Politalks.News/Rajasthan. केंद्र की मोदी सरकार पर कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला द्वारा लगाए गए आरोपों पर राजस्थान भाजपा के नेताओं ने पलटवार किया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने शुक्ला के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि जिस कांग्रेस ने अपने शासनकाल में देश के हित व साख बेची थी और आज भी कांग्रेस की सोच वैसी ही है. वहीं विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि राजीव शुक्ला किस मुंह से विरोध कर रहे हैं, 2जी, कोलगेट, और आदर्श जैसे घोटालों के कारण तत्कालीन यूपीए सरकार एक अलग तरह के मुद्रीकरण पर फोकस कर रही थी.
दरअसल, केन्द्र सरकार की NMP स्कीम और महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस हमलावर है. देशभर में कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जनता के सामने अपनी बात रख रहे हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को जयपुर में कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य राजीव शुक्ला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘केंद्र सरकार मोनेटाइजेशन स्कीम के नाम पर देश बेच रही है. बीजेपी सरकार को रोका नहीं गया तो कल को ये जयपुर का हवामहल, आमेर और चित्तौड़गढ़ का किला भी बेच देंगे. ये देश की धरोहरों को बेच देंगे. केंद्र सरकार ने पिछली बार लाल किला को कोलकाता की एक कंपनी को देने की तैयारी कर ली थी’. शुक्ला ने तंज कसते हुए कहा कि, ‘जनता ने आपको देश बेचने के लिए सत्ता नहीं दी थी’. राजीव शुक्ला पीसीसी में मीडिया से बातचीत कर रहे थे.
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राजीव शुक्ला के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि 2008 से लेकर 2013 तक यूपीए ने अनेक मंचों से भारत के हित बेचने का कार्य किया, जिसके बारे में पूरा देश जानता है. 10 वर्षों तक सरकार में रही भ्रष्ट यूपीए को देश की जनता ने लगातार दो बार सबक सिखाते हुए विपक्ष के दर्जे लायक भी नहीं छोड़ा. पूनियां ने कहा कि राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन ( नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन) के तहत मोदी सरकार का रेल, सड़क और बिजली जैसे क्षेत्रों में 6लाख करोड रुपए की इंफ्रास्ट्रक्चर संपत्ति को 4 सालों में मोनिटाइज करने का प्रावधान है. मोदी सरकार की विनिवेश नीति को लेकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दूरदर्शी सोच है, जिससे जो परिसंपत्तियों दशकों से किसी काम में नहीं आ रही थी लेकिन अब उनका उपयोगी इस्तेमाल होगा और उनसे संबंधित क्षेत्रों में उत्पादकता और लाभ दोनों संभव हो सकेंगे.
सतीश पूनियां ने आगे कहा कि एनएमपी के तहत जमीन का मोनेटाइजेशन नहीं किया जाएगा, केवल ब्राउनफील्ड परिसंपत्तियों का ही मोनेटाइजेशन किया जाएगा, मोनेटाइज परिसंपत्तियों पर मालिकाना हक सरकार के पास ही रहेगा, इनको तय समय के बाद सरकार को वापस करना अनिवार्य है . किसी भी सार्वजनिक विकास योजना के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का मजबूत ढांचा बनाने पर जोर होता है और केंद्र सरकार यह करने पर विशेष जोर दे रही है. पूनियां ने कहा कि मोदी सरकार परिसंपत्तियों के मोनेटाइजेशन से राजस्व जुटाने के साथ ही इनके इंफ्रास्ट्रक्चर के रखरखाव और विस्तार पर भी विशेष कार्य कर रही है.
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सतीश पूनियां ने कहा कि, राजीव शुक्ला अपने गिरेबान में झांके कि, देश की साख गिराने वाली यूपीए ने कॉमनवेल्थ कोयला, 2G, 3G, आदर्श सोसाइटी, अगस्ता वेस्टलैंड, नेशनल हेराल्ड, किसानों की जमीनें अनेकों घोटाले कर भारत की साख, समृद्धि व विकास को ठप करने का काम किया. पीएम मोदी के राज में ना लालकिला बिकेगा, ना आमेर का किला बिकेगा और ना कांग्रेस की तरह देश का ईमान बिकेगा. पूनियां ने कहा प्रधानमंत्री मोदी देश के स्वाभिमान को दुनिया में बढ़ा रहे हैं और भारत को हर क्षेत्र में आर्थिक उन्नति के साथ आत्मनिर्भर बना रहे हैं, और वह दिन भी दूर नहीं जब भारत विश्व शक्ति बनेगा.
प्रदेश की गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए सतीश पूनियां ने कहा कि, ढाई साल में जनविरोधी गहलोत सरकार ने पूरे प्रदेश को बर्बाद कर दिया. आज देश में सबसे महंगी बिजली राजस्थान में देकर भ्रष्टाचार के कारण किसानों व उपभोक्ताओं को मिलने वाली बिजली में गहलोत सरकार कटौती कर रही है. पूनियां ने कहा कि, कांग्रेस के बाहर से आने वाले नेताओं को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को यह बताना चाहिए कि वह खुद प्रदेश की बहन बेटियों की सुरक्षा, उनकी अस्मत की रक्षा करने में नकारा साबित हुए हैं, साथ ही किसानों-नौजवानों से किए हुए चुनावी वादे पूरे करने में पूरी तरह विफल साबित हो चुके हैं.
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वहीं कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला के आरोपों पर पलटवार करते हुए बीजेपी के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठाैड़ ने कहा कि केंद्र सरकार परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (इनविट) और रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (रीट) का उपयोग करेगी जो म्यूचुअल फंड की तरह विभिन्न निवेश की पुलिंग करेंगे. विडम्बना है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में ही दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों का निजीकरण हुआ था. साथ ही 2जी, कोलगेट, और आदर्श जैसे घोटालों के कारण तत्कालीन यूपीए सरकार एक अलग तरह के मुद्रीकरण पर फोकस कर रही थी. अब राजीव शुक्ला किस मुंह से विरोध कर रहे हैं?