रही है और कानून और व्यवस्था का पूरा मजाक बना रही है, इस पर आपकी चुप्पी पर आगे इतिहास न्याय करेगा. मुझे उम्मीद है कि आप हस्तक्षेप इसमें हस्तक्षेप करेंगी.
भाजपा में फायर ब्रांड नेताओं का सियासी भविष्य अच्छा रहा है-
भारतीय जनता पार्टी में फायर ब्रांड नेताओं का ‘सियासी भविष्य’ अच्छा रहा है. अगर हम बात करें 80 के दशक में जब भाजपा का उदय हुआ था तब से ही भाजपा में कई फायर ब्रांड नेता उभर कर आए थे लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, नरेंद्र मोदी (जब गुजरात की राजनीति में सक्रिय थे) विनय कटियार, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा आदि ऐसे नेता रहे हैं जिनकी छवि सियासी गलियारे में फायर ब्रांड के रूप में देखी जाती थी. इनमें से नरेंद्र मोदी ही ऐसे रहे जो प्रधानमंत्री हैं और केंद्र की राजनीति में सक्रिय हैं.
पिछले एक दशक में भारतीय जनता पार्टी में फायर ब्रांड नेताओं की कमी होने लगी है. हालांकि पार्टी के पास आज भी कई कुशल रणनीतिकार और प्रवक्ता मौजूद हैं लेकिन यह सब भाजपा कार्यालय में रणनीति बनाने में लगे रहते हैं. भाजपा को एक ऐसी ‘तेजतर्रार और हिंदू विचारधारा‘ वाली नेता चाहिए जो फील्ड (मैदान) में जाकर पार्टी के लिए दहाड़ सके’.
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अभी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भोपाल की भारतीय जनता पार्टी की सांसद साध्वी प्रज्ञा पार्टी में फायर ब्रांड नेता के रूप में पहचाने जाते हैं. भाजपा के कई नेता कंगना रनौत को पार्टी में शामिल कराने के लिए प्रयास में जुटे हुए हैं. इसकी कवायद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुरू कर दी है. अभिनेत्री कंगना के पास हिंदू विचारधारा, मैदान में ललकारने वाली आवाज समेत वह सब कुछ है जिसकी भाजपा को जरूरत है.
अभिनेत्री कंगना की मां आशा रनौत जुड़ीं भाजपा से-
अभिनेत्री कंगना रनौत की मां आशा रनौत ने अपनी बेटी को सुरक्षा मुहैया करवाने और हर कदम पर साथ देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का आभार जताया है. इसी के साथ आशा रनौत कांग्रेसी विचारधारा को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गईं हैं. भाजपा से जुड़ने के बाद आशा रनौत ने कहा कि उनका परिवार कांग्रेस पार्टी की विचारधारा से जुड़ा रहा है, लेकिन जब कंगना पर परेशानी आई तब भाजपा ने उसका खुलकर साथ दिया.
अभिनेत्री की मां ने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली और हिमाचल प्रदेश में जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार उनकी मदद के लिए खड़ी हुई। आशा ने कहा कि बीजेपी ने उनकी बेटी को सुरक्षा मुहैया करवाई. हालांकि आशा रनौत का ये बयान आने के बाद कयास लगाए जाने लगे हैं कि वे बीजेपी का दामन जल्द ही थाम सकती हैं.
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दूसरी ओर भाजपा केंद्रीय आलाकमान की ओर से आशा को पार्टी में ज्वाइन करने संबंधित कोई अधिकारिक बयान अभी तक नहीं आया है. दूसरी ओर भाजपा के कई दिग्गज नेता ऐसे हैं जो अभिनेत्री कंगना रनौत को पार्टी में शामिल कराने के लिए प्रयासरत हैं.